Monday, April 4, 2022

मंत्री बिसाहूलाल की महेरबानी से कर्मचारी व्यापारी और भाजपाई ने मिलकर डकारे 1करोड़ 24 लाख रुपए

अनूपपुर- आमीन वारसी- जहाँ एक ओर भारतीय जनता पार्टी विश्व की सबसे पार्टी होने का दम भर रही है तो वही दूसरी ओर एक सच यह भी है कि भारतीय जनता पार्टी भ्रष्टाचार के मामलें में भी सबसे आगें है! जिसका एक उदाहरण अनूपपुर में मंत्री बिसाहू लाल सिंह के स्वेच्छा अनुदान राशि में आसानी से देखा जा सकता है! बताया जाता है कि उक्त स्वेच्छा अनुदान राशि भाजपा  नेताओं ठेकेदारों व्यापारियों को दिया गया है! पूरी सूची देखने के बाद यह कहना गलत नही है कि अनूपपुर जिले के तथा कथित भाजपाई ने गरीबो के हक पर डाका डाला है! 

क्या है मंत्री स्वेच्छा अनुदान राशि- 

सरकार की यह एक ऐसी योजना है जिसका अधिकार मंत्री को दिया गया है और इसके तहत मंत्री को एक वर्ष में एक से दो करोड़ रूपये इस प्रायोजन हेतु दिये जाते है कि वह गरीबों, असहाय,लाचार, निरश्रित व्यक्तियों को गंभीर बीमारियों से इलाज के लिये या फिर उनके सामने बहुत बडी समस्या के निदान के लिये 20-30 हजार रूपये कि राशि स्वीकृत करके गरीब असहायों को सीधा लाभ पहुचाया जाए! लेकिन दल बदल कर भाजपा शामिल होते हुए नये नवेले मंत्री बनाएं गए बिसाहू लाल सिंह ने अनूपपुर जिले की भाजपा को ही गरीब लाचार असहाय साबित कर दिया वो ऐसे कि कैबिनेट मंत्री बिसाहू लाल सिंह ने मंत्री स्वेच्छा अनुदान राशि में जिन जिन हितग्राहियों का चयन किया है! उक्त हितग्राहियों का नाम देखकर यह कहने में कोई हर्ज नही है कि बिसाहू लाल सिंह ने मध्यप्रदेश सरकार की योजना एवं मुख्य उद्देश्यों की धज्जियां उड़ाने के साथ ही अनूपपुर जिले की भाजपा को गरीब लाचार असहाय बना दिया! ऐसा हम नही स्वेच्छा अनुदान राशि वितरण की सूची कह रही है! 
 

मंत्री बिसाहूलाल के स्वेच्छा अनुदान  सूची का एक भाग जो पसान,जमुना, कोतमा,भालूमाडा क्षेत्र के हितग्राहियों की है! इस सूची में भाजपा के कई बड़े नाम नगर पालिका अध्यक्ष के परिवार का नाम,सहित कई बडे-बडे व्यापारियो का नाम शामिल है! यहा तक कुछ भाजपा नेताओं की पत्नियों के भी नाम सूची में शामिल है!

अब मजे कि बात यह है कि जब मंत्री जी अपने चहेतों भाजपाईयों को राशि देना ही चाहतें थें तो गरीब दलित आदिवासियों निराश्रितों विकलांगों के हक का पैसा क्यों  दे दिया! कही ऐसा तो नही कि मंत्री जी भाजपाईयों से ज्यादा गरीब लाचार असहाय किसी और को नही समझते हो सकता है शायद इसीलिए स्वेच्छा अनुदान की राशि अपने भाजपाईयों को बाट दी! जबकि ये पैसा दलित गरीब लाचार असहाय विकलांगों को आवंटित होना था! 

स्वेच्छा अनुदान राशि ऐसे-ऐसे लोगों को दी गई है! जिनके यहां पैसे की कोई कमी नही है और जितना पैसा उन्हें स्वेच्छा अनुदान राशि से प्राप्त हुआ है इससे ज्यादा वह महीने में अपने टू व्हीलर फोर व्हीलर गाड़ियो में डीजल पेट्रोल पर खर्च कर देते है! 

