Wednesday, April 13, 2022

तो क्या अनूपपुर कलेक्टर पीड़ित किसानों की मृत्यु होने के बाद वितरण करेगी मुआवजा राशि



        लगभग पाच साल से चल रही जाचं-
   
            पीड़ित किसानों को मिल रही 

         तारीख पर तारीख तारीख पर तारीख-

कोतमा-  आमीन वारसी- बीते 4-5 साल से कोतमा तहसील अंतर्गत निवासरत पीड़ित किसान समय समय पर सीएम हेल्प लाइन सहित संभागायुक्त कार्यालय शहडोल के साथ ही अनूपपुर कलेक्टर को अपनी आपबीती सुना रहें अपनी पीड़ा बता रहें! लेकिन मजाल है जो इन गरीब पीड़ित किसानों की समस्या का शासन प्रशासन निदान कर सकें! अनूपपुर जिले की आमजनता गरीब पीड़ित किसानों की समस्या लगातार समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर को  पढ़कर अच्छी तरह जान और समझ चुकी है कि पीड़ित किसानों की समस्या बड़ी है ! लेकिन धन्य है मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार और सरकार के नुमाइंदे जिन्हें आज दिनांक तक पीड़ित किसानों की समस्या नज़र नही आई! ये सरकारी नुमाइंदे लगभग 5 साल से पीड़ित किसानों को अपने कार्यालय बुलाकर पीड़ित किसानों को मुआवजा राशि देने के नाम पर सिर्फ किसानों का मजाक उड़ाया जाता है! पीड़ित गरीब किसान हर दिन कमीश्नर कलेक्टर की चौखट पर ये उम्मीद लेकर जाता है कि शायद धरती पर   भगवान बने बैठे सरकारी नुमाइंदे हम गरीबों की पीड़ा को समझेंगे! और वर्षों से नेशनल हाईवे शहडोल से छत्तीसगढ़ सीमा डोला तक अधिग्रहित हुई हमारी भूमि का मुआवजा देगें! मगर धरती पर अपने आप को भगवान समझ बन बैठे कमीश्नर कलेक्टर एस डी एम की चौखट से पीड़ित गरीब किसान हमेशा खाली हाथ ही वापस आतें है ! 

हवा हवाई रहता है आदेश और निर्देश-

मध्यप्रदेश सरकार और सरकारी नुमाइंदों का आदेश निर्देश महज़ एक दिखावा है इससे ज्यादा और कुछ नही शासन प्रशासन द्वारा प्रदेश की आम जनता को सिर्फ और सिर्फ मूर्ख बनाने का काम किया जा रहा ! ऐसा हम इसलिए कह रहें है कि कोतमा तहसील अंतर्गत समस्त प्रभावित पीड़ित गरीब किसानों ने एक नही अनेकों बार मध्यप्रदेश सरकार और सरकारी मशीनरी को लिखित आवेदन देकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया गया है ! और दिखावे के लिए कई बार शासन प्रशासन द्वारा मुआवजा राशि वितरण करने का आदेश निर्देश भी जारी किया गया मगर कुछ ही दिन बाद आदेश निर्देश ठंडे बस्ते में चला जाता है! इसलिए यह कहने और लिखने में कोई हर्ज नही कि शासन प्रशासन द्वारा जारी आदेश निर्देश महज़ एक दिखावा है !

पहले किसानों की जमीन लूट ली गई और अब चल रही जाचं - 
किसानों का सीधा आरोप है कि शिवराज सरकार के आदेश पर चहेते ठेकेदार दिलीप बिल्डिंकान एमपी आर डी सी शहडोल अनूपपुर जिला प्रशासन एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा पीड़ित किसानों की कृषि भूमि मुआवजा राशि देने के नाम पर लूट ली गई है! अगर शासन प्रशासन इतना ही ईमानदार होता तो भूमि अधिग्रहण करने के उपरांत ही शासन प्रशासन द्वारा समस्त प्रभावित किसानों को मुआवजा दे दिया जाता ! 

लेकिन ऐसा नही किया गया क्योंकि शासन प्रशासन मन में खोट था! इसीलिए आज भी प्रभावित पीड़ित गरीब किसानों को जाचं के नाम पर गोल मोल घुमा रहें! पीड़ित किसानों द्वारा पूछने पर कलेक्टर द्वारा पीड़ित किसानों को यह कहा जाता है कि अभी जाचं चल रही है जाचं उपरांत मुआवजा राशि देगें! जाचं की बात तो ठीक है क्या कलेक्टर महोदया पीड़ित किसानों सहित अनूपपुर जिले की जनता को ये बताने का कष्ट करेगी कि आखिर किस बात की जाचं चल रही है! और अगर आप जाचं कर रही है तो आपकी जाचं में और कितने दिन लगेगें!  क्या प्रभावित पीड़ित किसानों को उनके (जीते जी) मुआवजा राशि मिल जाएगी या फिर पीड़ित किसानों के (मृत्यु) होने के बाद मिलेगी! या फिर मुआवजा राशि कभी नही मिलेगी !

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