Monday, July 10, 2023

निजी भूमि का आड़ शासकीय भूमि का जुगाड़

कोतमा- आमीन वारसी- वार्ड नं 10 पूर्व पार्षद आदिवासी नेता देव शरण सिंह ने बताया कि भू माफियाओं के हौसले इतनें बुलंद हो गए है कि निजी भूमि के आड़ में शासकीय भूमि को भी अपना निशाना बना रहें है ! हाल ही में वार्ड नं 10 भालूमाडा़ रोड पुराना हास्पिटल की शासकीय भूमि पर निजी भूमि की आड़ में अवैध कब्जा किया जा रहा था ! मेरे और वार्ड वासियों के विरोध के बाद राजस्व विभाग एवं नगर पालिका ने संज्ञान लिया तब कही जाकर शासकीय भूमि पर हो रहें अवैध कब्जें को रोका जा सका ! 

भू माफिया काट रहें आड़ में झाड़- 

कोतमा तहसील अंतर्गत पटवारी हल्का कल्याणपुर स्थित भूमि खसरा नं 239 का जुज़ भाग मों हलीम पिता मों जलील का नाम दर्ज है ! उक्त भूमि को मों हलीम द्वारा कोलोनाईजर रेरा नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए प्लाटिंग भूखंड कर के 3 से 4 लोगों को बेचा गया जिसमें रियाजुददीन पिता निजामुद्दीन कसमुददीन पिता सहाबुद्दीन मों सईद पिता अयूब कुरैशी तारिक़ शमी पिता मों शमी सिददीकी ने खरीदा है ! 

शराब के नशे में दिया गया परमिशन प्रतिवेदन - 

देव शरण सिंह ने बताया कि वर्ष 20-17-18 में उक्त भूमि खसरा नं 239 जुज़ भाग विक्रय के संबंध में विक्रय पंजीयन हेतु आवेदक मों हलीम द्वारा कलेक्टर से परमिशन का आवेदन किया गया था ! तत्कालीन अनूपपुर अपर कलेक्टर कोतमा एसडीएम एवं कोतमा कल्याणपुर राजस्व निरीक्षक ने मिलकर ऐसा परमिशन प्रतिवेदन दिया है ! जिसे देखकर कोई भी यही कहेगा कि इन लोगों ने अवश्य शराब पीकर इस तरह का प्रतिवेदन परमिशन तैयार किया है ! या फिर निश्चित ही इन अधिकारियों ने आवेदक से मोटी रकम लेकर विक्रय पंजीयन हेतु परमिशन दिया है ! बता दे कि तत्कालीन अपर कलेक्टर द्वारा तत्कालीन कोतमा एसडीएम से मागें गए जाचं प्रतिवेदन में साफ़ साफ़ यह उल्लेख किया गया है कि कही आवेदक मों हलीम द्वारा भूखंडों में भूमि विक्रय तो नही किया जा रहा ! फिर भी जिम्मेदार तत्कालीन एसडीएम और आर आई ने अपनें जाचं प्रतिवेदन में भूमि भूखंड करके विक्रय करनें का जिक्र ही नही किया गया ! जबकि आवेदक मों हलीम द्वारा भूखंड करके ही 4 व्यक्तियों को भूमि विक्रय किया गया है !
 जो कोलोनाइजर रेरा की धज्जियां उड़ा रहा ! ऐसे में यही कहा जा सकता है कि अपर कलेक्टर द्वारा जारी परमिशन फर्जी था जिम्मेदारों ने जाचं प्रतिवेदन देते समय आर आई द्वाराक्त भूमि का ना ही मौका जाचं किया और ना ही चौहद्दी काश्तकारों को मौके पर  बुलाकर उक्त भूमि का श्रीमाकंन किया सिर्फ आफिस में बैठे बैठे ही परमिशन हेतु जाचं प्रतिवेदन बनाकर दे दिया गया ! उसी फर्जी परमिशन के आसरे मों हलीम ने खसरा नं 239 जुज़ भाग का विक्रय पंजीयन करा दिया गया है ! 
अब वर्ष 20-17-18 में कौन अपर कलेक्टर था जिसनें फर्जी परमिशन दिया और उस समय कौन कोतमा एसडीएम एवं आर आई था जिसनें फर्जी जाचं प्रतिवेदन तैयार किया ! अगर इसी तरह राजस्व विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी काम करेंगे तो वो दिन दूर नही कोतमा तहसील अंतर्गत समस्त शासकीय संपत्ति पर भू माफियाओं का कब्जा होगा !

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