कोतमा- आमीन वारसी- कोई मानें या ना मानें लेकिन मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार व संगठन इस बात को जरूर मानती है कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की हार का कारण सिर्फ और सिर्फ अवैध कारोबार और भ्रष्टाचार ही था जो अपने चरम पर पहोच चुका था इसलिए मध्यप्रदेश की आमजनता ने शिवराज सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया था! बाद में भले ही भारतीय जनता पार्टी की शिवराज सरकार पिछले दरवाजे से सत्ता में वापस आ गई है मगर एक सच यह भी है कि मध्यप्रदेश की आम जनता ने भारतीय जनता पार्टी की शिवराज सरकार को खारिज कर दिया था!और ये भी सच है कि भारतीय जनता पार्टी व संगठन इस बात से अनजान नही है फिर भी अनूपपुर जिले में चल रहे अवैध उत्खनन कारोबार भ्रष्टाचार को नहीं रोक पा रही अगर समय रहते अवैध रेत पत्थर मुरूम मिट्टी उत्खनन कारोबार पर रोक नही लगाया गया तो आगामी विधानसभा चुनाव वर्ष 2023 में यही अवैध उत्खनन कारोबार भ्रष्टाचार एक बार फिर शिवराज सरकार को ले डूबेगा! और इसकी शुरुआत पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव से होगी! एक बात और अबकी बार पीछे के दरवाजे से भी सत्ता में अंदर नही आ सकते क्योंकि मध्य प्रदेश की जनता सब जान चुकी है!
अभी भी समय है इसलिए भारतीय जनता पार्टी की शिवराज सरकार व संगठन को समाचार पत्र के माध्यम से अवगत कराना चाहता हूं कि अनूपपुर जिले में तथाकथित सत्ताधारी नेता एवं प्रशासन की मिली भगत के कारण रेत माफियाओं का आतंक दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है।प्रतिबंध क्षेत्र में रात के अंधेरे में मशीनों से रेत का अवैध उत्खनन तो ही रहा साथ ही अब रेत माफियाओं ने टाइमिंग व टीपी में खेल शुरू कर दिया हैं।कोयलांचल क्षेत्र सहित छत्तीसगढ़ धड़ल्ले से रेत पहुंचाया जा रहा है, वहीं कोयलांचल क्षेत्र के रेत ठेकेदारों द्वारा खदानों में अधिकांश स्थानों पर खुलेआम नियमों को ताक पर रखकर अवैध खनन कर रेत बेची जा रही है! अगर समय रहते प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान एवं प्रदेश संगठन मंत्री सुहास भगत सह संगठन मंत्री हितानंद शर्मा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा अवैध कारोबार पर रोक नही लगा पाएं एवं अवैध कारोबारियों पर कार्यवाही नही कर पाए तो आगामी विधानसभा चुनाव में पुनः वर्ष 2018 जैसी हार के लिए तैयार रहें! वो इसलिए कि भले ही अवैध कारोबारी कार्यकर्ता अपने निजी स्वार्थ के लिए भारतीय जनता पार्टी का झंडा ऊंचा करते रहें भारतीय जनता पार्टी जिंदाबाद के नारे लगाते रहे! लेकिन एक सच यह भी है कि प्रदेश की आम जनता अवैध कारोबार केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं में हो रहें भारी भ्रष्टाचार से तंग आ चुकी हैं इसलिए भारतीय जनता पार्टी व अवैध कारोबारी कार्यकर्ताओं से नाराज है जिसका असर आगामी चुनावों में अवश्य देखने मिलेगा।
कच्ची सड़क बनाकर मशीनों से रेत खनन जारी-
ऐसे मामलों में जिम्मेंदारों की बेपरवाही के कारण क्षेत्र के खनिज संपदा में लगातार मनमानी बढ़ रही है। बैहाटोला,कटकोना सहित निगवानी क्षेत्र के ग्रामीणों का आरोप है कि माइनिंग प्लान को ताक पर रखकर क्षेत्र में रेत खनन हो रहा है। नियमानुसार जांच नहीं होने से नदियों का इकोसिस्टम (परिस्थिकितंत्र) प्रभावित हो रहा है। कई स्थानों पर तो खुलेआम नदी में कच्ची सड़क बनाकर मशीनों से रेत खनन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं!
