कोतमा - आमीन वारसी - विधानसभा चुनाव 2023 की तारीखों की घोषणा को महज कुछ दिन शेष बचे हैं ! चुनाव की तैयारियों को लेकर जिताऊ प्रत्याशी में तीन नामो का पैनल लगभग तय हो चुका है ! अबकी बार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह खुद मध्यप्रदेश की चुनावी कमान संभाल रहें है ! भारतीय जनता पार्टी व संगठन वर्ष 2018 में मध्यप्रदेश में भाजपा की हुई हार से सबक लेतें हुए अब भारतीय जनता पार्टी नई रणनीति पर चुनाव लड़ने के मूड में नजर आ रही है ! अबकी बार भारतीय जनता पार्टी व संगठन मध्यप्रदेश कि हारी हुई उन 103 विधानसभा सीटों पर ज्यादा फोकस कर रही जिसमें पिछलें 10 सालों से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी चुनाव हार रहें और लगातार 10 वर्षों से कांग्रेस पार्टी का कब्जा जमा हुआ है ! भाजपा उन सीटों को आकांक्षी सीट घोषित कर इन सीटों पर सब से पहलें प्रत्याशियों की घोषणा कर रही है ! जिसमें 39 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी की घोषणा हो चुकी है शेष 64 सीटों पर तीन नाम का पैनल में जिताऊ प्रत्याशी चयन कर केंद्रीय कोर कमेटी की अंतिम मोहर लगनें के बाद दूसरी सूची का प्रकाशन अगस्त माह की अंतिम तारीखों 27 29 तक होना है या फिर 2 सितंबर तक घोषणा होनें की संभावना है !
2008 से 2018 तक कोतमा विधानसभा का सफर-
कोतमा विधानसभा की वर्तमान परिस्थिति को देखा जाए तो सामान्य कोतमा विधानसभा सीट से भाजपा ने दो बार दिलीप जायसवाल एवं एक बार स्व, राजेंश सोनी को अपना प्रत्याशी बनाया था जिसमें 2008 विधानसभा चुनाव में दिलीप जायसवाल कांग्रेस प्रत्याशी मनोज अग्रवाल से मात्र 1849 वोटों से चुनाव जीते ! वही दूसरी बार वर्ष 2013 विधानसभा चुनाव में मनोज अग्रवाल भाजपा प्रत्याशी रहें स्वर्गीय राजेंश सोनी से महज 1546 वोट से चुनाव जीत गए ! जिसका कारण यह था कि स्वर्गीय राजेंश सोनी वर्ष 2012 में नगर पालिका चुनाव जीत कर नगर पालिका अध्य्क्ष बनें थें साथ ही कुछ तथाकथित भाजपाई स्वर्गीय राजेंश सोनी की बढ़ती लोकप्रियता एवं बढ़ते राजनैतिक कद को बर्दाश्त नही कर पा रहें थें ! और मनोज अग्रवाल वर्ष 2008 में विधानसभा चुनाव हार गए थें ! इसलिए मनोज अग्रवाल को कोतमा क्षेत्र की जनता का सिम्पैथी वोट भी मिला तो चुनाव जीत गए !
वर्ष 2018 विधानसभा चुनाव में जनता भाजपा से राजेश सोनी को प्रत्याशी देखना चाह रही थी ! लेकिन भारतीय जनता पार्टी व संगठन ने बिना सोचे समझें ही पुनः दिलीप जायसवाल को चुनावी मैदान पर उतार दिया जिसका परिणाम ये रहा कि नाराज जनता ने दिलीप जायसवाल को सबक सिखातें हुए एक तरफा वोटिंग की और कांग्रेस प्रत्याशी सुनील सराफ से भाजपा प्रत्याशी दिलीप जायसवाल 11429 वोट से चुनाव हार गए !
मरकर भी लोकप्रिय है स्वर्गीय राजेश सोनी-
भले ही स्वर्गीय राजेश सोनी हमारें बीच नही है लेकिन आज भी कोतमा विधानसभा क्षेत्र में सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में जानें जातें है ! स्वर्गीय राजेश सोनी एवं उनकी धर्म पत्नी उमा सोनी कोतमा नगर पालिका अध्य्क्ष रहतें हुए पूरें कोतमा नगर का चहुंमुखी विकास किया है जो हम नगर वासियों सहित कोतमा विधानसभा क्षेत्र की आम जनता के सामनें है !
