Saturday, September 30, 2023

नाराज भाजपा और (जीतो) 23 प्रत्याशियों के भाग्य का करेंगे फैसला


कोतमा - आमीन वारसी - विधानसभा सीट भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशियों को लेकर ऐसी फस गई है कि अभी कुछ कहना जरा जल्द बाजी होगी भारतीय जनता पार्टी ने कोतमा विधानसभा से पूर्व विधायक दिलीप जायसवाल को प्रत्याशी घोषित कर दिया है ! तो वही कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा होना अभी बाकी है ! ये बात तो सोलह आनें सच है कि भारतीय जनता पार्टी ने दिलीप जायसवाल को प्रत्याशी बना कर अन्य भाजपा दावेदारों को नाराज कर ही दिया है साथ ही विधानसभा क्षेत्र के आम मतदाताओं में भी भाजपा प्रत्याशी दिलीप जायसवाल को लेकर कोई उत्साह दिखाई नही पड़ रहा पूरे कोतमा विधानसभा में एक ही चर्चा आम है कि कांग्रेस पार्टी की जीत होगी ! अब टिकट ना मिलनें से नाराज भाजपा की भूमिका विधानसभा चुनाव में कितनी असर दार साबित होगी ये तो आनें वाला समय ही बताएगा ! वही दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा से पहलें प्रत्याशी चयन को लेकर जमकर उठा पटक चल रही है ! ना खुश कांग्रेस (जीतो) 23 का मिशन अगर कांग्रेस पार्टी कोतमा विधायक सुनील सराफ को पुनः प्रत्याशी बनाती है तो (जीतो) 23 खुलकर विरोध करेगा और कुछ अलग ही गुल खिलाने के संकेत मिल रहें है ! अब ऐसे में यह कह पाना मुश्किल है कि कोतमा विधानसभा चुनाव में किस पार्टी की जीत होगी और अगला विधायक कौन होगा ! हाल फिलहाल दिलीप जायसवाल को भाजपा प्रत्याशी बनाएं जानें के बाद से ये तस्वीर साफ़ दिखाई पड़ रही कि चुनावी मैदान में अभी भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस पार्टी से बहोत पीछे है ! अगर कांग्रेस पार्टी सुनील सराफ को अपना प्रत्याशी बनाती है तो चुनाव का परिणाम वर्ष 2018 के विपरीत होने की संभावना दिखाई पड़ रही ! बता दे कि वर्ष 2018 विधानसभा चुनाव में दिलीप और सुनील आमनें सामनें थें जनता दिलीप के कार्यकाल से नाराज थी ऊपर से भाजपा नेता कार्यकर्ता भी नाराज चल रहें थें जिसका सीधा फायदा सुनील सराफ को मिला साथ ही नाराज कांग्रेस ने भी चुप्पी साध ली जिससें कांग्रेस प्रत्याशी सुनील सराफ विजयी हो गए ! मतलब ये कि सुनील को नाराज कांग्रेस और नाराज भाजपा के साथ ही जनता का भरपूर समर्थन मिला इसलिए जीत हुई ! लेकिन अब ऐसा नही है अगर कांग्रेस से सुनील सराफ प्रत्याशी होगें तो दोनों प्रत्याशियों से नाराज भाजपा और ना खुश कांग्रेस (जीतो) 23 तीसरा मोर्चा को अपना विकल्प चुनेगें ! अब तीसरा मोर्चा के सामनें आनें के बाद ऊठ किस करवट बैठेगा ये कहना जरा मुश्किल है ! ऐसा हम नही अभी तक का चुनावी माहौल कह रहा !

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