कोतमा - आमीन वारसी- शहडोल संभाग की एकलौती समान्य सीट कोतमा विधान सभा क्षेत्र में ऐसा चुनावी घमासान मचा हुआ है अभी से चुनाव परिणाम के बारे में कुछ कह पाना जल्दबाजी होगी क्योकि कोतमा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय और राष्ट्रीय पार्टी प्रत्याशी मिलाकर लगभग एक दर्जन से अधिक नामांकन पत्र दाखिल हो सकते है ! भारतीय जनता पार्टी से दिलीप जायसवाल कांग्रेस पार्टी से सुनील सराफ प्रत्याशी बनाएं गए है अभी ये भी कह पाना मुश्किल है कि किसकी जीत होगी !
क्योंकि टिकट वितरण के पूर्व जो कयास लगाए जा रहे थें ठीक उससें विपरीत स्थितियां दिखाई पड़ रही है पहलें यह था कि भाजपा और कांग्रेस किसी नए चेहरे को प्रत्याशी बनाएगी ! लेकिन दोनों ही पार्टीयों ने अनोखा निर्णय लिया है या यूँ कहें कि कोतमा विधानसभा क्षेत्र की आम जनता को सोचने पर मजबूर कर दिया है भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ने ही वही पुरानें घिसे पिटे प्रत्याशियों को क्षेत्र की जनता पर थोप दिया ! अगर भाजपा प्रत्याशी की बात करें तो 2008 से 2013 तक दिलीप जायसवाल ने विधायक रहते हुए कोतमा विधानसभा क्षेत्र के लिए कोई ऐसा कार्य नहीं किया है जिससें विधानसभा क्षेत्र की जनता दिलीप जायसवाल को दोबारा वोट दे शिवराज और मोदी की उपलब्धि बताकर जनता से वोट ना मांगें प्रत्याशी अपनी उपलब्धि बताए कि कोतमा विधानसभा क्षेत्र के कौन से गांव और कौन से नगर में विकास कार्य एवं जनता हित में कौन सा कार्य किया है पहले बताए फिर वोट देंगे इस तरह की पूरे विधानसभा क्षेत्र में चर्चा गर्म है ! तो वही कांग्रेस प्रत्याशी सुनील सराफ का विरोध भी सर चढ़कर बोल रहा वर्ष 2018 से 2023 तक के कार्यकाल में हुई कमियों को लेकर जनता नाराज है अपनें विधायक से काम काज पर बात करना चाहती है ! साथ ही नाराज कांग्रेसी जीतो 23 ग्रुप कांग्रेस प्रत्याशी सुनील सराफ को दोबारा विधायक बनतें बिल्कुल भी नही देखना चाहतें ! हर हाल में नाराज कांग्रेस सुनील सराफ को हराना चाहती है उसके लिए प्रतिदिन बैठक कर नई नई रणनीत तैयार की जा रही ! भले ही कोई कुछ भी कहें लेकिन वर्ष 2018 की तरह सुनील सराफ के लिए 2023 का विधानसभा चुनाव जीतना आसान नही दिखाई पड़ रहा !
भाजपा प्रत्याशी दिलीप जायसवाल नाराज भाजपा को मनाने में लगें हुए है घर घर जाकर एकजुट कर रहें है ! अगर दिलीप जायसवाल नाराज भाजपा को मनानें में सफल हो जातें है और नाराज भाजपा सच्चे मन से मेहनत करेगी तो शायद भाजपा प्रत्याशी की जीत हो सकती है ! क्योंकि कांग्रेस प्रत्याशी सुनील सराफ को ग्रामीण क्षेत्र की जनता का समर्थन अवश्य मिल रहा लेकिन शहरी क्षेत्र कोतमा बिजुरी राजनगर की जनता अभी साइलेंट मूड में है और सही समय का इंतजार कर रही !
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का एक बड़ा समूह सुनील सराफ का समर्थन करनें को बिल्कुल भी तैयार नही है और कांग्रेस प्रत्याशी को चुनाव जीतने के लिए कार्यकर्ताओं का साथ अति आवश्यक है ! वो इसलिए कि कार्यकर्ता अपनें नेता प्रत्याशी के लिए जमीन पर काम करता है तब कही जाकर उस नेता प्रत्याशी की जीत होती है ! वैसे चुनावी तस्वीर पल पल बदलती रहती है हम वही बता रहें जो दिखाई पड़ रहा अब आगें क्या होगा ये कहना मुश्किल है !
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