कोतमा/आमीन वारसी- सरकार बदल गई लेकिन हालात बिल्कुल भी नही बदले आज भी नेताओं के रौब वही है फर्क सिर्फ इतना है कि पहले भाजपा नेता रौब दिखाते थे अब कांग्रेस नेता दिखा रहे है जिले के कोतमा क्षेत्र मे अवैध कारोबार जमकर फल-फूल रहा है राजस्व एवं वन भूमि से लगातार अवैध उत्खनन कर शासन को लाखों का चूना प्रतिदिन माफियाओ द्वारा लगाया जा रहा हैं माफियाओं के अंदर कानून नाम का भय पहले भी नही था और आज भी नही खुलेआम कानून को ठेंगा दिखाकर अवैध कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है जब माफियाओं पर प्रशासनिक अमला कार्यवाही करता है तो सत्ताधारी नेताओं से माफिया कार्यवाही करने वाले अधिकारी कर्मचारी पर दबाव बनाकर वाहन छुड़वाने का प्रयास करते हैं अधिकारी अवैध कारोबार में पकड़े गए जप्ती वाहनों को न छोड़ने पर सत्ताधारी नेता अन्य स्थानों में स्थानांतरण कराने की धमकी देते है जिससे प्रशासनिक अमला ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर पा रहा है सफेद पोश सत्ताधारी नेताओं एवं माफियाओं का मिली भगत साफ नजर आ रहा है तभी तो सत्ताधारी नेताओ द्वारा माफियाओ के वाहनों को कार्यवाही से बचाने के लिए कार्यवाही करने वाले अधिकारियो का स्थानांतरण दूसरी जगह में कराने के लिए भोपाल में कई दिनों तक डेरा डाल दिया जाता है जब राजनेता ही माफिया अवैध कारोबारियों को बचाने में जुट जाएं तो माफियाओ पर कार्यवाही कैसे संभव है।
कोतमा रेंजर ने माफियाओ पर की थी कार्यवाही-
वन परिक्षेत्र कोतमा अंतर्गत सर्किल कोतमा केवई नदी जमड़ी घाट वनभूमि पुराना आर एफ न 292 में पोकलेन मशीन लगाकर ट्रकों से रेत का अवैध उत्खनन व परिवहन कई दिनों से किया जा रहा था जिसकी सूचना कोतमा रेंजर सिद्धांत दीपांकर को लगी दिनांक 21 फरवरी 2019 की रात लगभग 8:00 बजे टीम गठित कर केवई नदी जमड़ी घाट वन भूमि पर जब पहुंचे तो देखा कि बिजुरी निवासी खेड़िया ठेकेदार द्वारा पोकलेन मशीन लगाकर रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा था ट्रक वाहन सीजी 16 सीएच 9876 से रेत भरकर केवई नदी से परिवहन किया जा रहा था जिसे तत्काल जप्त करते हुए पी ओ आर नंबर 45,49/14 के तहत मामला दर्ज करते हुए रेंजर ने उक्त वाहन पर राजसात की कार्यवाही की उसके बाद रेत माफिया द्वारा लगातार रेंजर पर वाहन छोड़ने एवं कार्यवाही न करने का दबाव बनाया जा रहा था रेंजर ने अपने कर्तव्य को ईमानदारी से करते हुए पोकलेन मशीन और रेत से भरे ट्रक पर तत्काल कार्यवाही की गई जबकि रेत माफिया द्वारा सत्ताधारी नेताओं से लगातार रेंजर पर वाहन छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा था लेकिन ईमानदार रेंजर ने नेताओं एवं माफिया की एक न सुनी जिसका उपहार मध्यप्रदेश शासन द्वारा रेंजर का स्थानांतरण कर दिया गया।
माफिया का वाहन न छोड़ने पर, रेंजर पर स्थानांतरण की गिरी गाज-
कोतमा रेंजर सिद्धांत दीपांकर द्वारा रेत माफिया पर विगत दिनों से मुहिम चलाकर कार्यवाही कर रहे थे जो सफेद पोश नेताओं एवं माफियाओं को हजम नहीं हो पाई रेंजर द्वारा लगातार छापेमार कार्यवाही जगह-जगह की जा रही थी वनभूमि में चल रहे अवैध उत्खनन व परिवहन करने वाले वाहनों पर कार्यवाही करने से माफियाओं में रेंजर की दहशत फैली हुई थी माफियाओं व सफेद पोश नेताओं को रेंजर के क्रियाकलाप व ईमानदारी पसंद नहीं आई और रेत माफिया ने सत्ताधारी नेता से साठगांठ करके रेंजर का स्थानांतरण करा दिया और मध्य प्रदेश