Sunday, November 4, 2018

नगर में इतना सन्नाटा क्यों है भाई



कोतमा/आमीन वारसी- जहां एक ओर विधानसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए पूरे प्रदेश में मतदाता पर्व चल रहा है जिसे हम सब एक उत्सव के रूप में मनाते है वही दूसरी ओर संभाग की एकलौती समान्य सीट  कोतमा विधानसभा क्षेत्र में आखिर इतना सन्नाटा क्यों है तो हम बताते चलें कि 2 नवंबर को भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कि है तभी से पूरे कोतमा विधानसभा क्षेत्र में सन्नाटा सा छाया हुआ है खास कर कोतमा बिजुरी राजनगर शहरी क्षेत्र में मातम पसरा है वो इसलिए  क्योकि हमारे क्षेत्र की आम जनता घोषित भाजपा प्रत्याशी से संतुष्ट नहीं है सिर्फ भारतीय पार्टी के स्वार्थी एवं अवसर वादी नेता  ही भाजपा प्रत्याशी को पचा पा रहे हैं बाकी अन्य व आम जनता के गले से नही उतर रहा है इसलिए पूरे क्षेत्र में सन्नाटा है अगर कोतमा विधानसभा क्षेत्र की आम जनता में यह सन्नाटा 28 नवंबर तक बरकरार रहा तो निश्चित ही भारतीय जनता पार्टी और भाजपा प्रत्याशी के राजनैतिक जीवन में सन्नाटा छा सकता है। कहने को तो शहडोल संभाग की एकलौती समान्य सीट कोतमा है लेकिन लगातार तीन पंचवर्षीय से सिर्फ ओबीसी दावेदार को ही पार्टी द्वारा टिकट दिया रहा है समान्य वर्ग का भारतीय जनता पार्टी की नजर में कोई मोल ही नहीं है अबकी बार भी मानों टिकट  दावेदारों की होड़ सी लगी हुई थी जिसमें जनता सर्वे के आधार पर प्रमुख रूप राजेश सोनी की प्रबल दावेदारी मानी जा रही थी साथ ही सवर्ण समाज की नाराजगी को भी ध्यान में रखते हुए यह कयास लगाए जा रहे थे कि अगर राजेश सोनी को प्रत्याशी नहीं बनाया जाता तो नये चेहरे के रूप में ब्राहम्ण समाज से प्रबल दावेदार बृजेश गौतम की मानी जा रही थी लवकुश शुक्ला और अजय शुक्ला भी पार्टी के लिए नये चेहरे थे यह सभी टिकट की दौड़ में रहे है और भारतीय जनता पार्टी व संगठन चाहते तो इन 4 नेता राजेश बृजेश लवकुश अजय पर भी दाव लगा कर विजयी हासिल कर सकती थी लेकिन पार्टी ने इन सभी नेताओं एवं कार्यकर्ताओ की  उम्मीदों पर पानी फेरते हुए सिर्फ अपनी मन मर्जी से पूर्व विधायक दिलीप जायसवाल को ही प्रत्याशी बना दिया गया जबकि दिलीप जायसवाल  2008 में भाजपा से ही निर्वाचित हुए थे और कोतमा विधानसभा क्षेत्र में आम जनता के हित में कोई ऐसा कार्य नहीं किए जिससे आम जनता में काफी रोष है कार्यकर्ताओ का कहना है कि कोतमा विधानसभा क्षेत्र की जनता के सामने आखिर किस मुंह से वोट मांगने जाए। विदित हो कि पिछले 2013 विधानसभा चुनाव मे टिकट न मिलने से नाराज होकर भाजपा प्रत्याशी का विरोध किया था। यहा तक कि निगवानी और राजनगर मे हुई शिवराज और राजनाथ सिंह की सभा तक मे शामिल नही हुए थे मतदान के दिन मतदान भी नही किया था उक्त ऐसे पार्टी विरोधी को ही भाजपा प्रत्याशी बना दिया गया जिससे कोतमा विधानसभा क्षेत्र की जनता नाखुश है। क्षेत्र मे फैले इस तरह के सन्नाटे से यही प्रतीत होता है कि भाजपा और भाजपा प्रत्याशी के लिए अच्छे संकेत नही है।

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