चुनाव के समय भी मंत्री पर लगा था आरोप यहां पर यह बता दिया जाये कि स्वेच्छा अनुदान राशि में बंदरबांट का यह आरोप मंत्री बिसाहू लाल पर कोई नई बात नही है उप चुनाव के समय भी मंत्री बिसाहू लाल पर स्वेच्छा अनुदान राशि के बंदरबांट का आरोप लगा था! और कई भाजपा नेताओ के नाम सामने आने पर कुछ नेताओ ने तो अपनी स्वेच्छा अनुदान राशि लौटा दी थी! उस समय मंत्री बिसाहू लाल की बडी किरकिरी भी हुई थी परंतु लगता है मंत्री बिसाहू लाल सिंह ने इससे कोई सबक नही लिया जिसके कारण एक बार फिर मंत्री स्वेच्छा अनुदान राशि का मामला चर्चा में है! 

ये है सूची,जनता करे फैसला-

मंत्री बिसाहू लाल सिंह के स्वेच्छा अनुदान की प्रथम किस्त लगभग 1 करोड़ रूपये के हितग्राहियों की सूची का प्रकाशन किया जा रहा है! 

अब जनता इस बात का फैसला करें कि इसमें कौन-कौन इस राशि के हकदार थें! 

कर्मचारी व्यापारियों व उनके परिजनों की सूची

(उर्मिला सिंह) पति देवेंद्र सिंह नगर पालिका कर्मचारी 30 हजार रूपये,



(चंद्रमोहन सिंह) रिटायर्ड कर्मचारी
 30 हजार रूपये,

(अर्चना सिंह) रिटायर्ड कर्मचारी की परिजन 30 हजार रूपये

(कल्लू सिंह) एल आई सी ऐजेंट 30 हजार रूपये, 

फजरूल रेहमान भालूमाडा 30 हजार रूपये, 

(ब्यास राम) नगर पालिका कर्मचारी 30 हजार रूपये,

( दिलीप कुमार) एल आई सी ऐजेंट कल्लू सिंह का भाई  30 हजार रूपये,

( मुकेश काछी) मोटू काछी कालरी कर्मचारी का पुत्र 30 हजार रूपये, 

(बलवान सिंह) नगर पालिका कर्मचारी 30 हजार रूपये,

(श्रीनाथ मिश्रा) फल दुकान 10 हजार रूपये, 

(विवेक कुमार गुप्ता) समोसा दुकान होटल 20 हजार रूपये, 

(संजय कुमार गुप्ता) समोसा दुकान होटल 20 हजार रूपये,

कुंती भालूमाडा 5 हजार रूपये, गणेश नामदेव जमुना बस्ती 10 हजार रूपये, 

(रंजना सिंह) रिटायर्ड कर्मचारी की परिजन 30 हजार रूपये, 

(जीवेश सिंह) लैम्पस प्रबंधक पसान 20 हजार रूपये,

(स्वेता सिंह) लैम्पस प्रबंधक जीवेश सिंह की पत्नी 20 हजार रूपये,

(अजय सोलंकी) राजस्व निरीक्षक का पुत्र 20 हजार रूपये, 

(रूचिता सिंह) राजस्व निरीक्षक की बहु 20 हजार रूपये,


सुमित्रा देवी जमुना 3 हजार रूपये, 

(प्रमेश कुमार गुप्ता) जरनल स्टोर 20 हजार रूपये, 

(प्रमोद कुमार गुप्ता) जरनल स्टोर 20 हजार रूपये, 

(सुधीर कुमार सिंह) मंडल उपाध्यक्ष पसान 20 हजार रूपये, 


जूली कुमारी जमुना 20 हजार रूपये, जुगुल किशोर जमुना 3 हजार रूपये, 

(रवि कुमार सिंह) टेन्ट व्यवासायी 3 हजार रूपये, 

(गोपी प्रसाद) पान दुकानदार 15 हजार रूपये, 

रवि कुमार पसान 3 हजार रूपये,
सविता सिंह कोतमा 3 हजार रूपये, 

(किशन साहू) गोपी प्रसाद का पुत्र 3 हजार रूपये, 

