Saturday, October 8, 2022

तो क्या भ्रष्टाचारी नेता और ठेकेदार तय करेगें नगर पालिका अध्यक्ष उपाध्यक्ष


कोतमा- आमीन वारसी- हम सभी नगर वासियों की पहली जिम्मेदारी थी एक अच्छा सरल सहज ईमानदार वार्ड पार्षद चुनें जो हम सब ने मिलकर 27 सितम्बर को वोटिंग के माध्यम से चुन लिया! लेकिन अभी नगर पालिका अध्यक्ष उपाध्यक्ष का चुनाव होना बाकी है कुछ ही दिनों में नगर पालिका अध्यक्ष उपाध्यक्ष का चयन समस्त 15 वार्ड के नवनिर्वाचित पार्षद वोटिंग के माध्यम से करेंगे ! 

अब सवाल यह है कि क्या नवनिर्वाचित पार्षद नगर हित नगर वासियों के हित में नगर पालिका अध्यक्ष उपाध्यक्ष चुनेगें कही ऐसा तो नही कि नवनिर्वाचित पार्षद पैसा और पद की लालच में आकर किसी भ्रष्टाचारी नेता ठेकेदार को नगर पालिका की कमान सौंप दे ! 

अगर ऐसा हुआ तो निश्चित ही एक बार फिर हमारा नगर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएगा! ऐसा हम इसलिए कह रहें है कि कुछ भ्रष्टाचारी भाजपा नेता ठेकेदार और एक कांग्रेसी नेता नवनिर्वाचित पार्षदों से मिलकर 10 लाख रुपए में पार्षदों की बोली लगा रहें नवनिर्वाचित पार्षदों से कहा जा  रहा कि हम तुम्हें 10 लाख रुपए देगें हम जिसें कहें उसे अध्यक्ष उपाध्यक्ष बनानें के लिए वोट करों ! नगर में जन चर्चा यह भी है कि भ्रष्टाचारी कांग्रेसी नेता अपनें निजी स्वार्थ के लिए भ्रष्टाचार में डूबे हुए तथाकथित भाजपाई एवं ठेकेदार के साथ मिलकर नगर सरकार बनानें के जुगाड़ में लगा हुआ है! साथ ही भ्रष्टाचार की गंगा में डुबकी लगा चुकें तथाकथित भाजपा नेता पूर्व परिषद में किए गए 100 करोड़ के घोटाले को छुपानें का भी प्रयास कर रहें ! इसलिए ये तथाकथित भाजपा नेता ठेकेदार रिमोट से चलनें वाला नगर पालिका अध्यक्ष उपाध्यक्ष बनाना चाह रहें! चाहें फिर नगर पालिका अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी का बनें या फिर भाजपा का लेकिन शर्त ये है कि नगर पालिका अध्यक्ष रिमोट से चलनें वाला ही होना चाहिए !

जिससें ये भ्रष्टाचारी नेता ठेकेदार पूर्व में हुए भ्रष्टाचार को आसानी से छुपानें सहित शेष राशि आसानी से निकाल सकें ! 

आखिर इन भ्रष्टाचारी नेताओं के पास इतना पैसा आया कहा से आखिर नगर पालिका अध्यक्ष बननें के लिए करोड़ों रुपए खर्च क्यों किया जा रहा! क्या राजनीति समाज सेवा जनता सेवा है अगर यह जनता सेवा है तो और जब पैसा लगा कर जनता की सेवा ही करना है तो कोरोना काल जैसी विषम परिस्थितियों में ये भ्रष्टाचारी नेता जनता की सेवा क्यों नही किये नगर की जनता के मन में ऐसे बहोत सारे सवाल उठ 
रहें है ! 

इन भ्रष्टाचारी नेता और ठेकेदार की नियत को हम सभी नगर वासियों को समझना होगा कि जो भ्रष्टाचारी नेता नगर पालिका अध्यक्ष बननें के लिए करोड़ों रुपए खर्च करेगा! क्या वो भ्रष्टाचारी नेता नगर पालिका अध्यक्ष बनकर नगर का विकास करेगा ! बिल्कुल नही ऐसे भ्रष्टाचारी नेता नगर का विकास कम खुद का एवं अपनें घर परिवार मित्र चहेते ठेकेदारों का विकास ज्यादा करेगा! इसलिए हम सभी नगर वासियों को एक और जिम्मेदारी निभानी होगी !  

हम सभी नगर वासी अपनें अपनें वार्ड के नवनिर्वाचित पार्षद से अध्यक्ष का चुनाव होने से पहलें एक बैठक करें और एक अच्छा नगर पालिका अध्यक्ष उपाध्यक्ष चुननें सहित एक अच्छी परिषद बनानें की अपील करें! साथ ही अपनें अपनें पार्षदों से यह भी कहदे कि किसी प्रकार का प्रलोभन पैसा पद या भूल से भी भ्रष्टाचार युक्त परिषद बनी तो इसकेें जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ पार्षद होगें और नगर वार्ड में किसी भी प्रकार की अव्यवस्था फैली या किसी भी वार्ड वासियों का नगर पालिका संबंधित कार्य नही हुआ तो भी जिम्मेदार पार्षद ही होगें ! क्योंकि नगर पालिका अध्यक्ष उपाध्यक्ष पार्षद चुनेगी जनता नही ! इसलिए नवनिर्वाचित पार्षदगण सोच समझकर अध्यक्ष उपाध्यक्ष चुनें ! अन्यथा नई परिषद द्वारा काम ना किये जानें पर हम समस्त वार्डवासी अपनें अपनें वार्ड पार्षद के घर के सामने धरनें पर बैठकर प्रर्दशन करेगें ! जिसकें जिम्मेदार भी पार्षद ही होगें !

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