कोतमा/आमीन वारसी- देशभर में गांव को शहरों से जुड़ने के लिए नई नई सड़के बनाई जा रही है जिससे गांव शहरों से जुड़ सके परंतु यहां न तो कोई योजना काम करती है न ही कोई अधिकारी इस पर ध्यान देता है मामला भालूमाड़ा से कोतमा की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग का है जहाँ मुख्य सड़क में जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं और साथ ही साथ सड़को पर आवारा मवेशियों का भी कब्जा बना हुआ है जिससे आने जाने वाले राहगीरों को काफ़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। पूर्व में तो नगर पालिका पसान द्वारा हाका गैंग लगा कर आवारा मवेशियों को सड़क से अलग कर कांजी हाउस में बंद कर दिया जाता था परंतु अब फिर से वही पुराना रवैया अपनाया जाने लगा है और सड़क पर ही मवेशीयो का कब्जा बना रहता है जिससे कोई ना कोई घटना होती रहती है।
पूर्व में कई बार हो चुकी है घटनाएं- भालूमाड़ा से कोतमा की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग में जगह जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं जिससे वाहन चालकों को इस सड़क पर वाहन चलाने में तो काफी दिक्कत होती ही है साथ ही साथ दुर्घटनाओं का डर भी बना रहता है बड़े-बड़े गड्ढे होने के कारण वाहन असंतुलित हो जाते हैं जिससे कोई न कोई दुर्घटना होने का भय बना रहता है बड़े बड़े गड्ढो के कारण कोई दुर्घटना घटित हो जाती है या फिर वाहन चालक चोटिल हो जाता है।
भालूमाड़ा से कोतमा जाने वाले मुख्य मार्ग पर नहीं किसी का ध्यान-भालूमाडा से कोतमा को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग से होकर अधिकारी/कर्मचारी जाते हैं आपको बता दें यह भालूमाड़ा से कोतमा को जोड़ने वाला एकलौता मुख्य मार्ग है परंतु गड्ढों में तब्दील सड़क पर किसी का ध्यान नहीं जाता और राहगीरों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
मवेशियों को सुरक्षित रखने वाला हाका गैंग निष्क्रिय- पूर्व में नगर पालिका परिषद पसान द्वारा आवारा मवेशियों को कांजी हाउस में सुरक्षित रखने के लिए हाका गैंग तैयार कर उन्हें सड़कों से हटा दिया जाता था ताकि आवारा मवेशियों व राहगीरों को किसी भी प्रकार का नुकसान ना हो परंतु वर्तमान में हाका गैंग भी निष्क्रिय हो चुका है जिससे सड़कों पर आवारा मवेशी घूमते हुए नजर आते हैं जिससे राहगीर तो घायल होते ही हैं साथ ही साथ यह बिचारे बेजुबान जानवर भी चोटिल हो जाते हैं।
आखिर कौन है जिम्मेदार- सड़क की स्थिति बहुत ही दयनीय हो गई है सड़क में कदम कदम पर बड़े बड़े गड्ढे हो गए है परंतु किसी का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है सड़क में आए दिन कोई न कोई घटना दुर्घटना होती रहती है कई बार अखबारो/समाचारों के माध्यम से सड़क की हालत से शासन प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है परंतु इस ओर किसी ने भी किसी प्रकार का ध्यान नहीं दिया।जिम्मेदार अधिकारी इस पर चुप्पी क्यो साधे हुए हैं???आखिर क्यो नहीं होती कोई कार्यवाही???क्या मिट्टी डालने से ढक जाते है गड्ढे???
पूर्व में कई बार हो चुकी है घटनाएं- भालूमाड़ा से कोतमा की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग में जगह जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं जिससे वाहन चालकों को इस सड़क पर वाहन चलाने में तो काफी दिक्कत होती ही है साथ ही साथ दुर्घटनाओं का डर भी बना रहता है बड़े-बड़े गड्ढे होने के कारण वाहन असंतुलित हो जाते हैं जिससे कोई न कोई दुर्घटना होने का भय बना रहता है बड़े बड़े गड्ढो के कारण कोई दुर्घटना घटित हो जाती है या फिर वाहन चालक चोटिल हो जाता है।
भालूमाड़ा से कोतमा जाने वाले मुख्य मार्ग पर नहीं किसी का ध्यान-भालूमाडा से कोतमा को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग से होकर अधिकारी/कर्मचारी जाते हैं आपको बता दें यह भालूमाड़ा से कोतमा को जोड़ने वाला एकलौता मुख्य मार्ग है परंतु गड्ढों में तब्दील सड़क पर किसी का ध्यान नहीं जाता और राहगीरों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
मवेशियों को सुरक्षित रखने वाला हाका गैंग निष्क्रिय- पूर्व में नगर पालिका परिषद पसान द्वारा आवारा मवेशियों को कांजी हाउस में सुरक्षित रखने के लिए हाका गैंग तैयार कर उन्हें सड़कों से हटा दिया जाता था ताकि आवारा मवेशियों व राहगीरों को किसी भी प्रकार का नुकसान ना हो परंतु वर्तमान में हाका गैंग भी निष्क्रिय हो चुका है जिससे सड़कों पर आवारा मवेशी घूमते हुए नजर आते हैं जिससे राहगीर तो घायल होते ही हैं साथ ही साथ यह बिचारे बेजुबान जानवर भी चोटिल हो जाते हैं।
आखिर कौन है जिम्मेदार- सड़क की स्थिति बहुत ही दयनीय हो गई है सड़क में कदम कदम पर बड़े बड़े गड्ढे हो गए है परंतु किसी का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है सड़क में आए दिन कोई न कोई घटना दुर्घटना होती रहती है कई बार अखबारो/समाचारों के माध्यम से सड़क की हालत से शासन प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है परंतु इस ओर किसी ने भी किसी प्रकार का ध्यान नहीं दिया।जिम्मेदार अधिकारी इस पर चुप्पी क्यो साधे हुए हैं???आखिर क्यो नहीं होती कोई कार्यवाही???क्या मिट्टी डालने से ढक जाते है गड्ढे???
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