कोतमा- आमीन वारसी - जैसे जैसे विधान सभा चुनाव नजदीक आ रहा वैसे-वैसे राजनैतिक माहौल और भी गर्म होता नजर आ रहा सभी राजनैतिक दल आम जनता से पुनः कई वादो के साथ जनता को अपनी अपनी ओर आकर्षित करने में लगे हुए हैं ! एक तरफ प्रदेश के घोषणा वीर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश की जनता से बेरोजगारी महगाई पर किसी भी तरह की चर्चा नही करना चाहतें ! सिर्फ और सिर्फ पूरे प्रदेश में गाँव गाँव नगर शहर डगर घूम घूम कर जनता का आशीर्वाद बटोर रहें !
तो वही दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी भी जीत के लिए पूरा दमखम लगा रही ऐसे ऐसे मुद्दे उठाने का प्रयास कर रही जिससे भारतीय जनता पार्टी को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकें ! हलाकि मध्यप्रदेश की आमजनता भी लगातार मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के लगभग 18 -20 साल शासन सत्ता में रहनें से थक चुकी है! अब प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान से सीधे काम काज पर सवाल करना चाहती है !
लेकिन माननीय मुख्यमंत्री जी जनता के सवालों से बचते नज़र आ रहें ! और ऐसे में कांग्रेस पार्टी इसका पूरा लाभ लेने के फिराक में है और शायद यही वजह है कि मीडिया और अन्य निजी एजेंसियो द्वारा किये गये सर्वे में मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी की जीत की संभावनाए बताई जा रही है ! सर्वे के मुताबिक इस बार चुनाव में 15 फीसदी वोटो से कांग्रेस पार्टी आगें रहने के आसार दिखाई पड़ रहें है !
भले ही भारतीय जनता पार्टी की शिवराज सरकार अपनी उपलब्धिया गिनाकर जनता को लुभाने का प्रयास कर रही है ! लेकिन जमीनी हकीकत तो यही है कि कमरतोड़ महगाई बेरोजगारी से प्रदेश की आवाम में शिवराज सरकार के प्रति काफी नाराजगी देखने को मिल रही ! इसीलिए भाजपा नेताओं को विधानसभा क्षेत्र भ्रमण के दौरान जनता के गुस्से और वापस जाओ जैसे विरोधी नारों का सामना पड़ रहा अगर आलम यही रहा तो बहोत बड़े पैमाने मे भाजपा के बुरे दिन
आ सकतें है !
अब तक ये रहा समीकरण-
वर्ष 1957 में विधानसभा चुनाव गठन हुआ मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीट पर चुनाव हुआ जिसमें कोतमा विधानसभा सीट से प्रथम विधायक कांग्रेस से हरिराज कुंवर रहें फिर वर्ष 1962 में कांग्रेस से गिरजा कुमारी विधायक रही वर्ष 1967 में कांग्रेस से ही के,एम सिंह विधायक रहें वर्ष 1972 में भी कांग्रेस से मृगेंद्र सिंह विधायक रहें ! फिर वर्ष 1977 में जनता पार्टी से बाबू लाल सिंह विधायक रहें और 3 वर्ष में ही चुनाव हुए तो वर्ष 1980 से 1985 तक कांग्रेस से भगवानदीन विधायक रहें है! फिर वर्ष 1990 में भारतीय जनता पार्टी का आगाज़ हुआ और भाजपा से छोटेलाल विधायक रहें ये कार्यकाल मात्र तीन साल ही रहा और वर्ष 1993 में पुन कांग्रेस की वापसी हुई और स्वर्गीय राजेश नंदनी विधायक बनी ! वर्ष 2003 में भाजपा से जयसिंह मरावी विधायक रहें वर्ष 2008 में कोतमा विधानसभा सीट सामान्य हो गई और सामान्य सीट पर प्रथम विधायक दिलीप जायसवाल बनें ! एक बार फिर से वर्ष 2013 में कांग्रेस की वापसी हुई और मनोज अग्रवाल विधायक रहें ! वर्ष 2018 वर्तमान में भी कांग्रेस पार्टी से ही सुनील सराफ विधायक है ! अब तक कुल तेरह विधानसभा चुनाव हो चुके है !
जिसमें 9 कांग्रेस पार्टी के विधायक रहें ! 3 भारतीय जनता पार्टी के विधायक रहें ! 1 जनता पार्टी के विधायक रहें !
कुल 13 विधायक कोतमा विधान सभा क्षेत्र का नेतृत्व कर चुके है ! मतलब हमेशा से ही कोतमा विधान सभा क्षेत्र काँग्रेस का गढ़ रहा है ! अब वर्ष 2023 में चौदहवीं विधानसभा चुनाव की तैयारी चल रही हैं ! अब देखना यह होगा कि क्या भारतीय जनता पार्टी अपनी रणनीति से कोतमा विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस पार्टी का गढ़ ध्वस्त कर पाएगी या फिर चौदहवीं बार भी कांग्रेस का जलवा बरक़रार रहेगा !
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