प्रदेश अनुशासन समिति ने दिलीप जायसवाल सहित 24 को थमाया था नोटिस
कोतमा/आमीन वारसी- चाल चेहरे चरित्र व अनुशासन वाली भारतीय जनता पार्टी का अनुशासन वर्ष 2013-14 में देखने को मिला था जिस विधानसभा क्षेत्र से दो बार भारतीय जनता पार्टी के जयसिंह मरावी व एक बार दिलीप जायसवाल विधायक रहे वही 2014 मोदी लहर में कोतमा विधान सभा सीट भारतीय जनता पार्टी हार गई और कई महीनों तक पार्टी व संगठन के रणनीति कार मंथन करते रहे फिर पूर्व विधायक दिलीप जायसवाल सहित पूर्व जिला अध्यक्ष ब्रजेश गौतम लगभग 22 अन्य को कारण बताओ नोटिस प्रदेश अनुशासन समिति द्वारा दिया गया था भाजपा ने अपना गढ़ महज 1546 वोट से गवाया था इसका मतलब भीतर घाती भाजपाईयो ने जमकर भाजपा प्रत्याशी का विरोध किया था। महीनों तक मंथन चला भीतर घाती सामने भी आए लेकिन देश प्रदेश में भाजपा सरकार के आने पर पार्टी व संगठन उसी खुशी में मगन हो गई और प्रमाणित भीतर घाती अबकी बार फिर टिकट की दौड़ में शामिल है ।
हार के बाद इन्हें मिली थी नोटिस- पूरे देश की भाजपा सरकार मध्यप्रदेश में हेट्रिक मार रहीं थीं तो टिकट न मिलने से स्वार्थ में डूबें भीतर घाती नेता भीतर घात करने में लगे रहे और दिसंबर 2013 में भाजपा का गढ़ ध्वस्त हो गया लेकिन शिवराज और मोदी मैजिक ने मध्यप्रदेश में एक तरफा जीत दिलाई और सभी सरकार बनाने में जुट गए फिर प्रदेश अनुशासन समिति के तत्कालीन अध्यक्ष स्व. लल्लू सिंह के द्वारा 24 लोगों को पार्टी विरोधी कार्य करने पर नोटिस जारी किया गया था जिसमें सबसे पहला नाम पूर्व विधायक दिलीप जायसवाल पूर्व जिला अध्यक्ष ब्रजेश गौतम पूर्व कोतमा मंडल अध्यक्ष नितिन सिरौठिया तरूण शर्मा अजीत जैन शैलेन्द्र सिंह विजय पान्डे प्रदीप सोनी जितेन्द्र भट्ट अजय तोमर पुष्पेन्द्र जैन मुकेश जैन अजीत श्रीवास्तव फूल चंद जायसवाल धन कुमार अग्रवाल राजेश रजक डा. व्ही के राय दीपक शर्मा राजू जायसवाल पुरषोत्तम साहू मुन्ना लाल मांझी आशीष मांझी प्रेम चंद यादव गजेन्द्र सिंह सहित अन्य शामिल थे ।
वायरल फ़ोटो ने खोली पोल- लगभग साढ़े 4 साल पहले दिसम्बर 2013 कांग्रेस से कोतमा विधायक चुने गए मनोज अग्रवाल लगभग 800 वोटों से हेरफेर की चर्चा गर्म थी नोटिस भी दिए गए थे लेकिन समय के साथ सब कुछ शांत हो गया। बीते समय की खींची गई फोटो इन दिनों सुर्खिया बटोरती नजर आ रहीं है जिसमें कांग्रेस के नव निर्वाचित विधायक मनोज अग्रवाल जीत के बाद बिजुरी में कांग्रेसियो की जगह पूर्व भाजपा विधायक पूर्व जिला अध्यक्ष जो मतदान से पहले पार्टी के खिलाफ खुलकर बगावत कर चुके थे दिलीप जायसवाल के घर पर झूले में बैठकर नवोदित नेता को दिलीप जायसवाल अपने हाथों से मिठाई परोस रहे हैं छायाचित्र में दोनों नेता के चेहरे पर दिख रहा संतोष और मुस्कान इस बात का प्रमाण है कि दोनों कि सोची समझी रणनीति कामयाब हो गई और अब समय सिर्फ जश्न मनाने का है।
भीतर घाती फिर मैदान में- वर्ष 2008 से 2013 तक भाजपा की टिकट पर भीतर घाती नेता जी विधायक रहे लेकिन इस दौरान इन पर दर्जनो आरोप लगे दिलीप जायसवाल की पत्नी श्रीमती अर्चना जायसवाल बिजुरी नगर पालिका अध्यक्ष रह चुकी है दोनों के ऊपर आरोप है और क्षेत्र में इनका काफी विरोध होने एवं भाजपा के आंतरिक सर्वे के कारण पार्टी ने टिकट नहीं दिया था लेकिन नेता जी दोबारा विधायक बनने के लिए टिकट मांगते रहे और जब टिकट कटी तो पार्टी विरोधी कार्य करने लगे एक बार फिर नेता जी टिकट की दौड़ में है लेकिन नेता जी को शायद ये नहीं मालूम कि आज उनकी जो भी पहचान है वो भारतीय जनता पार्टी की बदौलत है।
यह कारनामा था पूर्व विधायक का- प्रदेश अनुुुशासन समिति ने दिलीप जायसवाल सहित अन्य पर आरोप लगाए थे कि टिकट न मिलने के कारण दिलीप जायसवाल पारस जायसवाल विजय जायसवाल द्वारा ग्राम बिलटुकरी और जर्राटोला में एक जाति विशेष के लोगों की बैठक लेकर पार्टी के खिलाफ प्रचार प्रसार किया यही नहीं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे राजनाथ सिंह एवं शिवराज सिंह चौहान का राजनगर आगमन और आयोजित कार्यक्रम असफल हो जाये जिसका खुल कर विरोध भी किया था।
किस मुह से मांग रहे अब पार्टी से टिकट- वर्ष 2013 विधान सभा चुनाव में टिकट न मिलने के कारण भारतीय जनता पार्टी संगठन व भाजपा प्रत्याशी का खुलकर विरोध करते हुए पार्टी को हार का हार पहनाते हुए भाजपा के गढ कोतमा विधान सभा को समाप्त करने का भरपूर प्रयास किया। और अब एक बार फिर उसी भारतीय जनता पार्टी की दुहाई देते हुए वरिष्ठ और ईमानदार कार्यकर्ता पदाधिकारी का चोला ओढ कर उसी भारतीय जनता पार्टी से टिकट की भीख मांग रहे हैं। आखिर किस मुंह से । भारतीय जनता पार्टी और संगठन को पूर्व में प्रदेश अनुशासन समिति के निर्णय आरोप नोटिस को ध्यान में रखते हुए ऐसे भीरतघातियों को चिन्हित कर टिकट वितरण की सूची में भी नहीं रखना चाहिए।
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