Thursday, February 28, 2019

जाति प्रमाणपत्र का सेजरा प्रमाणित करने के नाम पर,पटवारी ने ली रिश्वत एस डी एम मौन


कोतमा/आमीन वारसी-  एस डी एम कोतमा मिलिन्द नागदेवे के तानाशाह रवैये के कारण पीड़ित पक्षकार परेशान जब एक जिम्मेदार अधिकारी ही आम जनमानस से तानाशाह रवैया अपनाएगे तो अन्य राजस्व अधिकारी कर्मचारी कैसे पीछे रहे,गरीब पीड़ित किसानो की शिकायतों व प्रकरण पर कोतमा एस डी एम डुल मूल रवैया अपनाए हुए है तो समय पर न्याय कैसे सम्भव है यह आम जनता की समझ से परे है कोतमा तहसील अंतर्गत राजनगर बनगवां रामनगर निवासी पारथ पटेल पिता पूनीराम पटेल उम्र 40 वर्ष द्वारा शपथ पत्र देकर पटवारी अशोक केवट पर संगीन आरोप लगाया गया शपथकर्ता पारथ पटेल द्वारा बताया गया कि दिनांक 18/09/2018 को अपने स्वयं का जाति प्रमाण पत्र हेतु आवेदन अनुविभागीय राजस्व  अधिकारी लोकसेवा केन्द्र  कोतमा में आवेदन किया आवेदन  पत्र क्र. Rs 461/0106/598/2018  आवेदन देने के उपरांत शपथकर्ता से हल्का पटवारी अशोक केवट हल्का राजनगर रा.नि.मं. बिजुरी उप तहसील बिजुरी जिला अनूपपुर द्वारा शपथ कर्ता से 7 जनवरी 2019 को हल्का पटवारी अशोक केवट द्वारा पटवारी प्रतिवेदन एवं से सेजरा प्रमाण पत्र में प्रतिवेदन हेतु 5000 रुपये रिश्वत के तौर पर मांग की गई तो   शपथकर्ता द्वारा 5000 रुपये हल्का पटवारी अशोक केवट को दिया गया पैसे देने के उपरांत भी पारथ पटेल का जाति प्रमाण पत्र अभी तक नहीं बनाया गया बार बार पटवारी अशोक केवट के घर जा जा कर थक गया लेकिन पटवारी द्वारा यह कहा गया कि 15000 रुपये और दोगे तभी तुम्हारा जाति प्रमाण पत्र का सेजरा प्रमाणित करके दूगा जब प्रार्थी द्वारा बोला गया पहले ही मैंने आपके कहने पर 5000 रुपये आपको दे चुका हूं आपके द्वारा बोला गया था कि आपका काम हो जाएगा इसके बाद आप शेष 15000 रुपये मुझे दे देना और अब आप पहले पैसा मांग रहे हो तो पटवारी अशोक केवट मै आपका जाति प्रमाण पत्र का सेजरा प्रमाणित नही करूँगा तब पीड़ित विवश होकर इधर उधर से कर्ज लेकर 15000 रुपये एकत्रित करके पुनः अशोक केवट पटवारी को विजय यादव के सामने दिया कुल राशि 20000 रुपये प्रार्थी द्वारा अभी तक दी जा चुकी है किंतु पटवारी द्वारा आये दिन टाल मटोल कर पीड़ित गोल मोल घुमाया रहा है जबकि पीड़ित द्वारा लोक सेवा केन्द्र में  आवेदन किया था लोकसेवा कोतमा प्रकरण क्रमांक RS/461/0106/5098/2018 निरस्त हो गया था पटवारी द्वारा कहा गया कि आप एक बार पुनः आवेदन करके मुझे दे दे।मैं आपका जाति प्रमाणपत्र का सेजरा प्रमाणित कर दूंगा आवेदनकर्ता पारथ पटेल द्वारा पुनः आवेदन कर जब लोकसेवा केंद्र गया तो पटवारी हल्का अशोक केवट द्वारा यह बोला जाता है कि आवेदन लोकसेवा में न देकर मेरे हाथों में दे दो आपका काम हो जाएगा आवेदनकर्ता ने एक बार फिर जाति प्रमाणपत्र का सेजरा प्रमाणित करने हेतु पटवारी अशोक केवट को अपना आवेदन दिया इसके बावजूद आज तक शपथ कर्ता पारथ पटेल का जाति प्रमाणपत्र का सेजरा प्रमाणित नहीं किया गया  आज बिना रिश्वत लिए कोई काम नहीं होता अब तो हद ही हो गयी रिश्वत लेने के बाद भी पीड़ित  गरीब को अपने जाति प्रमाणपत्र का सेजरा प्रमाणित करवाने हेतु पटवारी के आगे पीछे घूमना पड़ रहा है।

