Tuesday, November 6, 2018

वार्ड नं 10 हुआ भाजपा मुक्त- संजय सेन


कोतमा/आमीन वारसी- कोतमा वार्ड नं 10 विकास नगर के युवा मतदाता कार्यकर्ता संजय सेन ने बताया कि 28 नवम्बर को विधानसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए 6 नवम्बर को अनूपपुर जिला निर्वाचन कार्यालय में भाजपा प्रत्याशी का नामांकन पत्र दाखिल किया जाना था इसलिए पूरे कोतमा विधान सभा क्षेत्र से भाजपा कार्यकर्ता एवं पद अधिकारी को नामांकन पत्र दाखिल किए जाने के लिए पार्टी द्वारा सभी को एकत्रित होकर फार्म दाखिल करने जाने के लिए कार्यकर्ता ओ को एकत्रित किया जा रहा था लेकिन पार्टी निर्णय से   नाखुश कार्यकर्ता नामांकन पत्र दाखिल करने नहीं जाना चाहते थे इसलिए कोई न कोई बहाने से वार्ड 10 विकास नगर के भाजपा  कार्यकर्ता नामांकन पत्र दाखिल कराने नहीं गए सिर्फ पार्टी के दो पद अधिकारी गए थे यह देखकर प्रतीत होता है कि अब वार्ड 10 विकास नगर भाजपा कार्यकर्ता मुक्त हो चुका है और इसका कारण सिर्फ पार्टी की गलत नीति है जो कोतमा विधानसभा क्षेत्र से सही प्रत्याशी का चयन नहीं किया पार्टी अपने मन मुताबिक पुराने प्रत्याशी को ही हम कार्यकर्ता ओ को थोप दिया गया है। विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ता ओ को प्रत्याशी के लिए वोट मांगना पड़ता है आम मतदाता से पार्टी वोट नहीं मांगने जाती आम जनता की तमाम खरी खोटी हम कार्यकर्ताओ को सुनना पड़ता है प्रत्याशी या पार्टी को नही। जैसे पार्टी ने हम कार्यकर्ताओ की बातों को नजरअंदाज कर अपनी मर्जी से प्रत्याशी बनाया है तो अब प्रत्याशी के साथ रैली जन संपर्क नामांकन एवं वोटिंग का कार्य भी  खुद ही कर ले हम कार्यकर्ताओ की क्या आवश्यकता है।

प्रत्याशी की क्या है विशेषता- भारतीय जनता पार्टी व संगठन ने ऐसा क्या देखा जो पुराने प्रत्याशी को थोप दिया। 2008 से 2013 तक   विधायक रहे दिलीप जायसवाल ने कोतमा विधानसभा क्षेत्र में कोई ऐसा कार्य नहीं किए और न ही आम जनता के हित में कार्य किया जिससे हम दोबारा वोट मांग सकें और फिर विकास कार्य की बात तो दूर मुझ जैसे सैकड़ों कार्यकर्ताओ को बीते पांच वर्ष में क्या दिया जिससे क्षेत्र के साथ साथ हम कार्यकर्ताओ को भी रोजगार मिला होता हम भी आसानी से अपना व अपने  परिवार का भरण-पोषण कर सकते लेकिन ऐसा नहीं हुआ हम 2008 में भी कार्यकर्ता थे जो प्रत्याशी के लिए वोट मांग कर विधायक बनाकर राजधानी भोपाल भेज दिए भाई साहब का रोजगार फिट हो गया बाक़ी आप लोग जानते ही होंगे कि एक बार  विधायक बनने के बाद सैलेरी और पेंशन कितनी होती है और आज 2018 दस साल बाद भी हम सब सिर्फ कार्यकर्ता ही है। जो चुनाव के बाद हर रोज़ रोजगार की तलाश करते दर-बदर भटकते रहते है और जैसे ही  चुनाव आया तो फिर कार्यकर्ता बन जातें है यही हाल है मेरे देश के युवाओं का।

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