कोतमा/आमीन वारसी- क्षेत्र में संचालित भारत माता स्कूल में विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।भारत माता स्कूल संचालक नियमों को ताक पर रखकर स्कूल का संचालन कर रहे हैं। स्थिति यह है कि हाई स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों के पास बीएड एवं डीएड की डिग्री नहीं है। विद्यालय में पदस्थ शिक्षक बिना डिग्री ही स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल संचालक के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नही कि जा रही है।
ये है नियम- ज्ञात हो कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 1 अप्रैल 2010 से लागू हुआ है। कानून की धारा 23 (2) में स्पष्ट प्रावधान है कि कक्षा पहली से 8वीं तक पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों को बीएड या डीएड करना अनिवार्य है बिना डिग्रीधारी शिक्षक निजी स्कूलों में नहीं पढ़ा सकते हैं मगर सारे नियम कानून को दर किनार करते हुए भारत माता स्कूल संचालक शिक्षा अधिकार के विपरीत कार्य कर रहे हैं जिससे छात्र छात्राओं का भविष्य अंधकार में हैं।बताया जाता है कि डिग्री धारक शिक्षक न रखने का कारण कम वेतन भारत माता स्कूल संचालक अपने स्कूल में कम तनख्वाह पर कम योग्यता वाले शिक्षकों को पढ़ाने के लिए नौकरी पर रखे हुए हैं।
नही है योग्यता धारी शिक्षक- शिक्षा अधिकार कानून के तहत प्राथमिक शालाओं के लिए हायर सेकंडरी व डीएड योग्यताधारी शिक्षक होना चाहिए। मीडिल स्कूलों में ग्रेज्युएशन के साथ ही बीएड योग्यताधारी और हायर सेकंडरी स्कूलों के लिए पोस्ट ग्रेजुएट के साथ बीएड योग्यताधारी शिक्षक अध्यापन कार्य के लिए पात्र होंगे अन्यथा अपात्र कहलाएंगे लेकिन क्षेत्र में संचालित भारत माता स्कूल संचालक शिक्षा अधिनियम को दर किनार करते हुए शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों की साठ गाँठ कर बिना डिग्री धारी शिक्षकों विद्यालय में रखा गया है।
प्रशिक्षित शिक्षक न होने से पढ़ाई प्रभावित-क्षेत्र के भारत माता स्कूल में प्रशिक्षित शिक्षक न होने से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। वहीं स्कूल के संचालक बच्चों को कम्प्यूटर शिक्षा देने की बात करते हैं, लेकिन इनके स्कूल में कम्प्यूटर सिस्टम की संख्या सिर्फ 2 ही है। जबकि अभिभावकों से कंप्यूटर शिक्षा के नाम पर पूरी फीस वसूली जाती है। शिक्षा की मानक सुविधाएं नहीं होने के कारण बच्चों की पढ़ाई पर विपरीत असर पड़ रहा है।
पठन पाठन में उत्तम- भारत स्कूल संचालक अपने स्कूल की बढाई करते कभी नहीं थकते जबकि भारत माता स्कूल में अव्यवस्था का अंबार लगा हुआ है छात्र छात्राओं को पढ़ाने वाले शिक्षकों के पास संबंधित विषय की डिग्री नहीं है। और पठन पाठन में उत्तम बता रहे हैं भारत माता स्कूल संचालक पर नियम विरुद्ध संचालन करने के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए जो सारे नियम कानून को ताक पर रखकर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
इनका कहना है - सभी निजी स्कूलों में बीएड /डीएड योग्यता वाले शिक्षक ही बच्चों को पढा सकते हैं। अगर संचालक द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा तो जांच कर कार्यवाही की जाएगी।
यूके बघेल
डीईओ अनूपपुर।
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