कोतमा नगर का बढ़ता विकास स्वर्गीय राजेंश सोनी की बढ़ती लोकप्रियता बढ़ता राजनैतिक कद कोतमा विधानसभा क्षेत्र की आम जनता को भले ही अच्छा लगता रहा कि एक ऐसा नेता है क्षेत्र का विकास कर रहा आम जनता की मूल भूत समस्याओं का समाधान कर रहा! लेकिन भारतीय जनता पार्टी के कुछ तथाकथित नेताओं को स्वर्गीय राजेंश सोनी बिल्कुल भी नही भा रहें थें ! आए दिन ये तथाकथित भाजपाई तबी जुबान भारतीय जनता पार्टी हाईकमान एवं संगठन से राजेश सोनी की शिकायत करतें रहतें थें ! राजेश सोनी को बदनाम करनें की नई नई तरकीब सोचतें रहतें थें ! हमें आज भी वो दिन याद है नगर की आमजनता को भी याद होगा कि विकास पुरुष राजेश सोनी की ये सोच थी कि जैसे नगर में हिंदू समाज के लिए 2 मुक्ति धाम बनाया गया है ! ठीक उसी तरह नगर के मुस्लिम समाज के लिए भी 2 कब्रिस्तान होना चाहिए विकास की सोच लिए स्वर्गीय राजेश सोनी मुस्लिम समाज से एक बैठक करके जनभागीदारी से एक कब्रिस्तान बनाने की बात कही तो वार्ड नं 7 बनिया टोला एवं वार्ड नं 9 इस्लामगंज के मुस्लिम भाईयों ने जनभागीदारी से लगभग 5 लाख रुपए एकत्रित कर नगर पालिका में जमा किया फिर जिला कलेक्टर ने एक नया कब्रिस्तान बनाएं जानें की अनुमति दे दी ! लेकिन तथाकथित भाजपाईयों के लिए विकास पुरुष राजेश सोनी को बदनाम करनें का एक अच्छा मौका मिल गया ! जो हिंदू विरोधी का तमगा राजेश सोनी पर लगा दिए! पार्टी और संगठन में ये शिकायत की गई की राजेश सोनी हिंदू विरोधी है और मुस्लिम समाज का समर्थन करतें है !
ये घटिया सोच थी उन तथाकथित भाजपाईयों की जिन्होंने राजेश सोनी पर यह आरोप लगाया था ! राजेश सोनी कोतमा नगर के प्रथम व्यक्ति थें उनका ये धर्म था कि सभी धर्म सभी समाज के लोगों कल्याण करें ! और राजेश सोनी ने बिना भेदभाव सभी नगर वासी सभी धर्म समाज के लोगों का काम किया शायद इसीलिए आज भी स्वर्गीय राजेश सोनी मरकर भी अमर है और लोगों के दिलों में जिंदा है ! मगर ये सच्ची बात तथाकथित विरोधी भाजपाई नही समझ पाएं ! स्वर्गीय राजेश सोनी का विपक्षी दल कभी कुछ बिगाड़ नही पाया बल्कि उनके द्वारा किए गए नगर विकास की विपक्षी दल आज भी सराहना करता है ! सच यही है कि स्वर्गीय राजेश सोनी का राजनैतिक कैरियर खत्म करनें का प्रयास तथाकथित भाजपाईयों द्वारा किया गया ! क्योंकि उन तथाकथित भाजपाईयों को एक डर था कि अगर राजेश सोनी कोतमा नगर पालिका अध्य्क्ष से कोतमा विधायक बन गया तो हमारी राजनैतिक दुकान बंद हो जाएगी ! इसीलिए वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहें स्वर्गीय राजेश सोनी का लुक छुप कर विरोध करतें रहें तथाकथित भाजपाई ! नतीजा ये हुआ कि स्वर्गीय राजेश सोनी वर्ष 2013 में 1546 वोट के मामूली अंतर से विधानसभा चुनाव हार गए ! आज भी कोतमा विधानसभा क्षेत्र की आम जनता स्वर्गीय राजेश सोनी जैसे नेता के इंतजार में है अगर भारतीय जनता पार्टी व संगठन स्वर्गीय राजेश सोनी की परछाई यशस्वी नगर पालिका अध्य्क्ष रही उमा राजेश सोनी को कोतमा विधानसभा प्रत्याशी बनाती है तो निश्चित ही उमा राजेश सोनी की जीत होगी साथ ही कोतमा विधानसभा क्षेत्र की आमजनता की तरफ से स्वर्गीय राजेश सोनी को श्रद्धांजलि !
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