Saturday, August 22, 2020

एस डी एम कार्यालय से दो करोड़ रुपए हुआ नादारत


कोतमा- आमीन वारसी/एक अजीबोग़रीब घटना सामने आई है कोतमा एस डी एम कार्यालय से दो करोड़ इक्कीस लाख रुपए से ज्यादा की फाइल गुम हो गई या फिर अपने निजी स्वार्थ के लिए जिम्मेदारों ने उक्त फाइल को गुम कर दिया यह जांच का विषय है।लेकिन सवाल यह है कि जब न्यायालय से न्याय ही गुम होने लगें तो फिर पीड़ित न्याय पाने कहा जाए।जिले सहित कोतमा नगर की आम जनता को यह जानना बहोत जरूरी है कि बीते 2 वर्ष से कोतमा अनुभाग क्षेत्र के कई पीड़ित हितग्राहि न्याय पाने के लिए दर दर भटक रहे हैं जिनकी सुध लेने वाला कोई नही है।बताते चलें कि जब एन एच 78 सड़क निर्माण कार्य शुरू किया गया था तब कोतमा तहसील अंतर्गत पटवारी हल्का  कल्याणपुर बुढ़ानपुर कोतमा  सहित डोला बेलिया छोट रेऊदा के किसानों की भूमि सड़क निर्माण हेतु अधिग्रहित की गयी थी किसानों की भूमि अधिग्रहित करने के लिए एमपी आर डी सी द्वारा कोतमा एस डी एम को भू अर्जन बनाया गया है और एस डी एम की निगरानी में हल्का पटवारी एवं आर आई द्वारा कृषक किसानों भू स्वामियों से भूमि अधिग्रहित कर ली गई जिस पर एस डी एम व संबंधित हल्का  पटवारी के हस्ताक्षर भी हो गए उक्त भूमि को अवार्ड घोषित कर दिया गया लिस्ट में हित ग्राहियो  किसानों का नाम आ गया उक्त भूमि पर नव निर्मित सड़क नेशनल हाइवे बनकर तैयार हो गई साथ ही नव निर्मित सड़क नेशनल हाइवे पर शहडोल एवं बैहाटोला के पास टूल नाका लगा कर आम जनता से वसूली भी जारी कर दिया गया  है।साथ ही शासन द्वारा 2018 में एन एच 78 के समस्त किसानों की अधिग्रहित की हुई भूमि जिसकी  मुआवजा राशि अनूपपुर जिला कलेक्टर एवं कोतमा एस डी एम को दे दी गई कि आप किसानों का मुआवजा वितरण कर दे लेकिन कोतमा एस डी एम आर एन सिंह कुछ किसानों को मुआवजा वितरण कर ले देकर चलते बनें फिर मिलिन्द नागदेवे आए तो उन्होंने ने भी वही पुराने इतिहास को दोहराते हुए सिर्फ दो किसानों को मुआवजा राशि दी और ले देकर वो भी चलतें बनें अब अमन मिश्रा जी ने कार्यभार संभाला तो एन एच 78 मुआवजा राशि 2 करोड़ इक्कीस लाख रुपए से ज्यादा की फाइल ही गुम हो गई जिससे शेष किसान अब भी मुआवजा राशि पाने के लिए दर बदर भटक रहे हैं। 

-कमीशन के चक्कर में अटका मुआवजा-
 
बताया जाता है कि कमीशन के चक्कर में शेष किसानों को मुआवजा नही दिया गया एम पी आर डी सी कार्यालय से लेकर   एस डी एम कार्यालय तक कमीशनखोरी का खेल खेला गया जिन किसानों ने साहब को मन चाहा कमीशन दिया उनकों चंद दिनों में ही मुआवजा वितरण कर दिया गया जिन्होने कमीशन देने से मना कर दिया उनकी फाइल गुम हो गई।सवाल यह है कि आखिर इतनी महत्वपूर्ण फाइल किसके रेख देख में रहती है आखिर वो कौन लापरवाह कर्मचारी है उसके विरुद्ध कोतमा एस डी एम साहब को कार्यवाही करनी चाहिए। 

-एम पी आर डी अधिकारी संदेह के घेरे में-

आखिर शहडोल एमपी आर डी सी अधिकारी अवधेश तिवारी मुआवजा राशि वितरण करने में क्यू आना कानी कर रहे हैं जबकि शासन द्वारा किसानों को मुआवजा वितरण करने हेतु राशि आवंटित कर दी गई है पीड़ित किसानों ने बताया कि जब भी एमपी आर डी सी अधिकारी अवधेश तिवारी मुआवजा राशि वितरण के संबंध मे चर्चा करते है तो कहते हैं कि एस डी एम बुलाएगे तो आ जाऊंगा और एस डी एम एम पी आर डी सी अधिकारी अवधेश तिवारी को बुलाते है तो बहाना कर देते है लंबे समय से यही खेल चल रहा है।और एन एच 78 मुआवजा पाने वाले हितग्राही प्रतिदिन एस डी एम कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं।

इनका कहना: इस संबंध में  कलेक्टर साहब से मार्ग दर्शन माँगा है जैसे ही साहब का मार्ग दर्शन मिलेगा हित ग्राहियो को   मुआवजा राशि वितरण कर दी जाएगी।

अमन मिश्रा 
एस डी एम कोतमा।

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