कोतमा/आमीन वारसी- विधानसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए कोतमा विधानसभा क्षेत्र में यह चर्चा आम है कि कोतमा विधानसभा क्षेत्र के समस्त ग्राम पंचायत सचिव को फिर से लग सकता है गब्बर सिंह टैक्स ग्रामीण क्षेत्रों में यह चर्चा जोरो से चल रही है कि फिर से वसूली कर्ता गब्बर सिंह झोला लेकर चुनाव मैदान पर आ गया है कही ऐसा न हो कि 5 वर्ष पूर्व की तरह फिर से ग्रामीण क्षेत्र में रात्रि विश्राम के बहाने लाखों रूपये का टैक्स पुनः सचिव को लगने लगेगां यही डर ग्राम पंचायत सचिव को सता रहा है। जी हा हम बात कर रहे है (डीजे बाबू जी) कि जिन्होने अपने कार्य काल के दौरान विधानसभा क्षेत्र का भ्रमण करने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र का विकास करने के नाम पर समस्त ग्राम पंचायत का दौरा करते थे साथ ही रात्रि विश्राम ग्रामीण क्षेत्र में ही करते थे और रात्रि विश्राम के दौरान ही जिस ग्राम पंचायत में रात्रि विश्राम होता था उस ग्राम पंचायत सचिव को टैक्स जमा करना पड़ता था मजाल है कोई भी सचिव (डीजे बाबू जी) को गब्बर सिंह टैक्स देने से मना कर दे पीडि़त सचिवो को मजबूरन (डीजे) को टैक्स देना ही पड़ता था अब आगे हो सकता है कि फिर से ग्राम पंचायत सचिवो के अच्छे दिन आने वाले है क्योकि अवैध वसूली कर्ता मैदान पर है अनुमान यह लगाया जा रहा है कि 12 दिसम्बर से टैक्स लगना शुरू हो जाएगा। यह भी बताया जाता है कि कोतमा विधानसभा क्षेत्र के तमाम अधिकारी कर्मचारी भी (डीजे बाबू जी) की अवैध वसूली का हिस्सा बन चुके है कुल मिलाकर ऐसा कोई सगा नहीं जिसको इन्होंने और उनके परिवार ने ठगा नहीं पूरे 5 वर्ष तक समस्त विभाग के अधिकारी कर्मचारी परेशान हाल दिखाई पड़ रहें थे जानकारों का कहना है कि कोतमा विधानसभा अंतर्गत आमाडाड खुलीं खदान एवं बरतराई अंडर ग्राउंड खदान सहित बिजुरी राजनगर कोरजा कालरी प्रबंधक पर दबाव बनाकर अच्छा खासा कमीशन (डीजे बाबू) को मिलता था साथ ही वाहनों में पेट्रोल डीजल का भी इन्तजाम कर दिया जाता था। शायद इसी लिए कोतमा विधानसभा क्षेत्र का विकास नही हुआ क्योकि (डीजे बाबू जी ) तमाम विभाग से अपना हिस्सा पहले ही ले लेते थे तो विभागीय अधिकारी कर्मचारी भी सिर्फ कागजों में विकास कार्य करके अपना पल्ला झाड़ लेते थे और विधानसभा क्षेत्र की भोली भाली जनता अपने छोटे मोटे काम लिए महीनों चक्कर लगाते थे फिर मजबूरी में कमीशन देकर अपना काम करा पाती है आप यह कह सकते हैं कि ( डीजे बाबू ने) कोतमा विधान सभा क्षेत्र का तो विकास नही किया लेकिन अपना और अपने परिवार विकास निश्चित किया हैं यह सब कुछ विधानसभा क्षेत्र की जनता देख रही है। एक बार फिर से आम जनता के बीच झूठे कसमे वादों के साथ विधानसभा क्षेत्र में अवैध वसूली वाला झोला लेकर मैदान पर आ चुके है अब देखना यह है कि (डीजे बाबू )को फिर से अवैध वसूली करने का सौभाग्य प्राप्त हो पाता है या नही।
Tuesday, November 20, 2018
फिर लग सकता है गब्बर सिंह टैक्स (डी जे)
