कोतमा- आमीन वारसी- जनता के माथे का कोढ़ और लोकधन पर कालिख बनकर उभरते हुए निर्माण और राजनीतिक रसूखदार ठेकेदारों की मनमानी ने नगरपालिका कोतमा की साख पर न केवल बट्टा लगाया है बल्कि नगरपालिका के कार्पोरेट बैंक खातों में जमा शासकीय धन को चूना लगाने में भी कोर कसर नहीं छोड़ी है।
मामला है कोतमा नगर के वार्ड क्रमांक 05 में बस स्टैंड से जकीरा तक बनी हुई सीसी रोड का जिसमें ठेकेदार की अयोग्यता व पालिका प्रशासन की अनदेखी ने जनता के मध्य निकाय को कार्यकाल के अंतिम चरण के समय सवालों के कठघरे में खड़ा कर दिया है।
4 माह में 2 बार निर्माण-
नगरपालिका परिषद कोतमा के द्वारा की गई टेंडर प्रक्रिया के बाद कोतमा वार्ड 5 अंतर्गत बस स्टैंड से जकीरा तक सीसी रोड का निर्माण विगत 04 माह पूर्व किया गया जिसमें वर्षा ऋतु में रेत उत्खनन पर लगी रोक के दौरान रेत के अनुपलब्धता के कारण सीमेंट की नवनिर्मित सड़क पर अक्लमंद ठेकेदार ने मिट्टी पटवा दिया व टैंकरों पानी भी सिंचवाया गया और जब बरसात में कीचड़ मचकर लोगों का फिसलना और हाथ पैर टूटने की नौबत आई तो निकाय के पदों पर शुमार आला नेताओं द्वारा निजविरोध से बचने के लिए मिट्टी उठवाने का निर्देश दिया तो बेलचा,फावड़ा से सूख चुकी मिट्टी को उठाने के साथ ही नवनिर्मित सड़क की कॉन्क्रीट परतें भी उधड़ गईं और सड़क के परखच्चे देखते ही देखते उड़ गए।
इसके बाद जब कुछ माह बाद दिसंबर में कथित ठेकेदार को बाजार की सड़क डामरीकरण का कार्य भी मिल गया तो ठेकेदार ने अपने रुके हुए भुगतान को वसूलने की नीयत से पुनः जकीरा से बस स्टैंड तक नवनिर्मित सड़क के ऊपर एक और सड़क महज कुछ ही घंटों में बेल दिया।
जला मोबिल और बजरी का मिश्रण-
एक बार बनी हुई सड़क के ठीक 4 माह बाद बेल दी गयी सड़क में ठेकेदार ने डामर का दिखावा करते हुए जला हुआ मोबिल ऑइल और छोटी बजरी का प्रयोग किया जिसके दूसरे दिन वार्डवासियों द्वारा पैर के चप्पल से हल्का घिसने मात्र से सारी गुणवत्ता की पोल खुल गयी।
क्या नपा रोक पाएगी भुगतान-
समस्त वार्डवासियों व नवनिर्मित सड़क के दोनों ओर निवास करने वाली जनसंख्या के बीच होती चर्चाओं की सुनें तो नगरपालिका प्रशासन इस सीसी रोड की दोनों बार के निर्माण के दौरान हुई दुर्गति से काफी असंतुष्ट व खिन्न है तथा नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती मोहिनी वर्मा,उपाध्यक्ष प्रभात मिश्रा और मुख्य नगरपालिका अधिकारी विकसचन्द्र मिश्रा से साफ अपेक्षा कर रही है कि इस सड़क का सम्पूर्ण भुगतान रोककर या तो ठेकेदार से लिखित-हस्ताक्षरित गारंटी का पात्र सार्वजनिक कर दे या फिर निर्माण जनता की आवश्यकता के अनुरूप मूल्यांकित हुआ हो तो स्वयं मुख्य नगरपालिका अधिकारी व अध्यक्ष स्वयं इस सड़क के मजबूत व टिकाऊ होने का प्रमाण पत्र जारी कर इसे उचित माध्यमों से प्रसारित करें क्योंकि ये परिषद का अंतिम कार्यकाल समय है। कहीं ऐसा न हो कि इस परिषद के कार्यकाल के साथ ही सड़क की आयु भी समाप्त हो जाय और संबंधित फर्म भी भुगतान होने के बाद मरम्मत से कतराती रहे और नई परिषद इस कार्य को पिछली परिषद का भ्रष्टाचार कहकर मरम्मत से अपना मुँह न मोड़ ले।अब देखना है कि वर्तमान परिषद वार्ड 5 की इस सड़क का मूल्यांकन सही तरीके से करके ठेकेदार से लिखित गारंटी जनता को दिलाकर भुगतान करती है या फिर स्वयं रसूखदार फर्म के सगे नगरीय प्रशासन विभाग व नगर की सरकार भी नतमस्तक हो चुकी है।
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