ट्रांजिट पास के टाइमिंग में खेल जारी है-
कोतमा सहित कोयलांचल क्षेत्र में रेत व अन्य खनिज परिवहन के दौरान ट्रांजिट पास (टीपी) बनाने में निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं करते हुए अवैधानिक टीपी से खनिज परिवहन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। कोतमा क्षेत्र की जीवनदायिनी कहें जाने वाली केवई नदी से छत्तीसगढ़ राज्य तक रेत परिवहन किया जा रहा है।नागरिकों का आरोप है कि ऐसे मामलों में पुलिस और राजस्व सहित खनिज विभाग द्वारा ठोस कार्यवाही नहीं की जा रही है जिससे रेत के कारोबारियों के हौसले बुलंद है।जिले सहित कोयलांचल क्षेत्र में रेत खनन और परिवहन का ठेका भोपाल की केजी डेवलपर्स कंपनी को मिला हुआ है जोकि यह काम जिले के कई लोगों को पेटी में देकर कराया जा रहा है।
नियम विरुद्घ तरीके से काम को दे रहे अंजाम-
नियमानुसार खनन और परिवहन हो इसके लिए पूर्व में जिला प्रशासन द्वारा राजस्व विभाग की टीम निगरानी और जांच के लिए नियुक्त की थी।लेकिन वर्तमान में खनन और परिवहन में प्रशासन द्वारा कोई दखल नहीं दिया जा रहा है जिसकी वजह से ठेका कंपनी पर आरोप लग रहे हैं कि वह इस काम को नियम विरुद्घ तरीके से अंजाम दे रहा है।कोतमा क्षेत्र के रेत खदान में खदान से टीपी टाइमिंग में खेल का मामला रेत का उठाव किए जाने तथा मशीनों का उपयोग करने की शिकायत विभाग में क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा की गई थी जिस पर खनिज विभाग सहित प्रशासन द्वारा शिकायत को लेकर कोई अमल नहीं किया जा रहा है।
शासन-प्रशासन पर भारी अवैध रेत उत्खनन कारोबारी-
ग्रामीणों से मिली जानकारी अनुसार कोतमा तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत कटकोना बैहा टोला स्थित केवई नदी से रात-दिन रेत का अवैध उत्खनन धड़ल्ले से चल रहा है। कोतमा चंगेरी घाट के समीप तो माफियाओं ने रपटा बनाकर रेत का अवैध कारोबार किया जा रहा है!बताया जा रहा कि नगर के रेत माफिया अधिकारियों से सांठगांठ करके अवैध रूप से रेत का कारोबार कर रहे हैं।ग्रामीणों ने बताया कि भंडारण के नाम पर नदी नाले जंगल की रेत स्टाक करके बेधड़क बेच रहे है।वहीं रेत माफियाओं को प्रशासनिक अधिकारियों का खुला संरक्षण मिलने से हौसले बुलंद है। रेत के अवैध उत्खनन परिवहन की मौखिक एवं लिखित शिकायत करने के बाद भी कार्यवाही नही की जाती है।जिम्मेदार अधिकारी जांच से पहले ही कार्यवाही की सूचना उक्त अवैध रेत उत्खनन कारोबारियों को दे देते है! फिर जाचं के नाम पर खाना पूर्ति करने पहुंच जाते हैं!
अवैध कारोबार को रोकने में राजस्व एवं माइनिंग विभाग नाकाम-
ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि कुछ तथाकथित नेता एवं अफसरों ने रेत माफियाओं को खुला संरक्षण दिया है जिससे रेत का उत्खनन व परिवहन धड़ल्ले से चल रहा है। कोतमा तहसील क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि गांव मे रात दिन सैकडों ट्रैक्टर, मेटाडोर वाहन नदी के बीच घाट में उतारकर रेत निकालते है और जीवनदायनी नदी का सीना खुलेआम छलनी करते हैं। यहां से हाइवा ट्रक में रेत लोड करके छत्तीसगढ़ तक अवैध रूप से परिवहन किया जाता है, जिससे राजस्व को करोड़ों का चूना लग रहा है!
अवैध कारोबार को बंद कराने जिला प्रशासन दे ध्यान-
ग्रामीण व भोले-भाले आदिवासियों का कहना है कि क्षेत्र के कुछ लोग अपनी कमाई के लिए केवई नदी के अस्तित्व के साथ खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे हैं।ग्रामीणों ने कोयलांचल क्षेत्र में रेत के अवैध कारोबार को बंद कराने कलेक्टर का ध्यानाकर्षण कराया है। साथ ही नागरिकों का कहना है कि प्रशासन की अनदेखी से जीवनदायिनी केवई नदी के बहाव एवं अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है जिस पर जिम्मेदारों को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है!
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