कोतमा/आमीन वारसी- विधानसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए कोतमा विधानसभा क्षेत्र में यह चर्चा आम है कि कोतमा विधानसभा क्षेत्र के समस्त ग्राम पंचायत सचिव को फिर से लग सकता है गब्बर सिंह टैक्स ग्रामीण क्षेत्रों में यह चर्चा जोरो से चल रही है कि फिर से वसूली कर्ता गब्बर सिंह झोला लेकर चुनाव मैदान पर आ गया है कही ऐसा न हो कि 5 वर्ष पूर्व की तरह फिर से ग्रामीण क्षेत्र में रात्रि विश्राम के बहाने लाखों रूपये का टैक्स पुनः सचिव को लगने लगेगां यही डर ग्राम पंचायत सचिव को सता रहा है। जी हा हम बात कर रहे है (डीजे बाबू जी) कि जिन्होने अपने कार्य काल के दौरान विधानसभा क्षेत्र का भ्रमण करने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र का विकास करने के नाम पर समस्त ग्राम पंचायत का दौरा करते थे साथ ही रात्रि विश्राम ग्रामीण क्षेत्र में ही करते थे और रात्रि विश्राम के दौरान ही जिस ग्राम पंचायत में रात्रि विश्राम होता था उस ग्राम पंचायत सचिव को टैक्स जमा करना पड़ता था मजाल है कोई भी सचिव (डीजे बाबू जी) को गब्बर सिंह टैक्स देने से मना कर दे पीडि़त सचिवो को मजबूरन (डीजे) को टैक्स देना ही पड़ता था अब आगे हो सकता है कि फिर से ग्राम पंचायत सचिवो के अच्छे दिन आने वाले है क्योकि अवैध वसूली कर्ता मैदान पर है अनुमान यह लगाया जा रहा है कि 12 दिसम्बर से टैक्स लगना शुरू हो जाएगा। यह भी बताया जाता है कि कोतमा विधानसभा क्षेत्र के तमाम अधिकारी कर्मचारी भी (डीजे बाबू जी) की अवैध वसूली का हिस्सा बन चुके है कुल मिलाकर ऐसा कोई सगा नहीं जिसको इन्होंने और उनके परिवार ने ठगा नहीं पूरे 5 वर्ष तक समस्त विभाग के अधिकारी कर्मचारी परेशान हाल दिखाई पड़ रहें थे जानकारों का कहना है कि कोतमा विधानसभा अंतर्गत आमाडाड खुलीं खदान एवं बरतराई अंडर ग्राउंड खदान सहित बिजुरी राजनगर कोरजा कालरी प्रबंधक पर दबाव बनाकर अच्छा खासा कमीशन (डीजे बाबू) को मिलता था साथ ही वाहनों में पेट्रोल डीजल का भी इन्तजाम कर दिया जाता था। शायद इसी लिए कोतमा विधानसभा क्षेत्र का विकास नही हुआ क्योकि (डीजे बाबू जी ) तमाम विभाग से अपना हिस्सा पहले ही ले लेते थे तो विभागीय अधिकारी कर्मचारी भी सिर्फ कागजों में विकास कार्य करके अपना पल्ला झाड़ लेते थे और विधानसभा क्षेत्र की भोली भाली जनता अपने छोटे मोटे काम लिए महीनों चक्कर लगाते थे फिर मजबूरी में कमीशन देकर अपना काम करा पाती है आप यह कह सकते हैं कि ( डीजे बाबू ने) कोतमा विधान सभा क्षेत्र का तो विकास नही किया लेकिन अपना और अपने परिवार विकास निश्चित किया हैं यह सब कुछ विधानसभा क्षेत्र की जनता देख रही है। एक बार फिर से आम जनता के बीच झूठे कसमे वादों के साथ विधानसभा क्षेत्र में अवैध वसूली वाला झोला लेकर मैदान पर आ चुके है अब देखना यह है कि (डीजे बाबू )को फिर से अवैध वसूली करने का सौभाग्य प्राप्त हो पाता है या नही।
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