Friday, September 25, 2020

तत्कालीन कोतमा पटवारी सर्राटे व गोविंद प्रजापति ने बेची शासकीय भूमि

कोतमा - आमीन वारसी/कहते है बच्चा कितना भी सुन्दर क्यो न हो गोद गंदा करेंगा ही वैसे ही अधिकारी कर्मचारी कितना भी अच्छा क्यू न हो भ्रष्टाचार करेंगा ही।कुछ ऐसा ही मामला कोतमा तहसील अंतर्गत पटवारी हल्का लहसुई का है जहां राजस्व विभाग के हरीशचंद्र ने भू माफियाओ के साथ मिलकर शासकीय भूमि को बेचने का काम किया है। जांच में यह पाया गया कि तत्कालीन पटवारी एस के सर्राटे अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कम्पयूटर ऑपरेटर आशीष श्रीवास्तव के साथ मिलकर शासकीय भूमि को फर्जी तरीके से खसरा में भू माफिया गोविंद प्रजापति का नाम दर्ज कर दिया गया साथ ही तत्कालीन  पटवारी एस के सर्राटे ने उक्त भूमि का पट्टा भी बना दिया।फिर कुछ दिन बाद सभी आरोपियों ने मिलकर पीड़ित प्रमोद जैन को छः लाख रुपए में उक्त शासकीय भूमि को बेच दिया गया।पीड़ित प्रमोद जैन ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया तत्कालीन कोतमा,पटवारी एस के सर्राटे व  भू माफिया गोविंद प्रजापति पिता सुदर्शन प्रजापति निवासी वार्ड नं 08 द्वारा कोतमा तहसील अंतर्गत पटवारी ग्राम लहसुई की शासकीय भूमि खसरा नं.408/3/ख,रकवा .0.101 हेक्टेयर का अंश भाग 0.18 1/2 डिसमिल भूमि कागजों मे हेराफेरी कर वर्ष 2015-16 में बेची गई।

 शासकीय भूमि के क्रय विक्रय की खुली पोल-

शासकीय राजस्व अधिकरियों एवं भू माफियाओ के बीच शासकीय भूमि की सौदेबाजी,क्रय विक्रय और काले कारनामे की पोल समाजसेवी विजय यादव ने खोलकर रख दी।समाजसेवी विजय यादव ने राजस्व विभाग के उच्च अधिकारियों से लेकर संबंधित सभी अधिकारियों के समक्ष शिकायत पर शिकायत की जाती रही पर अधिकारी शासकीय भूमि पर हेराफेरी व भ्रष्टाचार के खेल पर मौन धारण किए हुए थें।जब मीडिया ने 2016 में प्रमुखता से शासकीय भूमि के क्रय विक्रय का समाचार प्रकाशन किया समाचार प्रकाशन के बाद उक्त भूमि को क्रय करने वाले व्यक्ति प्रमोद जैन एवं विजय यादव दोनों व्यक्तियो ने अलग अलग माननीय न्यायालय,कोतमा के समक्ष परिवाद पेश कर न्याय की गुहार लगाई।

न्यायलय ने दिया मामला दर्ज करने का आदेश -

माननीय न्यायालय कोतमा के समक्ष पीड़ित प्रमोद जैन ने जानकारी दी कि भू माफिया गोविंद प्रजापति द्वारा मुझे ग्राम लहसुई की शासकीय भूमि खसरा नं.408/3/ख,रकवा न.0.101 हेक्टेयर का अंश भाग 0.18 1/2 डिसमिल भूमि राजस्व अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर उक्त भूमि को 6 लाख रुपए में बेचा गया।धोखाधड़ी का शिकार हुए प्रमोद जैन ने न्ययालय में परिवाद पेश किया माननीय न्यायालय ने कोतमा  थाना को उक्त मामले में लिप्त आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज करने का आदेश सुनाया जिसमें 
 तत्कालीन कोतमा पटवारी एवं जयसिंह नगर तहसील का आर आई एस के सर्राटे,गोविंद प्रजापति,आशीष श्रीवास्तव एवं  अन्य एक व्यक्ति के विरुद्ध कोतमा थाने में अपराध क्र.340/2016 धारा 420,467,468,471,120 बी,34 आईपीसी के तहत आरोपी  व्यक्तियो के विरूद्ध मामला दर्ज किया गया।

