Wednesday, December 15, 2021

बड़ा सवाल- शासन प्रशासन का डंडा सिर्फ गरीबों पर ही क्यो चलता है

 कोतमा- आमीन वारसी- एक बात तो तय है कि शासन हो या प्रशासन हमेशा अपनी दबंगई अत्याचार और  प्रशासनिक कार्यवाही सिर्फ गरीबों और मजलूमों पर करती आई है। जिसका ताजा उदाहरण दिनांक 13 दिसंबर शाम देखा गया जहाँ कोतमा नगर पालिका के अवैध बैठकी वसूली कर्ता कर्मचारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं पुलिस प्रशासन कभी कभी नींद से जागते हुए बाज़ार में सड़क खाली कराने की कार्यवाही कर रहें थें।उसी समय एक गरीब सब्जी व्यवसायी बुजुर्ग महिला प्रशासन के शख्त रवैये कारण बेहोश हो गई जब आमजनों ने प्रशासन की इस तरह क्रूरता को देखकर आक्रोशित हो गई आमजन को आक्रोशित होता देख प्रशासन के लोग भांग खड़े हुए।फिर तत्काल ही मौके पर मौजूद लोगों ने उक्त बेहोश हुई महिला को हॉस्पिटल भेजा समय पर उपचार हो जानें से महिला सुरक्षित है।अगर भगवान न करें उक्त पीड़ित गरीब महिला को कुछ हो जाता तो क्या उसके बच्चों का भरण-पोषण नगर पालिका पुलिस प्रशासन या नगर के जनप्रतिनिधि करते जब महिला के बेहोश होने के बाद हॉस्पिटल जाकर किसे ने ये भी सुध नही लिया कि उक्त महिला जिन्दा भी है या मर गई वो उसके परिजनों का ख्याल क्या खाक रखेगे। 

बड़े लोगों पर कार्यवाही करने से क्यो घबराता है प्रशासन- 

बाज़ार की सड़कों में मकान दुकान के सामने अयस्त वयस्त खड़े दो पहिया चार पहिया वाहन सहित दुकान बढ़ाकर लगाने वाले लोगों पर कार्यवाही करने से नगर प्रशासन व पुलिस प्रशासन क्यो घबराता है।इसका एक कारण यह है कि बड़े लोग पैसे वाले होते है इनका संबंध किसी न किसी मंत्री सांसद विधायक नेता बड़े अधिकारी से होते है इसलिए प्रशासन कार्यवाही करने से घबराता है और गरीबों का कोई भी नही गरीबों पर जैसे चाहों कार्यवाही कर लो अत्याचार कर लो कोई भी बोलने वाला नही शायद इसीलिए प्रशासन गरीबों पर शख्त नज़र आता है।ऐसा ही एक नजारा बीते दिनों बंजारा चौक स्थित देखा था जहाँ शासकीय भूमि पर हुए अतिक्रमण को मुक्त कराने निकले  तत्कालीन कोतमा एस डी एम नगर पालिका अधिकारी कर्मचारी अपने दल बल सहित पहोचकर शासकीय भूमि पर बनें दर्जनो अवैध पक्के मकान दुकान को छोड़कर सिर्फ एक गरीब पान दुकान वाले और एक टायर पंचर बनाने वाले दुकान को तोड़कर अतिक्रमण मुक्त कराने की वाहवाही लूटकर चलें गए।और अमीरों के पक्के मकान दुकान को नही तोड़ा गया।वो इसलिए कि वो काफ़ी पैसे वाले लोग है हो सकता है कि उनके मकान दुकान को न तोड़ने के एवज में नगर प्रशासन राजस्व विभाग ने पैसे लिए हो या फिर धन बल के कारण नगर प्रशासन एवं राजस्व विभाग डर गया होगा।क्योकि उक्त शासकीय भूमि पर सत्ता धारी नेता व कांग्रेस पार्टी के नेता के भी मकान दुकान है।लेकिन  सिर्फ एक दो दुकान पर कार्यवाही करके नगर प्रशासन एवं राजस्व विभाग वापस लौट गया पूछने पर कोतमा एस डी एम ऋषि सिघंई ने बताया कि बाक़ी अन्य मकान दुकान का मामला न्यायालय में विचाराधीन है इतना कहकर साहब ने पल्ला झाड़ लिया। 

