Thursday, July 21, 2022

भारत माता विद्यालय में राइट टू एजुकेशन के नाम पर मची लूट


कोतमा - आमीन वारसी- वार्ड नं 10  विकास नगर भालूमाडा़ रोड स्थित भारत माता  निजी स्कूल हमेशा से ही विवादों में रहा है! कोई न कोई अभिवावक आए दिन भारत माता स्कूल संचालक नारायण सिंह की प्रताड़ना का शिकार होता ही रहता है! मगर अब विद्यालय प्रमुख भारत सरकार द्वारा बनाएं गए शिक्षा का अधिकार नियम को भी नही मानते अपनी मनमर्जी तरीके से भारत माता निजी स्कूल का संचालन कर रहें है! जिसे देखने सुनने वाला शिक्षा विभाग का कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति नही है ! यू कहाँ जाए कि भारत माता स्कूल में खुलेआम लूट मची हुई है अभिवावकों को प्रतिदिन किसी ना किसी बहाने स्कूल संचालक नारायण सिंह द्वारा शिक्षा के नाम पर लूटा जा रहा है! 

ताजा मामला- भालूमाडा़ गेट दवाई निवासी अभिवावक शारदा प्रसाद ने बताया कि भारत माता स्कूल में आर टी ई के एक्ट के तहत मेरे दो बच्चे का एडमिशन किया गया है! और एडमिशन के लिए मुझसे एक हज़ार रुपये लिया गया इसी तरह भारत माता निजी विद्यालय में आरटी ई एक्ट के तहत अध्ययनरत छात्र छात्राओं के अभिवावकों से भी संचालक ने (500) पाच सौ रुपए वसूल किये ऐसे (33) छात्र छात्राओं के माता पिता से 500 रुपए के हिसाब से राशि वसूल की गई ! जिसका खुलासा भारत माता स्कूल संचालक नारायण सिंह ने मीडिया के सामने स्वयं किया है!  जबकि आरटी ई एक्ट तहत नि: शुल्क शिक्षा का प्रावधान है! जबकि संविधान के आर्टिकल 21(A) में 6 से 14 बर्ष तक के बच्चों के लिये अनिवार्य एवं नि:शुल्क शिक्षा देने का प्रावधान किया गया है जो सविंधान के आर्टिकल 21(A) को ही आरटी ई कहा जाता है ! 

आर्टिकल 21 (A) में प्राथमिक शिक्षा को सब नागरिको का मूलाधिकार बना दिया गया है. यह 01 अप्रैल 2010 को जम्मू -कश्मीर को छोड़कर सम्पूर्ण भारत में लागु हुआ था! निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा विधेयक 2009 भारतीय संसद द्वारा वर्ष 2009 में पारित शिक्षा सम्बन्धी एक विधेयक है. इस विधेयक के पास होने से बच्चों को मुफ़्त और अनिवार्य शिक्षा का मौलिक अधिकार मिल गया है ! 

नि:शुल्‍क और अनिवार्य बाल शिक्षा (आरटीई) अधिनियम, 2009 में बच्‍चों का अधिकार, जो अनुच्‍छेद 21क के तहत परिणामी विधान का प्रतिनिधित्‍व करता है, का अर्थ है कि औपचारिक स्‍कूल, जो कतिपय अनिवार्य मानदण्‍डों और मानकों को पूरा करता है, में संतोषजनक और एकसमान गुणवत्‍ता वाली पूर्णकालिक प्रांरभिक शिक्षा के लिए प्रत्‍येक बच्‍चे का अधिकार है ! 


नि:शुल्क शिक्षा संविधान का तात्पर्य यह है कि 6 से 14 वर्ष के बच्चों से किसी भी प्रकार की फीस या अन्य शुल्क नहीं लिए जाएंगे साथ ही आरटी ई एक्ट के लागू होने पर 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को यूनिफार्म, बुक, ट्रांसपोर्टेशन या मीड-डे मील के लिए सरकारी स्कूलों में कोई खर्च नहीं देना होगा तथा एक्ट अंतर्गत 6 से 14 साल के बच्चों को अगली क्लास में जाने से न रोका जाएगा और न ही उन्हें स्कूल से निकाला जा सकता है! 

यह कानून हर बच्चे को शिक्षा पाने का अधिकार देता है! यह कानून उपयुक्त सरकारों के लिए इस बात को सुनिश्चित करना अनिवार्य करता है कि प्रत्येक बच्चा प्राथमिक शिक्षा हासिल करे ! 

आरटी ई कानून यह आदेश देता है कि निजी शैक्षणिक संस्थानों को 25 फीसदी सीटें कमजोर तबके के बच्चों के लिए आरक्षित रखना होगा! 
यह विधेयक प्राईवेट स्कूलों को यह आदेश देता है कि निर्धन छात्रों के लिए प्रत्येक कक्षा में 25 फीसदी सीटें आरक्षित रखना होगा ! 

 आर टी ई एक्ट अंतर्गत विकलांग बच्चों को 18 वर्ष तक मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी! 

 

आर टी ई एक्ट का उल्लंघन करने का दंड -

भारत सरकार द्वारा आर टी ई के तहत 6-14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है लेकिन यदि कोई इसका उल्लंघन करता है तो दंड की भी व्यवस्था की गई है जिसका विवरण निम्न है यदि निजी स्कूल 6-14 वर्ष की उम्र वाले गरीब बच्चों के लिए 25% सीटे आरक्षित नहीं करता या इस कोटे के अंतर्गत स्कूल में दाखिल हुए बच्चे से फीस लेता है तो बच्चे से वसूली गयी फीस से 10 गुना अधिक जुर्माना स्कूल पर लगाया जाएगा! जुर्माने के अलावा स्कूल की मान्यता भी रद्द की जा सकती है! 

यदि किसी स्कूल की मान्यता रद्द कर दी गई है फिर भी संबंधित स्कूल को संचालित किया जा रहा है तो उस पर एक लाख रूपये का अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा! साथ ही इसके बाद के हर दिन का दस हजार रुपए अतिरिक्त जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान किया गया है ! 

 आरटी ई एक्ट के अंतर्गत यदि कोई भी स्कूल बच्चों की स्क्रीनिंग करता है या माता-पिता का इंटरव्यू लेता है तो उस पर 25,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा ! 

यदि जुर्माना लगने के बाद भी स्कूल इस गलती को दोहराते हैं तो जुर्माने की रकम दोगुनी कर दी जाएगी अर्थात संबंधित स्कूल से 50,000 रुपए तक का जुर्माना वसूल किया जाएगा! इसके बावजूद भारत माता स्कूल संचालक संविधान कानून की धज्जियां उड़ाते हुए आर टी ई एक्ट नि: शुल्क शिक्षा देने की बजाय पैसा वसूल कर रहा है ! 

अब देखना यह है कि भारत माता स्कूल संचालक नारायण सिंह के विरुद्ध जिला शिक्षा अधिकारी एंव ब्लॉक शिक्षा अधिकारी  द्वारा क्या कार्यवाही करते है ! 

इनका कहना: अभिवावक मुझे आकर लिखित शिकायत करें मै बी आर सी को पत्र लिखकर जाचं कराऊंगा जाचं उपरांत दोषी पाए जानें पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी ! 

वीरेंद्र मणि मिश्रा
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कोतमा !

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