पीड़ित ने उच्च न्यायालय से लगाई न्याय की गुहार-

माननीय न्यायाधीश शरद भामकर ने उक्त मामले में आरोपित तत्कालीन तहसीलदार,कोतमा रामबाबू देवांगन को 15 दिसंबर 2016 को सुनवाई करते हुए बड़ी राहत देते हुए उक्त प्रकरण से तहसीलदार रामबाबू देवांगन को दोषमुक्त कर प्रकरण से बरी करने का आदेश सुनाया।तहसीलदार रामबाबू देवांगन को उक्त मामले से माननीय न्यायालय कोतमा द्वारा बरी करने के उपरांत पीड़ित प्रमोद जैन ने 16 मार्च 2017 को कोतमा न्यायालय के उक्त फैसले के विरुद्ध हाईकोर्ट जबलपुर केश  न. CRR 689/17 तहसीलदार रामबाबू देवांगन पक्ष में आए हुए फैसले के विरूद्ध याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगाई है।

चार वर्ष से फरार आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार -

कोतमा तहसील अंतर्गत  शासकीय भूमि हेराफेरी,फर्जी दस्तावेज तैयार कर उक्त शासकीय भूमि क्रय विक्रय करने वाले दोनों व्यक्ति उक्त प्रकरण में आरोपी पाएं गए तत्कालीन  कोतमा पटवारी जो वर्तमान समय में जयसिंहनगर तहसील में आर अाई के पद में पदस्थ था  एस के सर्राटे एवं साथी भू माफिया गोविंद प्रजापति को 24 सितम्बर 2020 को गिरफ्तार कर न्यायाल के समक्ष पेश किया गया जहा न्यायलय ने दोनों जालसाजों को जेल का रास्ता दिखाया।

फरार आर .आई. करता रहा शासकीय नौकरी - प्रमोद जैन

पीड़ित प्रमोद जैन ने बताया कि शासकीय भूमि की हेराफेरी कागजों में जालसाजी करने वाला आरोपी वर्तमान आर०अाई० एस० के० सर्राटे जयसिंहनगर तहसील में पदस्थ रहकर पुलिस के कागजों में फरार आरोपी चार वर्षो तक नौकरी करता रहा और शासकीय वेतन उठाता रहा। शासकीय भूमि का फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले आज भी पद का दुरुपयोग कर जयसिंहनगर तहसील के उच्च अधिकारियों की आंखो में धूल झोंक कर सरकार से वेतन लेता रहा।कोतमा पुलिस चार वर्षों से लगातार आरोपी को कागजों में ढूंढ़ती रही और आरोपी आर आई  एस के सर्राटे को फरार बताती रही। अंततः कोतमा थाना प्रभारी आर के बैस की कुशल प्रयासों से उक्त मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया जहां से माननीय न्यायालय ने उक्त  दोनों आरोपियों को जेल रास्ता भेज दिया।

इनका कहना:
सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं मुझे न्यायपालिका पर पूर्ण विश्वास था आज मुझे न्याय मिल गया और हाईकोर्ट जबलपुर में तत्कालीन कोतमा तहसीलदार रामबाबू देवांगन के विरुद्ध पिटीशन दायर की गई है उच्च न्यायालय से भी जल्द मुझे न्याय मिलेगा

प्रमोद जैन
पीड़ित फरियादी 

इनका कहना:

शासकीय राजस्व भूमि का फर्जी दस्तावेज व क्रय विक्रय को लेकर माननीय न्यायालय कोतमा के आदेश पर उक्त व्यक्तियों के विरुद्ध मामला दर्ज कर मामले की विवेचना की जा रही थी मामले में दो आरोपियों को आज गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया बाकी आरोपियों की तलाश जारी है।

आर के वैस 
थाना प्रभारी कोतमा

No comments:

Post a Comment