Thursday, December 12, 2019

शुक्ला,गुप्ता ने मिलकर आदिवासी बेवा महिला को किया बेघर

पुलिस जब खुद बन जाएगी पक्षकार तो गरीब आदिवासी को कैसे मिलेगा न्याय

आदिवासी महिला बूंदा बाई के मामले में गुप्ता कम शुक्ला ज्यादा पीड़ित दिख रहे

कोतमा/आमीन वारसी- एक ओर केन्द्र एवं राज्य  की सरकार गरीब आदिवासी हितैषी बन रही और मंचाशीन होकर अपने भाषण में गरीब आदिवासियों के हित में कार्य करने की बात कह रही जैसे   भूमिहीन गरीब आदिवासियों को शासकीय भूमि का पट्टा अधिकार पत्र देकर आवास बनाकर देने सहित अन्य योजनाओं का लाभ देने की बात कहती है।तो वही दूसरी ओर प्रशासनिक अमला  आदिवासियों को बेघर करने पे तुला हुआ है।बीते दिनों वार्ड नं 10 कुदरी टोला निवासी आदिवासी बेवा महिला बूदा बाई ने कोतमा थाने में लिखित शिकायत करते हुए बताया कि वह बीते कई वर्ष से वार्ड नं 10 कुदरी टोला में अपनी पुत्री के साथ निवास कर रही है।बेवा बूदा बाई का पड़ोसी राजकुमार गुप्ता द्वारा हमेशा किसी न किसी बात को लेकर बूदा बाई व उसकी पुत्री को जातिगत गाली गलौज करता है साथ ही बेवा आदिवासी महिला बूदा बाई को उसी के घर से बाहर निकाल देने की धमकी देता है और आखिर राजकुमार गुप्ता द्वारा बेवा महिला को बेघर कर ही दिया गया जबकि उक्त मकान गरीब आदिवासी बेवा महिला बूदा बाई भूमिहीन बेघर होने के कारण पूर्व में राजकुमार गुप्ता से ही 45 हज़ार रुपये देकर क्रय किया था।

राजकुमार बेच रहा शासकीय भूमि राजस्व विभाग मौन-
 वार्ड नं 10 तहसील कार्यालय के पीछे लगभग 2 एकड़ शासकीय भूमि पर वर्षों से राजकुमार गुप्ता अवैध रूप से कब्जा कर निवास कर रहा है।साथ ही उक्त शासकीय भूमि के रकवा को धीरे-धीरे बिना किसी लिखा पढ़ी के अनपढ़ गरीब आदिवासियों से मोटी रकम लेकर विक्रय कर रहा जिसकी शिकायत पूर्व में भी वार्डवासियो द्वारा कोतमा तहसील कार्यालय में की गई थी लेकिन कोतमा तहसील के जिम्मेदार अधिकारी अब तक  कुम्भकरणीय नींद में है किसी ने भी राजकुमार गुप्ता के घर व भूमि की जांच नही की और मजे की बात यह है कि एक बाद एक शासकीय भूमि का टुकड़ा राजकुमार गुप्ता द्वारा बेचा जा रहा। 

