कोतमा/आमीन वारसी- यूथ कांग्रेस अनूपपुर जिला अध्यक्ष ऋषि तिवारी ने बताया कि मध्यप्रदेश के अठ्ठाहरवें मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करते ही कमलनाथ का अंदाज चर्चा का विषय बन गया जहां कमलनाथ की ताजपोशी भविष्य की राष्ट्रीय राजनीति को दर्शाने के संकेत दे रही थी। वहीं पदभार ग्रहण करते ही कमलनाथ ने राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक और कार्य संस्कृति से संबंधित फैसले लेकर अपना अंजाम ए आगाज़ दिखा डाला । मध्यप्रदेश मंत्रालय के नवनिर्मित भवन को लोकार्पित करते हुए कांग्रेस के चुनावी नारे “ वक्त है बदलाव का “ को जतलाना भी शुरू कर दिया। मंत्रालय से पहला आदेश किसानों के दो लाख तक का कर्जा माफ निकालकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के जनता के साथ किए गए वादे को पूरा करने का काम किया। इस आदेश से जहां कमलनाथ ने राजनैतिक और आर्थिक मोर्चे पर अपने कमिटमेंट को पूरा करने का काम किया। तो दूसरे आदेश में अपनी सामाजिक प्रतिबद्धता को प्रर्दशित करते हुए कन्यादान की राशि को 51 हजार रुपए कर डाली अब यह राशि सीधे कन्या के खाते में जाएगी अपने अगले आदेश में प्रदेश के औद्योगिक विकास की और कदम उठाते हुए चार गारमेंट पार्क की स्थापना और उधोगपति को निवेश करने पर मिलने वाली सहुलियतों को सत्तर प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार देने की शर्त के साथ जोड़ दिया। अफसरों को पहली बैठक में ही जनभावनाओं और अपेक्षा को महसूस करने की सलाह दी तो अधिकारियों के स्तर किसी भी हो सकने वाले काम को वहीं पूरा करने के निर्देश देते हुए कहा कि कोई व्यक्ति मेरे पास काम की सिफारिश लेकर न आए । कमलनाथ ने जिला स्तर पर आम आदमी के साथ होने वाले भ्रष्टाचार को समाप्त किए जाने को लेकर भी निर्देश दिए कार्य संस्कृति में बदलाव की शुरुआत भी खुद कमलनाथ ने भी की जब उनके शपथ ग्रहण में देश की ख्यातनाम राजनीतिक हस्तियां मौजूद रही तो उन्होंने उत्सव प्रियता को त्यागकर छत्तीसगढ़ जाने की बजाय मध्यप्रदेश में रहकर काम की शुरुआत करना ज्यादा पसंद किया। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वचन पत्र का पहला वादा पूरा किया है आगे इससे और भी बेहतर होगा कांग्रेस जो कहती है वो करती है।
Tuesday, December 18, 2018
कांग्रेस ने वचन पत्र का पहला वादा किया पूरा -ऋषि तिवारी
कोतमा/आमीन वारसी- यूथ कांग्रेस अनूपपुर जिला अध्यक्ष ऋषि तिवारी ने बताया कि मध्यप्रदेश के अठ्ठाहरवें मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करते ही कमलनाथ का अंदाज चर्चा का विषय बन गया जहां कमलनाथ की ताजपोशी भविष्य की राष्ट्रीय राजनीति को दर्शाने के संकेत दे रही थी। वहीं पदभार ग्रहण करते ही कमलनाथ ने राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक और कार्य संस्कृति से संबंधित फैसले लेकर अपना अंजाम ए आगाज़ दिखा डाला । मध्यप्रदेश मंत्रालय के नवनिर्मित भवन को लोकार्पित करते हुए कांग्रेस के चुनावी नारे “ वक्त है बदलाव का “ को जतलाना भी शुरू कर दिया। मंत्रालय से पहला आदेश किसानों के दो लाख तक का कर्जा माफ निकालकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के जनता के साथ किए गए वादे को पूरा करने का काम किया। इस आदेश से जहां कमलनाथ ने राजनैतिक और आर्थिक मोर्चे पर अपने कमिटमेंट को पूरा करने का काम किया। तो दूसरे आदेश में अपनी सामाजिक प्रतिबद्धता को प्रर्दशित करते हुए कन्यादान की राशि को 51 हजार रुपए कर डाली अब यह राशि सीधे कन्या के खाते में जाएगी अपने अगले आदेश में प्रदेश के औद्योगिक विकास की और कदम उठाते हुए चार गारमेंट पार्क की स्थापना और उधोगपति को निवेश करने पर मिलने वाली सहुलियतों को सत्तर प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार देने की शर्त के साथ जोड़ दिया। अफसरों को पहली बैठक में ही जनभावनाओं और अपेक्षा को महसूस करने की सलाह दी तो अधिकारियों के स्तर किसी भी हो सकने वाले काम को वहीं पूरा करने के निर्देश देते हुए कहा कि कोई व्यक्ति मेरे पास काम की सिफारिश लेकर न आए । कमलनाथ ने जिला स्तर पर आम आदमी के साथ होने वाले भ्रष्टाचार को समाप्त किए जाने को लेकर भी निर्देश दिए कार्य संस्कृति में बदलाव की शुरुआत भी खुद कमलनाथ ने भी की जब उनके शपथ ग्रहण में देश की ख्यातनाम राजनीतिक हस्तियां मौजूद रही तो उन्होंने उत्सव प्रियता को त्यागकर छत्तीसगढ़ जाने की बजाय मध्यप्रदेश में रहकर काम की शुरुआत करना ज्यादा पसंद किया। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वचन पत्र का पहला वादा पूरा किया है आगे इससे और भी बेहतर होगा कांग्रेस जो कहती है वो करती है।
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