Friday, October 20, 2023

सुनील बनें प्रत्याशी मनोज की राजनीति का हो गया सूर्यास्त


कोतमा- आमीन वारसी- क्रिकेट मैच की तरह राजनैतिक मैदान में भी गेंद कब किस के पाले में आ जाए कुछ कहा नही जा सकता ठीक उसी तरह कोतमा विधानसभा चुनावी मैदान पर लाख विरोध करने के बाद भी आखिर गेंद सुनील सराफ के पाले में आ ही गई ! अब ये अलग बात है कि सुनील सराफ चुनावी मैदान में विरोधियों को क्लीन बोल्ड कर पाते है या नही ! लेकिन एक बात सच है कि कोतमा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी के धुरंधर नेता कहें जानें वालें मनोज अग्रवाल की राजनीति का सूर्यास्त हो गया ! हलाकि इसके जिम्मेदार भी खुद मनोज अग्रवाल ही है मनोज अग्रवाल ने पार्टी संगठन एवं कार्यकर्ताओं को  जोड़ कर रखा लेकिन जनता हाथ से निकल गई ! कांग्रेस पार्टी ने वर्ष 2008 में कोतमा विधानसभा सामान्य सीट से पहली बार मनोज अग्रवाल को विधायक पद के लिए प्रत्याशी बनाया था लेकिन चुनाव हार गए ! वर्ष 2013 में कांग्रेस पार्टी ने मनोज अग्रवाल पर पुनः विश्वास जताया और प्रत्याशी बना दिया ! पहला चुनाव हार जानें से कोतमा विधानसभा क्षेत्र की जनता की संमपैथी मनोज अग्रवाल से जुड़ गई और मनोज चुनाव जीत गए ! ये अलग बात है प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नही बनी लेकिन चुनाव जीतकर विधायक रहतें हुए मनोज अग्रवाल को विधानसभा क्षेत्र का भ्रमण करतें रहना था विधानसभा क्षेत्र के लोगों से मिलकर उनकी समस्या का समाधान करतें रहना था ! मगर प्रदेश में सरकार ना बननें से निष्क्रिय होकर मनोज घर पर आफिस खोल कर बैठ गए और जनता अपनें विधायक को क्षेत्र में ढूंढ रही थी ! नतीजा ये हुआ कि वर्ष 2013 से 2018 तक जनता और मनोज अग्रवाल के बीच की दूरी काफ़ी बढ़ गई ! 

सुनील को मिला इसका फायदा-

वर्ष 2013 से 2018 तक सुनील सराफ ने कोतमा विधानसभा क्षेत्र भ्रमण कर क्षेत्र की जनता में अपनी एक अलग पहचान बना ली साथ ही पार्टी और संगठन तक ये बात पहोचा दी कि मै विधायक बननें योग्य हूँ ! और सुनील सराफ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ पैदल नर्मदा परिक्रमा पर निकल पड़े ! फिर क्या था कांग्रेस पार्टी एवं संगठन ने कोतमा विधानसभा का सर्वे कराया और वर्ष 2018 में सुनील सराफ को प्रत्याशी बना दिया और जनता ने आपना आशीर्वाद देकर विधायक बना दिया ! सुनील सराफ अपनें विधायकी कार्यकाल में विधानसभा क्षेत्र में बने रहें विधानसभा क्षेत्र की जनता से मिलते रहें उनकी समस्याओं का समाधान करतें रहें ! जिसका फायदा ये हुआँ कि कांग्रेस पार्टी संगठन सर्वे में एक बार फिर सुनील सराफ आगें निकल गए और लाख विरोध होने के बावजूद पुनः कोतमा विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित कर दिए गए ! अब सुनील की जीत होगी या हार ये आनें वाला समय बताएगा ! लेकिन एक बात सच है अबकी बार सुनील सराफ की राह आसान नही होगी चुनावी मैदान में कई प्रत्याशियों से लड़ना पड़ेगा !

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