Sunday, October 29, 2023

विधायक बना तो चमड़ी उधेड़ लूगां ऐसे है माननीय के तेवर


कोतमा- आमीन वारसी- मनुष्य को कभी कोई ऐसे शब्द का प्रयोग नही करना चाहिए जिससें भविष्य में शर्मिंदा होना पड़े ! लेकिन कुछ लोग कोतमा की धरती पर है जो मानवता को शर्मसार कर रहें है ! 

विधानसभा चुनाव वोटिंग की तिथि को मात्र 18 से 20 दिन ही शेष रह गए है लेकिन माननीय जी के तेवर में जरा भी बदलाव नही दिखाई पड़ रहा !  आज भी माननीय जी विधायक बननें पर विपक्ष विरोधियों की चमड़ी उधेड़ लेने की बात कर रहें है ! जहाँ तक हमनें देखा है कि राजनीति में अहंकार और विपक्ष विरोधियों से बदला लेने की विचारधारा रखनें वालें नेता ज्यादा दिन तक राजनैतिक जमीन पर टिक नही पातें जल्द ही ऐसे नेताओं का पतन हो जाता है अब माननीय जी का क्या होगा ये तो समय ही बताएगा ! लेकिन अगर कोई नेता ऐसी मानसिकता लेकर चुनाव मैदान पर है तो निश्चित ही ऐसेे नेताओं को पराजय का सामना करना पड़ेगा और इस पराजय का जिम्मेदार खुद वह नेता और उसकी विपक्ष विरोधियों से बदला लेने वाली घटिया मानसिकता होगी ! संवैधानिक पद पर पहोचकर संविधान की शपथ लेकर नेता अगर इस तरह की घटिया सोच रखेगा तो उस विधानसभा क्षेत्र का भला कभी नही हो सकता और ना ही क्षेत्र वासियों का ! अगर ऐसे नेता कुर्सी पर बैठकर अपनें कर्तव्यों को भूल कर विपक्ष विरोधियों को निशाना बनानें लगेंगे तो विधानसभा क्षेत्र और क्षेत्र की जनता का क्या होगा ! इसलिए ऐसी घटिया सोच मानसिकता रखनें वालें नेताओं को क्षेत्र की जनता भूल से भी कभी किसी ऐसे पद ना बैठाए जिससें बाद में पछताना पड़े ! 

अब रही बात चमड़ी उधेड़ने की तो माननीय जी का इस ओर ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ कि भारत देश का संविधान कानून सभी के लिए बराबर है चाहे वो आम आदमी हो या फिर विधायक सासंद मंत्री अगर कोई भी आम व्यक्ति या कोई भी नेता किसी आम नागरिक की चमड़ी उधेडे़गा तो वो अपराध की श्रेणी में आएगा और उक्त अपराधी पर भारत देश के संविधान कानून अनुसार ही मुकदमा चलाया जाएगा साथ ही दोषी पाए जानें पर दंडित भी किया जाएगा चाहें वो माननीय जी हो या फिर सम्मानीय जी ! एक बात और अगर माननीय जी द्वारा चमड़ी उधेड़ते वक्त किसी सरफिरे से भेंट हो गई तो फैसला आन द स्पाड भी होने की संभावना रहेगी ! हो सकता है माननीय जी को लेने के देने भी पड़ जाए ! क्योंकि विधानसभा क्षेत्र में एक से बढ़कर एक सरफिरे निवासरत है जो माननीय जी की तरह सारे नियम कानून को ताक पर रखकर चमड़ी उधेड़ने का शौक़ रखतें है ! मुझे आज भी याद है लगभग 7-8 वर्ष पहलें की घटना है माननीय जी शराब पीकर देर रात मोहल्ले में उत्पात मचा रहें थें ! फिर कुछ सरफिरों ने माननीय जी की चमड़ी उधेडी़ थी ! मामला थानें तक पहोच गया था सभी पक्ष विपक्ष के नेताओं सहित नगर वासियों ने उक्त घटना की कड़ी निंदा की थी साथ ही लोगों ने थानें पहोचकर मारपीट करनें वालें लड़कों को कड़ी फटकार भी लगाई थी ! ऐसी है मेरे कोतमा नगर की मानवता और आज वही माननीय कहतें है कि विधायक बना तो चमड़ी उधेड़ लूगां  कोई बात नही अब देखना यह है कि माननीय जी विधायक बनकर विपक्ष विरोधियों की चमड़ी उधेड़ पाते है या नही !

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