Sunday, November 22, 2020

व्यापारी आपस में लड़ रहे नगर प्रशासन है मौन


कोतमा- आमीन वारसी/रविवार साप्ताहिक बाज़ार में अब दूर दराज से हमारे नगर में व्यापार करने के लिए आने वाले व्यापारियों का मोह भंग होता दिखाई पड़ रहा है जिसका सबसे कारण है कोतमा नगर पालिका की उदासीनता क्योकि जिम्मेदारों को नगर की अव्यवस्था से कोई लेना-देना नही है प्रत्येक सप्ताह रविवार बाज़ार के दिन फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले व्यापारियों के बीच आपस में जगह को लेकर विवाद होता है जिसकी सुध लेने वाला कोई नही है नगर प्रशासन सिर्फ बैठकी वसूली कर्ताओ को भेजकर समय समय पर वसूली करा कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रही लेकिन कभी भी नगर पालिका सी एम ओ नगर की जनता द्वारा चुनें गए जनप्रतिनिधि अध्यक्ष एवं पार्षद द्वारा बाज़ार भ्रमण कर नगर में फैली अव्यवस्था को सुधारने का प्रयास नही किया जाता जिसका  नतीजा व्यापारी अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए आपस में लड़ते रहते है और जिम्मेदार मूक दर्शक बने रहते है।जब विवाद ज्यादा  गहरा जाता है मारपीट में तब्दील हो जाता है तो फिर पुलिस आकर विवादित मामले को अपने स्तर से  निपटाती है कुल मिलाकर दूर दराज से हमारे नगर में व्यापार करने आया व्यापारी न चाहते हुए भी दुकान लगाने के लिए जगह को लेकर जानें अंजाने में विवाद कर लेता है फिर सारा दिन  पुलिस थाना या फिर हॉस्पिटल का चक्कर लगाता रहता है।इसलिए अब दूर दराज से आए व्यापारी अपने आपको काफ़ी असहाय महसूस कर रहा।

दाल व्यापारियों ने बताई अपनी समस्या

कोतमा विधानसभा अंतर्गत ग्राम पंचायत कोठी से दाल के दो  व्यापारी अपनी समस्या लेकर पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष स्वर्गीय राजेश सोनी जी के घर पहोचकर अपनी आप बीती बताई कि रविवार बाजार दुकान लगाने को लेकर उनका विवाद धर्म विशेष व्यक्ति द्वारा किया जा रहा तो मामले को गंभीरता से लेते हुए पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष स्वर्गीय राजेश सोनी जी के पुत्र आशुतोष सराफ ने तत्काल संघ के पद अधिकारी सुदर्शन रैकवार जी को सूचना दी साथ ही नगर पालिका कर्मचारियों को बुलाकर मौके पर आशुतोष सराफ व सुदर्शन रैकवार जी पहोचकर आपसी समझौता कराकर सभी दुकान लगवाई जो निश्चित ही बधाई के पात्र है।मान लीजिए अगर पीड़ित व्यापारी किसी असमाजिक तत्वों के पास पहोचकर अपनी समस्या बताता तो सबसे पहले मामला विशेष धर्म को लेकर तूल पकड़ता क्योकि असामाजिक तत्वों का काम क्या है सभी जानते हैं धीरे-धीरे न जाने विवाद कौन सा रूप ले लेता जबकि व्यापारी किसी भी तरह का विवाद नही चाहता क्योकि वह बाज़ार में फुटपाथ पर बैठकर रोजी रोटी कमाकर अपना व अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाला छोटा सा व्यापारी है न वो हिन्दू है न वो मुस्लिम है सिर्फ और सिर्फ एक व्यापारी है।  इसलिए नगर प्रशासन को समय रहते नगर में फैली अव्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए जिससे आगें नगर सहित दूर दराज से बाज़ार करने आए हुए व्यापारियों को किसी भी प्रकार की समस्या न हो सकें।

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