Thursday, September 5, 2019

बौखलाए गजेन्द्र शुक्ला ने झूठा शपथ पत्र किया वायरल


कोतमा/आमीन वारसी- बीते दिनों अभिभाषक संघ कोतमा द्वारा तहसील कार्यालय में पदस्थ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी गजेन्द्र शुक्ला के घूसखोरी से तंग आकर कोतमा तहसीलदार पंकज तिवारी को एक ज्ञापन सौंपते हुए घूसखोर गजेन्द्र शुक्ला को तहसील कार्यालय से हटाए जाने की मांग कि गई थी जिससे बौखलाए हुए दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी गजेन्द्र शुक्ला द्वारा 31-8-19 को  तहसील कार्यालय में अधिवक्ता संजीव जायसवाल एवं शिव विश्वकर्मा के द्वारा झूठा शपथ पत्र देकर दबाव बनाकर कार्य कराने का एक शपथ पत्र शोसल मीडिया में वायरल किया गया था जिस पर अभिभाषक संघ द्वारा दिनांक  4-9-2019 को कोतमा थाने में गजेन्द्र शुक्ला के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज कराई गई है। अधिवक्ताओं का कहना है कि शोसल मीडिया में वायरल किए गए उक्त शपथ पत्र से हमारा कोई लेना-देना नही है हम प्रार्थी गणों को रंजिश वश बदनाम किया गया है।उक्त मामले में सच क्या है और झूठ क्या है ये वही जाने लेकिन एक बात सच है कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी गजेन्द्र शुक्ला घूसखोर है जिसके कई प्रमाण है।


वर्षों से है एक ही जगह पदस्थ-

तहसील कार्यालय में पदस्थ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी गजेन्द्र शुक्ला 2005 से कोतमा तहसील में पदस्थ है लगभग 14 वर्ष से एक ही स्थान पर अंगद की तरह अपना पैर जमाए हुए है जिसे अब तक कोई नही हिला पाया कारण यह है कि काम वैध हो या अवैध साहबों की जी हजूरी सेवा में हमेशा तत्पर रहता है इसलिए साहब भी गजेन्द्र शुक्ला मेहरबान रहते है चाहे फिर कम्प्यूटर ऑपरेटर गजेन्द्र शुक्ला शासकीय भूमि के खसरा से गैर हकदार बंटन व्यस्थापन की जगह व्यक्ति विशेष का नाम दर्ज कर दे आदिवासी की भूमि को जरनल बना दे इससे साहबों को कोई लेना-देना नही है क्योकि सेवक गजेन्द्र शुक्ला हर तरह की सेवा प्रदान कर रहा है तो सब ठीक है इसलिए अब तक एक ही जगह जमा हुआ है।

उक्त कर्मचारी स्थानीय निवासी भी है-

कहते शासन के नियम अनुसार जिस तहसील अंतर्गत आप निवासरत है तो उस तहसील अंतर्गत आप अधिकारी  कर्मचारी के पद पर पदस्थ नही रह सकते लेकिन गजेन्द्र शुक्ला के लिए सारे नियम कानून तोड़ दिए गए गजेन्द्र शुक्ला कोतमा तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत देवगवा का स्थानीय निवासी है जिसे वर्षों से कोतमा तहसील कार्यालय में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर पदस्थ रखा गया जिस ओर तहसील के जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यान कभी नही गया और गजेन्द्र शुक्ला ने स्थानीय निवासी होने का भरपूर फायदा उठाते हुए अपने परिचित भू माफियाओ को राजस्व रिकार्ड से छेड़छाड़ कर लाभ पहोचाया गया जिसकी पूर्व में शिकायत भी की गई है।

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