अनूपपुर- आमीन वारसी-बता दे कि केन्द्र की मोदी सरकार की अधीन जम्मू कश्मीर के हालात कुछ ठीक नही है।खबर के मुताबिक बीते दिनों आतंकियों द्वारा कई कश्मीरी भाईयों की हत्या कर दी गई जिसमें कश्मीरी पंडितों के साथ कई सिख भाईयों की भी जान गई है आतंकियों दहशतगर्दों द्वारा इस तरह का अत्याचार किया जा रहा कि जम्मू कश्मीर के डरे सहमे लोग खौफ से पलायन को मजबूर है वही जम्मू कश्मीर एवं केन्द्र की मोदी सरकार मूक दर्शक बनी हुई है।मोदी सरकार की इस नाकामियों को देखकर यूज़र्स लगातार टूईट कर रहे हैं बताया जा रहा जम्मू कश्मीर के हालात यह है कि लगभग 1400, कश्मीरी पलायन कर चुके है।
अशोक पांडे ने अपनी टूइट में कह रहे कि अगर यह खबर सच है तो शासन प्रशासन को शर्म से डूब मरना चाहिए।इतनी सेना इतनी पुलिस इतना अधिकार किस काम का जो इन परिवारों को सुरक्षा भी नही दे पा रहें।धितकार है।
वही अंभुज गुप्ता भारतीय का कहना है कि इस समस्या के लिए निश्चित ही नेहरु जिम्मेदार है क्योकि पटेल तो कश्मीर को साथ रखना ही नही चाहते थे।नेहरू की जिद के सामने उनको नतमस्तक होना पड़ा।बता दूँ कि नेहरू खुद कश्मीरी पंडित थें इसलिए उनकों कश्मीर से बेपनाह लगाव था और नतीजा था कश्मीर का देश में विलय।एक लम्बे समय तक नेहरू की मौत के बाद तक कश्मीर शांत रहा।ढेरों फिल्म और लोगों के डाईग रूम और एलबम में करोड़ों तस्वीर इसकी गवाही देती है।फिर कश्मीर बाकी देश की तरह अशांत होना शुरू हुआ।हिन्दू मुस्लिम के बीच साजिशन नफरत के बीज बोए गए धार्मिक आंदोलन जिसनें देश को दहला दिया उसने कश्मीर पर भी अपना प्रभाव डाला नतीजा सामने है।जनमत की ये जिम्मेवारी है कि वो सरकार से सवाल पूछें।तो मै भी मोदी सरकार से पूछना चाहता हूँ कि आपकी सरकार आपकी पुलिस आपकी सेना का फिर क्या मतलब है जो मजबूर पीड़ित कश्मीरी पंडितों की मदद नही कर सकतें।अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर आज जम्मू कश्मीर में 1990 के दशक जैसे हालात का जिम्मेदार कौन है अगर देखा जाए तो आर्टिकल 370,35 ए हटने के बाद जम्मू कश्मीर केन्द्र सरकार के अधीन है जम्मू कश्मीर की सुरक्षा कानून व्यवस्था राज्यपाल के अधीन है और जम्मू कश्मीर के राज्यपाल मोदी सरकार के अधीन है मतलब साफ है कि जम्मू कश्मीर में बीजेपी की सरकार है एवं केन्द्र में भी बीजेपी की सरकार है तो कश्मीरी पंडितों के पलायन की जिम्मेदार भी भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार ही है।जबकि देश के प्रधानमंत्री मोदी ग्रहमंत्री अमित शाह सहित दर्जनो नेताओं द्वारा संसद भवन में सबके सामने यह कहा गया था कि आर्टिकल 370,35 ए हटने के बाद आतंकवाद का नामो निशान मिट जाएंगा आतंकवाद का सफाया हो जाएगा जम्मू कश्मीर विकास के पथ पर दौड़ेगा कश्मीर की घाटी में फिर से कश्मीरी पंडितों को बसाया जाएगा।तो प्रधानमंत्री मोदी ग्रहमंत्री अमित शाह सहित भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को देश की आम जनता से यह बताना चाहिए कि अब तक कश्मीर घाटी में आप लोगों ने कितने कश्मीरी पंडितों को बसाया है।
कही सियासत चमकाने का ढोंग तो नही था आर्टिकल 370,35ए -
मोदी सरकार की नाकामियों और जम्मू कश्मीर की कानून व्यवस्था देखकर अब ऐसा प्रतीत होता है कि सिर्फ और सिर्फ अपनी सियासत चमकाने के लिए देश में हिन्दू मुस्लिम का जहर घोल कर कश्मीरी पंडितों को आज दोबारा 1990 की दशक में लाकर खड़ा कर दिया।जब सरकारें कमजोर होगी तो निश्चित ही अलगाववादी दहशतगर्दों को मौका मिलेगा ही और आज वही हो रहा है।देश की आम जनता जम्मू कश्मीर व केन्द्र की मोदी सरकार से यह जानना चाहती है कि आखिर आपकी क्या मजबूरी है जो आतंकवादियो को आतंक फैलाने का मौका दे रहें आखिर आप अपनी पुलिस व सेना को आदेश क्यो नही देते जिससे हमारी सेना व पुलिस आतंकियों के ठिकानों में घुसकर ढूंढ ढूंढ कर चुन चुन कर मारे।आखिर आप कब तक आतंकवाद का पुतला दहन करेंगे अरे साहब आतंकवाद का पुतला दहन करने से कुछ नही होगा अगर आपको अपने देश को आतंकवाद से मुक्त करना है तो आतंकियों के सीने में गोली मारनी होगी अगर ऐसा होता है तो यकीन मानिये इस शुभ कार्य में पूरे देश की जनता आपके साथ है तब जाकर हमारा भारत देश आतंकवाद से मुक्त होंगा और अगर आप सिर्फ अपनी सियासत चमकाने के लिए यह कर रहे हैं तो हम देश वासियों और कश्मीरी पंडितों के लिए इससे बड़ा भद्दा मजाक दूसरा हो नही सकता।
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