मनोज कुमार पनिका भालूमाडा 3 हजार रूपये, शशि मिश्रा जमुना 3 हजार रूपये, बब्बी बाई मिश्रा जमुना 3 हजार रूपये, जुनीदा बेगम जमुना 3 हजार रूपये, फातिमा खातून जमुना 3 हजार रूपये,अब्दुल जाहिद जमुना 3 हजार रूपये,मुख्तार जमुना 3 हजार रूपये, समन बेगम जमुना 3 हजार रूपये, साहिदा बेगम जमुना 3 हजार रूपये, इंमतियाज अहमद जमुना 3 हजार रूपये, अलीम बख्स जमुना 3 हजार रूपये, आमना खातून जमुना 3 हजार रूपये, नजमा बेगम जमुना 3 हजार रूपये, सफी बेग जमुना 3 हजार रूपये, श्रद्धा बाई भालूमाडा 3 हजार रूपये, पुष्पा यादव भालूमाडा 3 हजार रूपये, रिकेष कुमार यादव भालूमाडा 3 हजार रूपये, प्रभा भालूमाडा 3 हजार रूपये, भगत केवट भालूमाडा 3 हजार रूपये, साहिद खान भालूमाडा 3 हजार रूपये, अकरम अंसारी भालूमाडा 3 हजार रूपये, मो. अजीम भालूमाडा 3 हजार रूपये, संजय भालूमाडा 3 हजार रूपये, इसहाक अंसारी भालूमाडा 3 हजार रूपये, भूपत सिंह परासी 3 हजार रूपये, नफीसा बानो भालूमाडा 3 हजार रूपये, मोहम्मद फैजान भालूमाडा 3 हजार रूपये, रानी पटेल भालूमाडा 3 हजार रूपये, जोहरा बेगम भालूमाडा 3 हजार रूपये, मकसूदा बानो भालूमाडा 3 हजार रूपये, राधा बाई परासी 3 हजार रूपये, कुंदन सिंह परासी 3 हजार रूपये, अजमेर सिंह परासी 3 हजार रूपये, पार्वती परासी 3 हजार रूपये, भगवती परासी 3 हजार रूपये, केमल परासी 3 हजार रूपये, अभिनीत सिंह जमुना 15 हजार रूपये, घनश्याम कोल जमुना 15 हजार रूपये, देवेश कुमार जमुना 20 हजार रूपये, मोहित कुमार जमुना 20 हजार रूपये, गुज्जन देवी जमुना 10 हजार रूपये, 

(मुकेश कुमार सिंह) चंद मोहन का भाई 25 हजार रूपये, 

सुरेन्द्र पटेल जमुना 10 हजार रूपये, सुधा द्विवेदी जमुना 20 हजार रूपये, पवन कुमार द्विवेदी जमुना 20 हजार रूपये, सुरभा कुमार द्विवेदी जमुना 20 हजार रूपये! 


कुछ तो शर्म करो जनता का पैसा है- 

भले ही स्वेच्छा अनुदान योजना पर स्वीकृत करने का मंत्री को विशेष अधिकार होता है लेकिन किसी भी मंत्री सासंद विधायक को ये नही भूलना चाहिए कि जिस मद के पैसे को आप दोनों हाथों से अपने नाथ रिश्तेदार दोस्त यार घर परिवार पार्टी के लोगों पर लुटा रहें वो पैसा आपका नही देश प्रदेश की इनकम टैक्स देने वाली जनता का है! और आप जनता सेवक अर्थात जनप्रतिनिधि हो जिसके एवज़ में आपको लाखों रुपए वेतन मिलता है! आप जनता पर कोई एहसान नही करते बल्कि जनता आपको अपना वोट देकर अपना प्रतिनिधि बनाती है ये सोचकर कि आप लोग आम जनता का हित करोगें! लेकिन कुर्सी पर बैठने के बाद यह नेता जनप्रतिनिधि भूल जाते है कि जिस जनता के वोट और टैक्स के पैसे से सरकार चल रही है हमारा घर परिवार चल रहा उस जनता की सेवा हमें ईमानदारी से करनी चाहिए! 
  
मंत्री बिसाहू लाल सिंह के स्वेच्छा अनुदान राशि के हितग्राही की सूची में जो बडे-बडे नाम नेता,व्यापारी, ठेकेदार विशेषकर भाजपा के जिला पदाधिकारियो के परिवार के सदस्यो के नाम है लगता है उन्हें जनता के पैसे को डकारने की आदत सी पड़ गई है। मेरा तो यही मानना है कि ऐसे लोगों को जिनके पास करोडो की संपत्ति है हजारो रूपये महीने अपने नौकरों के पर खर्च करते है साल भर में लाखो रूपये डीजल पेट्रोल पर खर्च करते है उन्हें इस तरह से बेशर्म बनकर गरीबों के पैसे पर डाका नही डालना चाहिये!

No comments:

Post a Comment