Thursday, October 3, 2024

आखिर कौन से चश्मे से देखी जा रही नगर की स्वच्छता


कोतमा- आमीन वारसी- स्वच्छ भारत अभियान मिशन के तहत अनूपपुर  कलेक्टर द्वारा एक बार फिर स्वच्छता पखवाड़ा चलाया जा रहा है ! अनूपपुर कलेक्टर द्वारा सभी नगर पालिकाओं को यह निर्देशित किया गया हैं कि नगर की प्रत्येक गलियों को साफ सुथरा एवं स्वच्छ रखें साथ ही प्रतिदिन नियमित रूप से नालियों की साफ सफाई कराई जाए और खुली नालियों की ढकाई सहित नियमित रूप से मॉनिटरिंग करें ! लेकिन नगर पालिका कोतमा में ठीक इसके विपरीत देखने को मिल रहा है ऐसा नही है कि नगर पालिका क्षेत्र में साफ सफाई नही कि जा रही है ! लेकिन सिर्फ मुख्य मुख्य जगह चौक चौराहे की में ही साफ सफाई करतें हुए फोटो खीचकर उसी फोटो को सोशल मीडिया में अपलोड किया जा रहा जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही दिखाई पड़ रहा !

साफ़ सफाई पर किये जा रहें लाखों खर्च फिर भी सब जस का तस-

नगर पालिका द्वारा हर महीने शहर की साफ-सफाई पर लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं ! फिर भी सड़कों गली मोहल्ले में कचरा ही कचरा नज़र आ रहा ! जबकि नगर की सफाई व्यवस्था के लिए नगर पालिका में एक सैकड़ा से ज्यादा सफाई कर्मचारी मौजूद हैं ! फिर भी साफ़ सफाई व्यवस्था जस की तस है ! और खर्च लाखों रुपए से अधिक किया जा रहा है ! जिसमें वाहनों के डीजल पर कर्मचारियों के वेतन पर कचरा वाहन मेंटेनेंस सहित स्वच्छता के नाम पर कई तरह के  खर्च किए जा रहें ! स्थिति यह है कि नगर के वार्डों में ठीक से साफ-सफाई नहीं होने से नाराज लोगों द्वारा नपा सीएमओ से कई बार शिकायत की जा चुकी है उसके बाद भी स्थिति तक जस की तस बनी हुई है ! 

डोर टू डोर कचरा वाहन नियमित नही-

साल 2017 -18 में नगर पालिका द्वारा स्वच्छता अभियान के तहत वार्डों में डोर टू डोर कचरा एकत्रित करनें के लिए लोडिंग वाहन चलाए गए थें ! लेकिन वर्तमान में यह वाहन वार्डों में डोर टू डोर कचरा एकत्रित करनें के लिए नियमित नहीं आ रहें हैं ! अगर आते भी है तो काॅलोनियों की मुख्य गलियों में घूमकर वापस लौट जाते हैं इस कारण से लोगों को मजबूरी में मोहल्लों की सड़कों और काॅलोनियों के अगल बगल खाली प्लाटों में कचरा फेंकना पड़ रहा जिस कारण मोहल्लों में एक बार फिर से गंदगी दिखाई पड़ रही है ! 

लाखों की डस्टबिन का कुछ अता पता नही-

बता दे कि नगर को साफ़ और स्वच्छ बनानें का दावा करनें वालें स्वच्छता अभियान चलानें वालें जिम्मेदार जनप्रतिनिधि लाखों रुपए की लागत से लोहे प्लास्टिक स्टील की डस्टबिन की‌ खरीददारी तो किये थें ! लेकिन उक्त डस्टबिन को कुछ जगहों पर रखा गया था अब उसका भी कुछ अता पता नही चल रहा ! हाँ इतना जरूर पता चल रहा है कि स्वच्छता अभियान के नाम पर समय समय पर सभी अपनी जेबें गर्म कर रहें है ! 

नाली हुई चोक -  

नगर पालिका द्वारा की जा रही साफ़ सफाई व्यवस्था पूरी तरह चौपट है वार्डों में बनी नालियां गंदगी से भरी पड़ी है ! नगर पालिका सफाई का ढिंढोरा पीट रही है लेकिन धरातल में कुछ और ही देखने को मिल रहा नालियों की साफ सफाई नहीं होने के कारण नाली कचरे से भरी पड़ी है ! जिस कारण बारिश होते ही नाली का गंदा पानी सड़कों पर बहने लगता है और नाली का गंदा पानी लोगों के घर में घुस रहा ! नगर के अंदर कई नालियां ऐसी है जो खुली पड़ी है उनकी ढकाई नहीं की गई जबकि नगर पालिका द्वारा वर्तमान में खुली नालियों की ढकाई के लिए टेंडर भी  दिया गया ! ठेकेदार की जिम्मेदारी है की खुली नालियों की ढकाई करवाये लेकिन उक्त ठेकेदार द्वारा नाली ढकाई नही किया जा रहा ! अगर साफ़ सफाई को लेकर सुपरवाइजर को इसकी जानकारी दी जाती है तो सुपरवाइजर द्वारा एक ही जवाब दिया जाता है कि वर्तमान में सफाई कर्मचारियों की कमी है ! खुली गंदी नालियों से आ रही दुर्गंध मच्छर भी पनप रहें कई प्रकार की बीमारियां होने का अंदेशा बना रहता है ! नगर के पुराना फटाक से अंडर ब्रिज वालें रास्तें पर सड़क के किनारे नाला का निर्माण करवाया गया था और उक्त नाला को जल स्रोत में मिलाया गया है लेकिन वर्तमान में वही नाला कचरा एवं गंदगी से भरा पड़ा है !

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