Saturday, December 12, 2020

रेत ठेकेदार एवं माइनिंग विभाग की सांठ गांठ से चंगेरी घाट से हो रहा अवैध रेत उत्खनन

कोतमा- आमीन वारसी/ चंगेरी रेता खदान हमेशा से ही विवादों में उलझा रहा जिसमे विवाद का मुख्य कारण यह है कि चंगेरी घाट का टेंडर नही था तो रेत ठेकेदार एवं माइनिंग ने प्रशासनिक गणित बैठाकर उक्त खदान को भी रेता ठेकेदार को सौंप दिया गया है और रेता ठेकेदारों द्वारा पेटी कान्टेक्ट में बार बार अलग अलग लोगो को चंगेरी खदान की जिम्मेदारी दे दी जाती है।चंगेरी रेता खदान में जब से टी पी जारी हुई है तो शरुआती दौर में तो पूरी गाड़ियां टी पी में चलाई गई लेकिन कुछ समय के पश्चात जाने कौन सा मंत्र रेता ठेकेदार द्वारा पढ़ा गया की माइनिंग विभाग और पुलिस विभाग रेता ठेकेदार की कठपुतली हो गया एक दिन में 50 -50 ट्रैक्टर की टी पी जिस खदान से कटती रही हो आज वहां से पूरी गाड़ी बिना टी पी के चल रही है खनिज विभाग के द्वारा मोटी रकम लेकर अपनी आँख में पर्दा डाला गया है और पुलिस विभाग को रेता चोरों से कोई लेना देना ही नहीं।

ताजा मामला- गुरूवार को रेता चोरी को लेकर दो गुटों के रेता चोरों के बीच आपस में मारपीट हुई जिसका वीडियो वायरल हुआ जब चंगेरी गाँव का शिवभान नामक व्यक्ति द्वारा अवैध रेत उत्त्खनन का विरोध किया गया तो चाल चेहरा चरित्र वाली पार्टी के रेता माफिया उर्फ रेता चोर शिवभान पर टूट पड़े और गाली गलौज करते हुए यह कहा गया की जब राकेश शुक्ला अवैध उत्खनन करवा रहा था तो हम लोगो ने कोई आपत्ति नहीं की और अब हम अवैध उत्खनन करा रहें है तो गाँव वालो को आपत्ति है।

कौन है ये राकेश शुक्ला-
 
वीडियो में कहा जा रहा कि पूर्व में राकेश शुक्ला द्वारा अवैध रेता उत्खनन किया जा रहा था।यह हम नही भाजपा के तथाकथित लोगों द्वारा कहा जा रहा।वक्त जरूरत पड़ने पर उक्त वीडियो भारतीय जनता पार्टी व संगठन के पद अधिकारियों तक पहोचा दिया जाएंगा जिससे भाजपा व संगठन को भी यह जानकारी होनी चाहिए कि उनके लोगों द्वारा किस तरह पार्टी को बदनाम किया जा रहा है।बताया जाता है कि राकेश शुक्ला पूर्व में रेता ठेकेदार रह चुके है उक्त पेटी कान्टेक्टर राकेश शुक्ला भी अवैध रेत उत्खनन कराकर शासन करोड़ों रुपये का चुना लगा चुके है।जिसकी जानकारी वर्तमान पेटी कान्टेक्टर व रेता चोरों को थी इसलिए वह भी अवैध रेत उत्खनन करा रहें है।मतलब सभी बारी-बारी से शासन को चुना लगा रहें है।वही गाँव के लोगो सहित टैक्टर चालकों से पूछने पर जानकारी मिली की वास्तविक खदान से हटकर वैध खदान की आड़ में रेता चोरों द्वारा अन्य जगहों से भी उत्खनन कराया जा रहा है।बिना टी पी के 1200 रुपये ट्राली रेत मिलती जिस पर  गाड़ी पकड़ जानें पर रेत ठेकेदार की कोई जिम्मेदारी नही दूसरा टी पी वाला रेता 1800 ट्राली बेचा जा रहा है जिसमें ठेकेदार की पूरी जवाब देही रहती है।कुल मिलाकर रेत ठेकेदार और माइनिंग विभाग शासन के राजस्व की चोरी कर रहें।कहीं ऐसा ना हो  जिला प्रशासन के इस तरह मूक दर्शक बने रहने की वजह से रेता चोरों द्वारा एक न एक दिन निश्चित ही किसी बड़ी घटना को अंजाम दिया जाएंगा क्योकि उक्त मारपीट वाला वीडियो देखकर यह प्रतीत होता है कि रेता चोरों के हौसले इतने बुलंद है कि खुलेआम गाली गलौज मारपीट करते है।ग्रामीण जनों में दहशत का माहौल है क्योकि कार्यवाही करने वाले अधिकारी रेत ठेकेदार एवं रेता चोर मिलकर रेता चोरी करवा रहे है।और अगर नहीं करवा रहे है तो कलेक्टर महोदय पिछले दिनों में चंगेरी खदान से कितनी टी पी कटी इसकी निष्पक्ष जांच करा ले।दूध और पानी का पता खुद ही लग जाएंगा।अगर  ग्रामीण जनों द्वारा अवैध उत्त्खनन का विरोध किया जाता है तो भारतीय जनता पार्टी को दागदार करने वाले भाजपा का दामन थामे हुए रेता चोरों द्वारा अपने निजी स्वार्थ के लिए ग्रामीणों से मारपीट करते है साथ ही उक्त व्यक्तियों को लूट के झूठे मामले में फंसाने का प्रयास भी करते है।

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