भ्रष्ट कर्मचारी को कार्यवाही की जगह मिला अभयदान-
तहसील कार्यालय में वर्षों से पदस्थ दैनिक वेतन भोगी भ्रष्ट घूसखोर कर्मचारी गजेन्द्र शुक्ला के खिलाफ अभिभाषक संघ द्वारा दिनांक 30-8-2019 को कोतमा तहसीलदार से शिकायत की गई थी लेकिन शिकायत के बाद भी तहसीलदार द्वारा उक्त कर्मचारी पर कार्यवाही नही कर सकें और कार्यवाही की जगह उक्त कर्मचारी को अभयदान दे दिया गया। अभिभाषक संघ सहित कोतमा क्षेत्र की आम जनता जानना चाहती है कि आखिर तहसीलदार साहब ने शिकायत के बाद भी अब तक ऐसे भ्रष्ट कर्मचारी को बाहर का रास्ता क्यो नही दिखाया कही ऐसा तो नहीं कि भ्रष्ट घूसखोर कर्मचारी गजेन्द्र शुक्ला के सेवकों वाले अंदाज से साहब प्रभावित हो गए या फिर और कुछ बात है ये वही जाने।
तहसील कार्यालय का करेंगे बहिष्कार-
कोतमा अभिभाषक संघ अध्यक्ष राजेश सोनी ने बताया कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी गजेन्द्र शुक्ला को नवागत तहसीलदार पंकज नयन तिवारी का सरंक्षण प्राप्त है उक्त कर्मचारी के विरुद्ध कार्यवाही करने की बजाए अधिवक्ताओं को नोटिस जारी किया गया है कि अब नक़ल पंक्षकारो को दी जाएगी अधिवक्ताओं को नही ये सरा सर हिटलर शाही है अभिभाषक संघ द्वारा तहसीलदार पंकज नयन तिवारी के विरुद्ध कमिश्नर शहडोल कलेक्टर अनूपपुर एस डी एम कोतमा को शिकायत करेंगे अगर 5 दिन के अंदर हमारी नही सुनी गई तो अभिभाषक संघ द्वारा तहसील कार्यालय का बहिष्कार किया जाएगा साथ ही धरना प्रदर्शन भी करेंगे।
तेजाब डालकर रिकार्ड किया नष्ट-
तहसील कार्यालय में पदस्थ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी गजेन्द्र शुक्ला ने तत्कालीन तहसीलदार राम बाबू देवागन के मार्ग दर्शन पर 2011-12 में राजस्व रिकार्ड कल्याणपुर की गैर हकदार शासकीय भूमि खसरा नं 295-296-297- का पुराना हस्त लिखित खसरा वर्ष 2006 से 2010 तक के रिकार्ड में शासकीय भूमि जहाँ पर गैर हकदार दर्ज था उसी जगह पर एसिड डालकर गैर हकदार नष्ट कर दिया गया।जिसकी शिकायत अनूपपुर कलेक्टर महोदय से 5-7-2016 को की गई थी लेकिन राजस्व विभाग की बदनामी के डर से कलेक्टर महोदय द्वारा मामले को दबा दिया गया था अगर मुझ पर विश्वास नही तो स्वयं कोतमा तहसील में पदस्थ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी गजेन्द्र शुक्ला से पूछ लीजिए और अगर फिर भी यकीन न हो तो वर्ष 2006 से 2010 तक का हस्त लिखित कल्याणपुर खसरा निकलवा कर देख लीजिए दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा गैर हकदार नष्ट करने के बाद से ही कल्याणपुर की गैर हकदार शासकीय भूमि की रजिस्ट्री होने लगीं।जिससे क्षेत्र के कई भू माफियाओ को लाभ पहुंचाने का काम किया गया और आज भी कई गरीब आदिवासी किसान न्याय पाने भटक रहे हैं तत्कालीन तहसीलदार राम बाबू देवागन के कार्यकाल में बहोत सी शासकीय भूमि बेच दी गई है जिसमें कुछ मामले आज भी कोतमा न्यायालय में विचाराधीन है जिसमें अन्य आरोपियों सहित तत्कालीन तहसीलदार रामबाबू देवागन भी आरोपी है।धुआँ ऐसे ही नही उठता जनाब जब आग लगीं होगी तभी धुआँ उठा है बाकी आप सब समझदार है। इसीलिए इसमें कोई शक नहीं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी गजेन्द्र शुक्ला अपने लाभ के लिए कुछ भी कर सकता है और उस पर कार्यवाही होनी चाहिए।
इनका कहना: उक्त कर्मचारी के विरुद्ध शिकायत की गई है जांच चल रही है जांच उपरांत कार्यवाही की जाएगी।
आर के बैस
थाना प्रभारी कोतमा
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