Wednesday, June 26, 2024

मुफीद एक बार फिर हुए भाजपा के मुरीद वार्ड नं 14 के मतदाता मुंह ताकतें रह गए


कोतमा- आमीन वारसी - ये बात तो साफ़ हो चुकी है नेता आम जनता को मुर्ख बनाकर वोट लेकर सिर्फ अपना हित करतें है जनता हित नगर हित में कार्य करनें वालें नेता अब नही रहें पहलें राजनीति समाज सेवा हुआ करती थी आज राजनीति के मायने बदल गए है ! किसी भी दल का नेता हो वो सिर्फ अपना और अपनें परिवार का हित ही सोचता है ! इन नेताओं को जनता की समस्याओं से कोई लेना देना नही होता सिर्फ चुनाव के दौरान ही इन्हें आम जनता की याद आती है जिन्हें तरह तरह के झूठे आश्वासन प्रवचन भाषण देकर वोट के लिए लुभाते है फिर बाद में वही नेता चुनाव जीत कर जनता को भूल जातें है !

आईये बात करें मों मुफीद मझिला की- 

वर्ष 2022 में नगरीय निकायों का चुनाव हुआ और कोतमा नगर पालिका अंतर्गत वार्ड नं 14 लहसुई से भारतीय जनता पार्टी ने तीसरी बार वार्ड पार्षद प्रत्याशी मों मुफीद को बनाया काफ़ी जद्दोजहद के बाद मुफीद चुनाव जीत गए ! 
जैसे ही चुनाव परिणाम आया दोनों ही दल भाजपा कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत नही मिला तो भाजपा कांग्रेस के मुखिया नगर पालिका अध्य्क्ष बनानें जोड़ तोड़ की तैयारियों में जुट गए ! 
फिर क्या था कांग्रेस पार्टी के चाणक्य कहें जानें वालें नेता ने बाजी मार ली कांग्रेस चाणक्य ने भारतीय जनता पार्टी के कुछ तथाकथित दलाल दोगले स्वार्थी प्रवत्ति के नेताओं को अपनें साथ मिला लिया और तथाकथित दोगले भाजपाईयों से मों मुफीद को पद और पैसे का लालच दिलवाना शुरू कर दिया ! आखिर में ले देकर बात बन ही गई और तथाकथित दोगले भाजपाईयों ने मों मुफीद को कांग्रेस चाणक्य द्वारा बताएं गए स्थान भोपाल पहोचा दिया गया फिर पूर्व विधायक सुनील सराफ ने मोर्चा संभाला और कमलनाथ के हाथों मों मुफीद को कांग्रेस की सदस्यता दिला दी इस तरह मों मुफीद भाजपाई से कांग्रेसी हो गए ! अब एक बार फिर अध्यक्ष की कुर्सी बचानें मों मुफीद को भाजपा कांग्रेस ने मिलकर मों मुफीद को भाजपाई बना दिया कुल मिलाकर पूरा खेल अध्यक्ष की कुर्सी का है ! 

 अध्यक्ष की कुर्सी पर नेता क्यों बनें रहना चाहतें है - 

जनता का सवाल यह है कि अगर नगर पालिका अध्य्क्ष उपाध्यक्ष की कुर्सी नगर वासियों की सेवा सहित नगर विकास करनें के लिए है तो फिर अध्य्क्ष उपाध्यक्ष की कुर्सी पर इतना बवाल खरीद फरोख्त दल बदल जैसी चीजें नही होनी चाहिए ! अगर अध्य्क्ष उपाध्यक्ष की कुर्सी के लिए इतना कुछ हो रहा तो मतलब साफ़ है कि नगर पालिका अध्य्क्ष उपाध्यक्ष की कुर्सी नगर वासियों और नगर के विकास लिए नही है इसलिए सारी गुणा गणित चल रही !

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