Monday, October 8, 2018

डेढ़ लाख रिश्वत मामले में दो और गए काम से




कोतमा/आमीन वारसी-वन परि क्षेत्र में पदस्थ प्रभारी रेंजर रवि शंकर त्रिपाठी डिप्टी रेंजर शिवचरण पुरी बीट गार्ड अवध नरेश शुक्ला के द्वारा छत्तीसगढ़ के व्यवसायी से डेढ़ लाख रुपए रिश्वत लेने का मामला समवेत शिखर द्वारा प्रमुखता से उठाया गया था पिछले अंकों में खुलासा किया गया था जिसके बाद मुख्य वन संरक्षक शहडोल ने खबर को संज्ञान में लेते हुए प्रभारी रेंजर रवि शंकर त्रिपाठी का तत्काल प्रभाव से स्थानांतरण किया गया वही इस मामले में 6 अक्टूबर शनिवार को पुनः मुख्य वन संरक्षक कार्यालय के माध्यम से डिप्टी रेंजर शिवचरण पुरी का भेडरी तलैया और बीट गार्ड अवध नरेश शुक्ला का अहिरगवा के लिए स्थानांतरण कर दिया  गया है। जब इस सम्बंध में मुख्य वन संरक्षक शहडोल से बात हुई तो  उन्होंने बताया कि जांच कमेटी का गठन कर दिया गया है रिश्वत कांड की निशपक्ष जांच करने के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं जो क्षेत्र में चल रही रिश्वतखोरी और कथित कर्मचारियो के कारनामों को रोकने और उक्त मामले में सुबूत मिटाने व अन्य कारणों से उनका तबादला कर दिया है ताकि जांच निशपंक्ष रूप से हो सकें । मुख्य वन संरक्षक द्वारा रेंजर डिप्टी रेंजर फिर बीट गार्ड को हटाने के बाद से शहर में काफी हर्ष व्यापत है कोतमा वन परि क्षेत्र अंतर्गत आने वाले कई लोगों ने उक्त तीनों रिश्वत खोरो द्वारा पूर्व में किये गये कारनामो की शिकायत विभाग से करने की बात सामने आ रही है जल्द ही और शिकायत वन विभाग तक पहोच सकतीं हैं । डेढ़ लाख रिश्वत कांड में रेंजर डिप्टी रेंजर की जितनी भूमिका थी उतनी ही भूमिका एस डी ओ की भी थी लेकिन अभी तक उनके खिलाफ कोई भी आदेश जारी नहीं किए गए खबर तो यह भी है कि एस डी ओ ने मातहतों को इस बात से आशवसत किया है कि जांच कमेटी में उन्ही के समकक्ष सह कर्मी रहेंगे जिसमें अपने प्रभाव से मामले को सेटल कर लिया जाएगा । क्षेत्र के लोगों ने सीसीएफ शहडोल एवं डीएफओ अनूपपुर से मांग किए है कि सिर्फ स्थानांतरण की कार्यवाही उक्त रिश्वतखोरों के लिए काफी नही है। मामले की जल्द जांच कर रिश्वतखोरों के खिलाफ कडी कार्यवाही करें।

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