ताजा मामला-  बीते कई दिनों से समाचार प्रकाशित हो रहा कि बंजारा चौक के पास मवेशी बाज़ार स्थित तालाब की मेढ पर स्थगन आदेश के बावजूद मकान दुकान का निर्माण तेजी चल रहा जिसकी अनुमति नगर पालिका द्वारा दी गई है। उस ओर नगर पालिका राजस्व विभाग पुलिस विभाग सभी ने चुप्पी साधी हुई है।वो इसलिए कि उक्त निर्माण कार्य भी राजनैतिक धन्ना सेठ के ही चल रहें कोई चिन्दी चोर पल्लेदार मजदूर सब्जी भाजी बेचने वालों का थोड़ी चल रहा है।इसलिए नगर पालिका राजस्व विभाग पुलिस विभाग सभी ने मौन धारण कर लिया है।और जन चर्चा यह है कि उक्त अवैध निर्माण कार्य को मंजूरी देने के एवज में 2-3 नेता एवं एक अधिकारी ने पैसा लिया है हालांकि उनका तबादला हो चुका है।शायद इसीलिए गरीबों पर अतिक्रमण मुक्त करने की कार्यवाही का डंडा चलाने वाले ने उक्त अवैध अतिक्रमण की खबर समाचार पत्रों में प्रकाशन होने के बाद भी संज्ञान नही ले रहें।इससे पहले भी वार्ड नं 4 पुरानी नगर पालिका के बगल से बिजली आफिस रोड स्थित शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया गया और जब उक्त अतिक्रमण की जानकारी चाही गई तो नगर पालिका कर्मचारी ईश्वर का कहना था कि उक्त अवैध अतिक्रमण कौन कर रहा था इसकी जानकारी नही है उक्त अवैध मकान पर नोटिस चस्पा कर दिया गया है।अब धर्म ईमान से नगर पालिका के अधिकारी कर्मचारी व जनप्रतिनिधि ये बताएं कि क्या सचमुच ये नही मालूम कि शासकीय भूमि पर किसने अवैध कब्जा किया है।जबकि पूरा नगर जानता है कि किसने अवैध कब्जा किया है और किसने अवैध कब्जा कराया है अगर सचमुच नगर प्रशासन पुलिस प्रशासन राजस्व विभाग न्याय के पथ पर चल रहा तो आगें आकर आम जनता के सामने उक्त मामले की गंभीरता से जांच करें और बंजारा चौक स्थित शासकीय भूमि पर बनें मकान दुकान सहित शासकीय तालाब की मेढ पर चल रहें अवैध निर्माण कार्य वार्ड नं 4 में हुए अवैध अतिक्रमण को मुक्त करने की कार्यवाही करके दिखाए तभी तो न्याय वाली बात होगी। 

लाक डाऊन से हालात हुए बदतर-  

बीते वर्ष से कोरोना काल लाक डाउन में सब्जी मंडी बाहर लगाए जाने से फुटकर व्यवसायी गली गली के हो गए है।गरीब सब्जी भाजी बेचने वालों के लिए नगर में कोई व्यवस्थित जगह न होने से नगर के हर गली चौक चौराहे सड़क व ठेले पर सब्जी की दुकाने नजर आती है।कुछ गरीब विधवा महिलाएं अपना व अपने बच्चों का भरण-पोषण के लिए सब्जी का धंधा करती हैं।जो जगह न होने से मजबूर होकर सड़को पर दुकान लगाती है।बीते दिनों अतिक्रमण के दौरान सब्जी बेचने वाली एक माता नगर पालिका और प्रशासन की ऊंची आवाज और तेज तर्रार डाट फटकार सुनकर बेहोश हो गई थी जैसे ही बेहोश हुई वैसे ही लोग इक्कठे होकर नगर पालिका के खिलाफ बोलने लगे तो नगर पालिका अधिकारी और कर्मचारी अपने अपने रास्ते चुपचाप खिसक लिए।उस बुजुर्ग महिला को सब्जी व्यवसायी महिला माया साहू बेहोशी की हालत में एम्बुलेंस में लेकर कोतमा अस्पताल पहुंची।जहां उस बुजुर्ग महिला का इलाज हुआ।होश में आने पर दहशत से महिला थर थर कांप रही थी।लोगो का कहना था कि बुजुर्ग महिला को कुछ हो जाता तो क्या उसकी जिम्मेदारी नगर पालिका अधिकारी कर्मचारी लेते। लोगो का आरोप है कि नगर में एक तरफ अवैध कब्जे हो रहे हैं जिस पर नगर पालिका कार्यवाही नही करती वही दूसरी ओर गरीब सब्जी वालों पर नगर पालिका शख्त व कड़ा रुख अपनाती है। वही सब्जी व्यावसायियों का कहना है कि कोतमा नगर के अंदर जो अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई उसे शान्ति व्यवस्था के साथ भी हटाया जा सकता था नगर पालिका कर्मचारियों को उग्र और गर्म होने की जरूरत नही थी।लोगो मे आक्रोश था कि नगर पालिका अधिकारी कर्मचारी हॉस्पिटल जाकर उस गरीब महिला की सुध भी नही लिए वही कोतमा अस्पताल में नाईट ड्यूटी में पदस्थ डॉक्टर विकास पांडे द्वारा बुजुर्ग सब्जी व्यवसायी महिला का इलाज किए बॉटल लगाए उन्होंने बताया कि दहशत के कारण महिला को पायनिक अटैक आ गया था।जो इलाज के बाद अब सुरक्षित है।

इनका कहना:

मैं बाजार की व्यवस्था में लगा हुआ था तभी मुझे यह सूचना मिली थी कि कोई महिला बीमार है जिसके अस्पताल भेजने के लिए एम्बुलेंस की आवश्यकता मैंने एम्बुलेंस भेजकर महिला को अस्पताल भिजवाया है। इस बारे में मुझे और कुछ नही मालूम है।

विकास चन्द्र मिश्रा
मुख्य नगर पालिका अधिकारी कोतमा

 महिला विनोद सब्जी वाले कि माँ है जो यूसुफ संगम कपड़ा दुकान के चबूतरे के नीचे दुकान लगाई थी।जिसे नगर पालिका और पुलिस वाले सब्जी की दुकान हटवाते समय डरा धमका दिए व सामान जप्त कर रहे थे जिस कारण अचानक इतने लोग के डराने धमकाने से महिला बेहोश हो गयी थी।जिसे एम्बुलेंस से अस्पताल लेकर आई हूं

माया साहू
सब्जी व्यवसायी महिला

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