Friday, October 26, 2018

रिश्वतखोर प्रभारी रेंजर के आगे सीसीएफ नतमस्तक




कोतमा/आमीन वारसी- अनूपपुर जिले के कोतमा वन परि क्षेत्र के रेंजर डिप्टी रेंजर एस डी ओ अन्य कर्मचारी की इन दिनों चांदी कट रही है हर दिन लाखों की हेराफेरी करने से बाज नहीं आ रहें है बीते माह छत्तीसगढ़ के दो टैक्टर एवं कोतमा के तीन टैक्टर कोतमा वन परिक्षेत्र के ईमानदार प्रभारी रेंजर त्रिपाठी डिप्टी रेंजर अवध नरेश शुक्ला चौकीदार अन्य ने पकड़ा था फिर पकड़े गए उक्त वाहन को राज सात करने व चालक को जेल भेजने का भय दिखाकर लाखों रूपये रिश्वत की मांग की गई  और कार्यवाही के नाम पर लाखों रूपये वसूला गया।

फिर सब ने मिलकर खाई मलाई--  चौकीदार से लेकर डिप्टी रेंजर,रेंजर एवं एस डी ओ तक योजनाबद्ध तरीके से लोगों को लूट रहे है और अपने इस काले कारनामे में आन रिकॉर्ड डी एफ ओ अनूपपुर एवं सी सी एफ शहडोल को रकम पहोचाने की बात कर रहे थे। उक्त मामले को सीसीएफ शहडोल ने गम्भीरता से लेते हुए प्रभारी रेंजर त्रिपाठी को कोतमा प्रभार से हटाकर अनूपपुर अटैच कर दिया था साथ ही डिप्टी रेंजर ,बीट गार्ड को भी स्थानांतरण के बाद निलम्बित भी किया गया। और उक्त रिश्वत के मामले की जांच कराने की बात कह कर मामले को ठंडा कर दिया गया।

बीत गए 1 महीने नहीं हुई कार्यवाही-- रिश्वत लेने का वीडियो भी वायरल हुआ था पर उक्त आडियो वीडियो रिश्वत कांड के मामले को लगभग एक माह हो चुके हैं लेकिन रिश्वतखोर प्रभारी रेंजर रवि शंकर त्रिपाठी के खिलाफ कार्यवाही करने में सीसीएफ शहडोल एके जोशी के भी हाथ पांव फूल रहे हैं।

अस्वासन पर टिकी कार्यवाही-- मीडिया को आश्वासन देकर सीसीएफ शहडोल ने यह कहा था कि आडियो वीडियों की जांच कराने के लिए सीडी भेजी जाएगी और जांच उपरांत दोषी व्यक्ति कें खिलाफ कार्यवाही की जाएगी । लेकिन विभाग के द्वारा किसी प्रकार की जांच नहीं की जा रही है। सिर्फ और सिर्फ झूठा आश्वासन देकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिए हैं।

शायद थी मिली भगत- रिश्वतखोर प्रभारी रेंजर रवि शंकर त्रिपाठी एवं अन्य लोगों के खिलाफ कार्यवाही न होना यह दर्शाता है कि रवि शंकर त्रिपाठी द्वारा आडियों में कही गई बात की उक्त रिश्वत की रकम सीसीएफ शहडोल एवं अनूपपुर डीएफओ को भी देना है। मतलब साफ है कोतमा वन परिक्षेत्र से लेकर शहडोल सीसीएफ तक सभी रिश्वत की रकम का हिस्सा लेते हैं। अगर उच्च अधिकारी का हिस्सा रिश्वत की रकम पर नही होता तो अब तक रिश्तखोर प्रभारी रेंजर रवि शंकर त्रिपाठी के खिलाफ निलम्बित की कार्यवाही होने के साथ ही आडियों वीडियों की जांच कराकर मामला पंजीबद्ध कर लिया गया होता मगर ऐसा नहीं है सभी उच्च अधिकारी रिश्वतखोर प्रभारी रेंजर को बचाने में लगे हुए हैं। जबकि बीते दिनों वायरल हुए आडियों वीडियों चीख चीख कर प्रभारी रेंजर की करतूत बया कर रहे हैं।


कोतमा वन परिक्षेत्र का है मामला- कोतमा वन परिक्षेत्र के डिप्टी रेंजर शिवचरण पुरी व बीटगार्ड अवध नरेश शुक्ला ने 15 सितम्बर को निखिल अग्रवाल को बुलाकर निखिल अग्रवाल की मुलाकात और बात  लूटेरों के सरदार प्रभारी रेंजर रवि शंकर त्रिपाठी एस डी ओ शर्मा से कराई गई रेंज कार्यालय में लगभग 1 घंटे से ज्यादा दोनों पक्षों के बीच बात चलती रही फिर रेंजर रवि शंकर ने पास बैठे अपने शिष्य चौकीदार मानू के हाथ में 1लाख 20 हजार एक लाख रुपए रिश्वत और 20 हजार रूपये दोनों टैक्टर वाहन के  जुर्माना के रूप में दिलवाया गया।  फिर भी सीसीएफ को जाने कौन से सुबूत और गवाह की जरूरत पड रही है जो रिश्वतखोर प्रभारी रेंजर के खिलाफ कार्यवाही करने से बचते नजर आ रहे हैं।

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