पुलिस कर रही भू माफिया का सहयोग- 

शासकीय भूमि क्रय विक्रय करने वाले भू माफिया राजकुमार गुप्ता का कोतमा थाने में पदस्थ ए एस आई विपुल शुक्ला सहयोग प्रदान कर रहे हैं वार्ड वासी व पीड़ित महिला बूदा बाई ने बताया कि शिकायत पर जांच ए एस आई विपुल शुक्ला को दी गई है।और ए एस आई महोदय राजकुमार गुप्ता ऐसा सहयोग कर रहे कि पीड़ित महिला बूदा बाई से भू माफिया राजकुमार गुप्ता के घर पर किराए से रह रही हूँ और दो महीने बाद घर खाली करके चली जाऊंगी  ऐसा लिखकर देने की धमकी दे रहे हैं। अब ए एस आई साहब को कौन समझाए कि जब खुद राजकुमार गुप्ता शासकीय भूमि पर कब्जा कर अवैध रूप से मकान बनाकर कर निवास कर रहा है तो सोचनिए प्रश्न यह है कि  क्या राज कुमार गुप्ता के पास उक्त विवादित भूमि का पट्टा है  अगर है तो कुल कितने वर्ग फीट या कितने एकड़ भूमि का पट्टा  राजस्व रिकार्ड एवं नगर पालिका रिकार्ड में राज कुमार गुप्ता का नाम कहा दर्ज है और कितना दर्ज है यह जानकारी जांच अधिकारी  ए एस आई विपुल शुक्ला को उच्च अधिकारियों को बताना चाहिए।अगर पीड़ित गरीब आदिवासी बेवा महिला बूदा बाई के पास उक्त विवादित भूमि का पट्टा या अन्य दस्तावेज उपलब्ध नही है तो भू माफिया राजकुमार गुप्ता के पास कौन सा दस्तावेज है जो यह साबित करता है कि उक्त मकान राजकुमार गुप्ता का है और पीड़ित महिला बूदा बाई उक्त विवादित मकान पर किराए से रहतीं थी सीधी सी बात है न ही उक्त भूमि का पट्टा राज कुमार गुप्ता के पास है और न ही बूदा बाई के पास लेकिन एक बात सच है कि राजकुमार गुप्ता अनपढ़ गरीब भूमिहीन व्यक्तियों को    शासकीय भूमि विक्रय कर धोखाधड़ी करता है और ऐसे भू माफियाओ का सहयोग ए एस आई विपुल शुक्ला जैसे लोग कर रहे हैं जिससे बूदा बाई जैसी गरीब आदिवासी पीड़ित बेवा  महिला बेघर हो रही है।और जिले के जिम्मेदार अधिकारी मौन धारण किये हुए है।

राजकुमार गुप्ता कम शुक्ला स्वयं पक्षकार लग रहे है-
यूंतो बिना अन्टी में लक्ष्मी खोंसे साहब की कलम नही चलती लेकिन गरीब आदिवासी बूंदा बाई के मामले में शुक्ला जी स्वयं अपने आप को राजकुमार गुप्ता समझकर पैरवी करते नजर आते है।हालिया घटना कल पसला में एक गरीब आदिवासी बिसाहू लाल सिंह गोंड़ से कोतवाली में पदस्थ प्रधान आरक्षक श्याम शुक्ला द्वारा पैसा मांगने पर बिसाहुलाल द्वारा फांसी लगा लेने की घटना हुई है।तभी ताज्जुब होता है कि गरीब आदिवासी आज 12 दिन से घर की छानी उकस देने व घर खाली करने की धमकी से परेशान होकर कोतमा थाने सहित पुलिस अधीक्षक,कलेक्टर महोदय,हरिजन थाना अब एस डी एम कोर्ट के चक्कर लगा रही है।लेकिन शुक्ला जी ने यह सौगन्ध खा लिए है की पीड़िता बूंदा बाई की शिकायत फर्जी है हम राजकुमार गुप्ता को घर खाली कराकर देंगे।बूंदा बाई और मीडिया को जो करना है कर ले।

इनका कहना:
बूंदा बाई फर्जी महिला है राजकुमार गुप्ता बेचारा किराये में मकान दिया था।जिसे यह खाली नही कर रही उल्टा मोहल्ले वालों दो तीन सोनी परिवार व पार्षद के चढ़ाने पर 45 हजार देना बता रही।पैसा दी होती तो लिखा पढ़ी होती न राजकुमार गुप्ता के बिटिया की शादी है इसलिए वो मकान खाली करा रहा इस कारण  छत की सीट निकाल दिया कोई गलत थोड़े ही किया है।जिसे जो छापना हो छापता रहे।मुझे फर्क नही पड़ता।

विपुल शुक्ला
ए एस आई,थाना कोतमा

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