कोतमा- आमीन वारसी- शोसल मीडिया न्यूज़ पोर्टल पोल खोल खबर में लगातार प्रकाशित खबर का हुआ असर ! बता दे कि बीते दिनों वार्ड नं 10 विकास नगर भालूमाडा़ रोड स्थित वर्षों पुराने हास्पिटल की शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा कर निर्माण कार्य किया जा रहा था ! और शासकीय भूमि पर हो रहें अवैध अतिक्रमण को रोक पाने में कोतमा राजस्व विभाग एवं कोतमा नगर पालिका नाकाम नज़र आ रहा था ! जब शासकीय भूमि पर हो रहें अवैध कब्जें की खबर लगातार समाचार पत्र एवं न्यूज़ पोर्टल में प्रकाशित की गई तो कोतमा राजस्व विभाग एवं नगर पालिका प्रशासन हरकत में आया! और उक्त शासकीय भूमि पर चल रहें निर्माण कार्य की जांच की गई साथ ही उक्त भूमि का सीमांकन किया गया सीमांकन में यह पाया गया कि अवैध कब्जा धारी हास्पिटल की शासकीय भूमि पर निर्माण कार्य कर रहा था !
नगर पालिका ने किया था नोटिस जारी -
बता दे कि मों हलीम द्वारा 4 से 5 लोगों को भूमि विक्रय किया गया है जिसमें क्रेता रियाजुददीन द्वारा अवैध निर्माण कार्य किया जा रहा था जिस पर रोक लगाते हुए कोतमा नगर पालिका ने निर्माणाधीन मकान पर नोटिस चस्पा कर दी थी ! साथ ही नोटिस में यह उल्लेख किया गया है कि 7 दिवस के अंदर अवैध निर्माण कार्य स्वयं तोड़कर कार्यालय को सूचित करें ! अन्यथा आपके द्वारा किये गए अवैध निर्माण कार्य को हटा दिया जाएगा ! नोटिस अनुसार ठीक वैसा ही हुआ भले ही 7 दिवस के अंदर ना सही लेकिन आज दिनांक 31 जुलाई को अवैध अतिक्रमण अवैध कब्जा धारी द्वारा स्वयं हटाया जा रहा ! इसका मतलब यह है कि हमारी खबर राजस्व टीम नगर पालिका राजस्व टीम की रिपोर्ट बिल्कुल सही साबित हुई !
तो क्या रियाजुददीन को मिलेगा न्याय-
अन्याय किसी के साथ नही होना चाहिए उक्त भूमि के क्रेता रियाजुददीन ने भूमि विक्रेता मों हलीम से भूमि खरीदी थी ! जिसका विक्रय पंजीयन पट्टा रियाजुददीन के पास मौजूद है जिसका उन्होंने शुल्क दिया है ! साथ ही मों हलीम को 800 वर्गफीट भूमि का पैसा भी दिया है ! अगर पीछे हास्पिटल की शासकीय भूमि है तो फिर उक्त रजिस्ट्री फर्जी हो गई और रियाजुददीन को शासकीय भूमि रजिस्ट्री कराकर पैसा ले लिया गया ! रियाजुददीन सहित अन्य क्रेता अब अपनें आप को ठगा हुआ महसूस कर रहें! अगर रियाजुददीन चाहें तो भूमि विक्रय करनें वालें व्यक्ति पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज करा सकतें है ! साथ ही न्यायालय के जरिए पूरा खर्च भी वसूल कर सकतें है ! क्योंकि रियाजुददीन का भूमि पंजीयन करानें सहित उक्त फर्जी भूमि पर निर्माण कार्य करनें में लाखों रुपए खर्च हो गया है ! जिसकी भर पाई का कोई दूसरा रास्ता नही बचा अब देखना यह है कि रियाजुददीन को न्याय मिल पाएगा या नही !
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