कोतमा- आमीन वारसी- आज 15 नवम्बर को भगवान बिरसा मुंडा की जंयती गौरव दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री माननीय मोदी जी मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री माननीय मोहन यादव जी सहित तमाम भारतीय जनता पार्टी शीर्ष नेतृत्व द्वारा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती गौरव दिवस बडे़ ही धूमधाम से मनाई गई साथ ही कार्यक्रम में आदिवासियों का सम्मान किया गया !
वही दूसरी ओर सासंद विधायक मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी पदाधिकारी जनप्रतिनिधि आदिवासियों का अपमान करतें नज़र आ ही जातें है ! जिसे देखकर ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी सरकार का आदिवासियों के प्रति इतना प्रेम कही महज़ एक दिखावा तो नही !
हम बात कर रहें कोतमा नगर पालिका में चल रही मनमानी की जहाँ नेताओं द्वारा अपनें निजी स्वार्थ के लिए सारे नियम कानून एवं संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही ! बीते दिनों राज्य मंत्री के कर कमलों द्वारा कोतमा नगर पालिका में प्रेसिडेंट इन काउंसिल का गठन किया गया ! जिसमें निर्वाचित आदिवासी पार्षदों को सदस्य नही बनाया गया ! जबकि नगर पालिका विधि संग्रह अधिनियम उपनियम अनुसार प्रेसिडेंट इन काउंसिल में सात सदस्य होने चाहिए जिसमें कम से कम एक अनुसूचित जाति का या एक अनुसूचित जनजाति से निर्वाचित पार्षद का प्रेसिडेंट इन काउंसिल में सदस्य होना आवश्यक है ! लेकिन फिर भी मंत्री जी एवं नगर पालिका अध्य्क्ष जी द्वारा भारतीय जनता पार्टी से निर्वाचित आदिवासी पार्षदों को दरकिनार कर दिया गया ! अब सवाल यह है कि क्या प्रेसिडेंट इन काउंसिल का गठन नगर पालिका अधिनियम पढ़कर नही किया गया या फिर मंत्री जी अध्यक्ष जी की नज़र में गरीब आदिवासी पार्षदों की कोई अहमियत ही नही है ! मनमाने तरीके से नियम विरूद्ध प्रेसिडेंट इन काउंसिल का गठन कर परिषद चलाई जा रही जो गलत है पी आई सी में नियमानुसार जनजाति पार्षदों को भी शामिल करना चाहिए !
वही सीधी से जानकारी मिली कि भारतीय जनता पार्टी की मध्यप्रदेश सरकार में कुटीर-ग्रामोद्योग राज्य मंत्री एवं सीधी जिलें के प्रभारी मंत्री दिलीप जायसवाल जी का एक वीडियो सामनें आया है वीडियो में कुछ गरीब आदिवासी महिलाएं मंत्री जी के पैरों पर गिरी पड़ी नजर आ रही हैं और मंत्री उन्हें उठाने की कोशिश भी नहीं कर रहे हैं !
दरअसल कुछ दिन पहले वन विभाग के कर्मचारियों ने सीधी जिलें के चिलरी गांव में कुछ आदिवासियों का मकान अतिक्रमण बता कर तोड़ दिया जब ग्रामीणों ने उसका विरोध किया तो ग्रामीणों के साथ मारपीट भी की गई थी! ग्रामीणों ने इसकी शिकायत कलेक्टर एसपी सहित स्थानीय थाना प्रभारी से की लेकिन पीड़ित गरीब आदिवासियों की कहीं किसे ने नही सुनी ! जब इस बात की ग्रामीणों को जानकारी मिली कि जिलें के प्रभारी मंत्री बुधवार को बैठक के लिए कलेक्ट्रेट आ रहे हैं तो सभी पीड़ित गरीब आदिवासी ग्रामीण वहां पहुंच गए इनमें ज्यादातर महिलाएं थीं ! प्रभारी मंत्री जी जायसवाल को देखते ही सभी महिलाएं मंत्री जी को अपनी आप बीती बतातें हुए मंत्री जी के पैरों में गिर गई ! लेकिन मंत्री जी को पीड़ित गरीब आदिवासी महिलाओं पर जरा भी दया नही आई !
No comments:
Post a Comment