*एसडीएम का तानाशाह रवैया*-
उक्त गंभीर मामले को लेकर जब मीडिया द्वारा कोतमा एसडीएम मिलिंद नागदेवे से चर्चा करने का प्रयास किया जाता है तो साहब तानाशाही रवैया अपनाते हुए मीडिया कर्मियों को ही नसीहत देने लगते हैं और यदि गंभीर मामलों पर चर्चा करने का प्रयास फोन के माध्यम से किया जाता है तो साहब बिना पूरी बात सुने ही फोन काट देते है जब ऐसा रवैया अनुविभागीय अधिकारी मीडिया कर्मियों के साथ करते है तो आम जनता के साथ कैसा संवाद व व्यवहार करते होंगे इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते है *सालों से है कई मामले है विचाराधीन* कोतमा एस डी एम कार्यालय में सालों से कई मामले विचाराधीन है पीड़ित किसान प्रतिदिन एस डी एम कार्यालय का चक्कर लगा रहे है  लेकिन उक्त विचाराधीन मामलों पर साहब अब तक विचार नही कर पाए कोतमा तहसील अंतर्गत पटवारी हल्का कल्याणपुर के पीड़ित किसान शिवलाल केवट द्वारा बीते एक वर्ष पूर्व एस डी एम कार्यालय कोतमा में लिखित शिकायत दावा प्रस्तुत किया गया कि मेरी पुस्तैनी भूमि का गलत तरीके से तत्कालीन पटवारी चन्द्रशेखर द्वारा पारिवारिक बटनवारा कर दिया गया है जो सही नही है शिवलाल केवट ने अपनी शिकायत में बताया कि उसके परिवार का सदस्य सजनलाल केवट वगैरह द्वारा कोतमा तहसील में 10 किता भूमि बटनवारा का आवेदन किया गया था लेकिन पटवारी चंद्र शेखर द्वारा 14 किता भूमि का बटनवारा कर दिया गया यह प्रमाणित है कि पटवारी चंद्रशेखर किस तरह लापरवाही पूर्वक या रिश्वत लेकर गलत तरीके से बटनवारा किया गया है जिसे  निरस्त कर उचित बटनवारा की कार्यवाही करें जबकि पीड़ित किसान के द्वारा हजारों रूपये खर्च कर कोतमा तहसील से प्रकरण के समस्त दस्तावेज का नक़ल निकालकर दावा प्रस्तुत किया गया फिर भी एस डी एम साहब पीड़ित किसान शिवलाल केवट के शिकायत दावे पर अब तक कोई विचार नही किया गया मजे की बात यह है कि उक्त बटनवारे का मामला कोतमा एस डी एम कार्यालय में विचाराधीन होने के बाद भी उक्त भूमि की रजिस्ट्री कोतमा तहसील में ही हो रही है मतलब साफ है कि सब कुछ साहब की जानकारी में हो रहा है।
*शासकीय भूमि का बड़े पैमाने पर हो रहा गोल माल*  ऐसे कई मामले है कोतमा तहसील अंतर्गत ही कल्याणपुर स्थित गैर हकदार जंगल की शासकीय भूमि पर  अजीमुददीन भोचू द्वारा क्रय विक्रय करने के साथ ही लगभग 15 एकड़ शासकीय भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है जबकि पीड़ित किसानों द्वारा सी एम हेल्प लाइन सहित कमिश्नर शहडोल कलेक्टर अनूपपुर एवं एस डी एम कोतमा को कई बार शिकायत की गई लेकिन एस डी एम साहब भू माफिया अजीमुददीन भोचू के खिलाफ कोई कार्यवाही नही कर रहे है जिससे यह प्रतीत होता है कि उक्त भू माफिया को साहब का सरंक्षण प्राप्त है पीड़ित किसानों को अब सिर्फ कलेक्टर महोदय से ही न्याय की उम्मीद है पीड़ित किसानों ने कलेक्टर चंद्र मोहन ठाकुर जी से मांग कि है कि कोतमा राजस्व अनुभाग क्षेत्र में चल रहे मनमाने एवं तानाशाह रवैये पर रोक लगाए साथ ही पीड़ित किसानों को न्याय दे।

कहना है-मैं तत्काल मामले की जांच करवाता हूँ यदि मामले में सच्चाई पाई जाती है तो कार्य वाही की जाएगी।

चंद्रमोहन ठाकुर
कलेक्टर, अनूपपुर

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