कोतमा- आमीन वारसी/ रिश्वत खोर भ्रष्टाचारी कोतमा नायब तहसीलदार पंकज नयन तिवारी बीते 28 नवंबर शनिवार को कोतमा अधिवक्ता संघ द्वारा कोतमा एस डी एम ऋषि सिघंई के माध्यम से अनूपपुर कलेक्टर सहित अन्य जिम्मेदारों के नाम एक ज्ञापन सौंपा था उक्त ज्ञापन में यह इसपष्ट रूप से उल्लेख किया गया था कि भ्रष्ट व रिश्वत खोर नायब तहसीलदार पंकज नयन तिवारी को तीन दिवस के अंदर कोतमा तहसील कार्यालय से हटा दिया जाएँ लेकिन आज दिनांक 2 दिसम्बर बुधवार तक जिला कलेक्टर चंद्र मोहन ठाकुर जी भ्रष्ट रिश्वत खोर नायब तहसीलदार पंकज नयन तिवारी के विरुद्ध कोई कार्यवाही नही कर पाएं इसका मतलब साफ है कि आक्रोशित जनता व अधिवक्ताओं द्वारा दिए गए उक्त ज्ञापन को कोतमा एस डी एम ऋषि सिघंई द्वारा अभी तक जिला कलेक्टर सहित संबंधित जनों तक नही पहोचाया गया है या फिर ज़िला कलेक्टर सहित संबंधित जनों की मेहरबानी व सरंक्षण की वजह से नायब तहसीलदार पंकज नयन तिवारी सालों से कोतमा तहसीलदार के पद पर आसीन है। जबकि इतनी गंभीर प्रस्थितियो में तत्काल ही जिला कलेक्टर को संज्ञान में लेते हुए भ्रष्ट रिश्वत खोर नायब तहसीलदार पंकज नयन तिवारी को निलंबित करते हुए उक्त मामले की जांच स्वयम करनी चाहिए थी क्योकि एक या दो नही कोतमा क्षेत्र की आम जनता के साथ साथ पूरे अधिवक्ताओं ने पंकज नयन तिवारी पर भ्रष्ट व रिश्वत खोरी का आरोप लगाया है।
यूँही धुआँ नही उठता साहब कही आग लगी होगी तभी उठ रहा। बता दे कि नायब तहसीलदार पंकज नयन तिवारी पर रिश्वत खोरी का आरोप पहले भी लग चुका है और पहले भी कोतमा अधिवक्ता संघ ने मोर्चा खोला था लेकिन जानें क्यू जिला प्रशासन नायब तहसीलदार पंकज नयन तिवारी के आगें बेबस है। बहरहाल पंकज नयन तिवारी के विरुद्ध कार्यवाही न होने को लेकर अधिवक्ताओं ने अनशन शुरू कर दिया है अब देखना यह है कि भ्रष्ट रिश्वत खोर नायब तहसीलदार पंकज नयन तिवारी को अभयदान दे दिया जाएगा या न्याय की जीत होगी।
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