कोतमा- आमीन वारसी- जिले में नवागत अनूपपुर पुलिस अधीक्षक मोती उर रहमान के आतें ही लगातार चोरों उच्चकों एवं अवैध कारोबारियों पर कार्यवाहियां हो रही है ! लेकिन लगता है कि चोरों ने भी कसम खा रखी है कि पुलिस अधिकारी चाहें कितना भी शख्त आ जाए हम तो चोरी करेंगे ही ! दिनांक 19 सितम्बर की रात लगभग 9 बजे एस डी ओपी कार्यालय के सामनें ओवर ब्रिज के नीचे नीली कलर की बजाज पल्सर बाईक क्रमांक एमपी 65 एम ए 7716 वाहन मालिक फारुख कुरैशी पिता महबूब कुरैशी निवासी वार्ड नं 9 कोतमा अपनी पल्सर बाईक को लाक लगाकर खड़ी करके अपनें सास ससुर को रेल्वे स्टेशन मेमो ट्रेन में बैठानें गया था वापस लौटकर आया तो देखा कि उसकी बाईक नादारत थी जिसकी सूचना तत्काल ही कोतमा थानें में दी !
फिर देर रात वार्ड नं 8 कोतमा थानें के पीछे बी डी अंसारी के बाडा़ में किराये के मकान पर रहनें वालें शिवा साहू की नई टीवी एस मोपेड बाईक भी चोर चोरी कर ले गए ! मतलब ये कि एक ही रात में अज्ञात चोरों ने दो बाईक चोरी करके पुलिस की चुस्त दुरुस्त व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी ! जबकि इन दिनों अनूपपुर जिलें की पुलिस तेज तर्रार पुलिस कप्तान मोती उर रहमान की वजह से काफ़ी शख्त नज़र आ रही लगातार एक के बाद एक ताबड़तोड़ कार्यवाहियां कर रही ! फिर भी कोतमा थाना एसडीओ पी कार्यालय के सामनें और थानें के पीछे से एक ही रात में चोर दो बाईक चोरी करके जिलें में चल रही तमाम पुलिसिया कार्यवाही की बैड बजा दी!
आखिर वो कौन साहूकार है जो चोरी का सामान खरीद रहा
जब तक चोरी का सामान खरीदने वालों पर कार्यवाही नही होगी तब तक चोर पुलिस का खेल इसी तरह जारी रहेगा अधिकतर यह देखा गया है कि चोरी होने के बाद चोर जल्दी मिलता ही नही ऐसे बहोत से मामलें थानें में पडे़ हुए है और अगर चोर या फिर चोरी गया सामान पुलिस जप्त कर भी ली तो वह मामला टाय टाय फिस हो जाता है ! क्योंकि अक्सर पुलिस द्वारा यह बताया जाता है कि चोर को गिरफ्तार कर चोरी गया सामान जप्त कर लिया गया है ! लेकिन पुलिस ये कभी नही बताती कि चोरी का सामान कहाँ और किससे जप्त किया आखिर वो कौन महाजन व्यक्ति है जो चोरी का सामान खरीदता है ! सीधी सी बात है अगर चोर चोरी कर रहा तो निश्चित ही उक्त चोरी का सामान कही ना कही बेचता ही होगा ! हमारे देखने से ऐसा ही हो रहा चोर कभी घर का ताला तोड़कर घर ग्रहस्थी का सामान आभूषण तो कभी दो पहिया चार पहिया वाहन चोरी करके (चोरी वालें रेट में) चोरी का सामान किसी साहूकार को बेचकर मजे करता है ! अगर चोर पकड़ा गया तो साहूकार पुलिस से सेटिंग करके खुद बच जाता है और चोर पर मामला दर्ज करवाकर चोर के परिवार को आगें करके उक्त चोर की न्यायालय से जमानत करवा देता है ! और अगर चोर नही पकड़ा गया तो चोर और साहूकार दोनों के मजें ही मजें है इसलिए साहूकार का पकड़ा जाना भी बहोत जरूरी है जिस दिन साहूकारों पर कार्यवाहियां होना शुरू हो जाएगी समझों उस दिन से चोरी पर लगाम लगेगा !
No comments:
Post a Comment