शासन वन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल से दिनांक 9 मार्च 2019 को आदेश क्रमांक एफ 3-8/2019/10-1 को दिनांक 8/3/2019 द्वारा परिक्षेत्र अधिकारी को सामान्य वन मंडल अनूपपुर के पद पर की गई पदस्थापना में आंशिक संशोधन कर वन परिक्षेत्र अधिकारी गढ़ाकोठा सामान्य वन्य मंडल दक्षिण सागर नवीन पदस्थापना आनन फानन में कर दी गई जिससे साफ साफ पता चलता है आज ईमानदारी से अपने कर्तव्य का पालन करने वाले शासकीय अमले पर सत्ताधारी नेताओं के आदेश का पालन न करना कितना महंगा पड़ रहा है।
भाजपा नेता पर कार्यवाही करने वाले तत्कालीन रेंजर का ऐसे ही हुआ था स्थानान्तरण-
सरकार किसी पार्टी की हो लेकिन शासकीय अमले पर सत्ताधारी नेताओ द्वारा अक्सर अनावश्यक दबाव बनाया जाता रहा है जिसका जीता जागता उदाहरण नेशनल हाईवे रोड बनाने वाले दिलीप बिल्डकॉन द्वारा वन विभाग की भूमि पर नियमो के विपरीत कार्य करने पर तत्कालीन रेंजर कोतमा शिशुपाल अहिरवार वर्ष 2015-16 में कार्यवाही करना बहुत महंगा पड़ा दिलीप बिल्डकॉन के गुंडे तत्कालीन कोतमा रेंजर एवं वन कर्मचारियों को मारने के लिए वन डिपो कोतमा में घुस गए थे और कुछ कर्मचारियों के साथ मारपीट भी किए थे जिसकी शिकायत भालूमाड़ा थाने पर वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा दिलीप बिल्डकॉन कंपनी कर्मचारियो के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी वही दिलीप बिल्डकॉन द्वारा भी वन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों पर शिकायत दर्ज कराया गया था मध्यप्रदेश की तत्कालीन भाजपा सरकार में अच्छा दबदबा रखने वाले दिलीप बिल्डकॉन कंपनी के मुखिया दिलीप सूर्यवंशी द्वारा कुछ दिनों में तत्कालीन कोतमा रेंजर शिशुपाल अहिरवार का स्थानांतरण कोतमा से शहडोल करवा दिया गया था। और कोतमा रेंजर सिद्धार्थ दिपाकंर द्वारा कांग्रेस नेता खेड़िया ठेकेदार पर कार्यवाही करने पर स्थानांतरण का पुरस्कार दिया गया है जिससे यह पता चलता है कि सरकार बदल गई लेकिन हालात अब भी नहीं बदला।
*भ्रष्ट अधिकारी को दे रहे सरंक्षण* कोतमा अनुभाग क्षेत्र में अवैध उत्खनन परिवहन का कारोबार करने वाले खनिज माफिया भू माफिया को सरंक्षण देने वाले अधिकारी को कांग्रेस नेताओं का है सरंक्षण प्राप्त तभी तो लगातार भू माफिया के खिलाफ खबर प्रकाशन होने के बाद भी सत्ता पंक्ष के किसी भी नेता ने माफियाओ पर कार्यवाही करने का आदेश कोतमा एस डी एम को नही दिया गया। क्या कार्यवाही न होने से पीड़ित किसान सहित नगर की आम जनता में मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार के प्रति आक्रोश व्यापत नही होगा क्या कांग्रेस सरकार की छवि धूमिल नही होगी।
इनका कहना -
कोतमा रेंजर का प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत स्थानन्तरण किया गया है।
ए के जोशी
सी सी एफ,शहडोल
मैंने ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने का प्रयास हमेशा किया है कुछ लोगो द्वारा पोकलेन मशीन व रेत से भरे ट्रक पर कार्यवाही न करने का दबाव बनाया जा रहा था मैं पहले कोतमा में प्रभार में था 8 मार्च को सम्पूर्ण प्रभार कोतमा वन मंडल में दिया गया था और 9 मार्च को पुनः मेरा स्थानन्तरण गढ़ा कोटा सागर कर दिया गया। ऐसी प्रकिया से मैं काफी दुखी हूँ ऐसे में कोई अधिकारी ईमानदारी से काम कैसे करेगा।
सिद्धांत दीपांकर
रेंजर, कोतमा
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