कोतमा - आमीन वारसी- मध्यान भोजन योजना अंतर्गत नौनिहालों की थाली से भोजन कम होना सुना था लेकिन शिव राज में नौनिहाल छात्र छात्राओं की थाली ही गायब हो गई है ऐसा पहली बार देख रहा हूँ इसका मतलब यह है कि मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की शिवराज सरकार अब प्रदेश की बागडोर सम्भालने में पूरी तरह असमर्थ है! मध्यप्रदेश में कोई भी योजना सुचारू रूप से नही चल पा रही! ये अगले बात है कि शिवराज सरकार और नुमाइंदे वाहवाही लूटते रहे भाजपा नेता अपनी सरकार का गुणगान करते रहे लेकिन धरातल पर जनकल्याण कारी योजनाओं का कचुमर निकल चुका है !
हमें कोतमा नगर पालिका एवं कोतमा जनपद पंचायत अंतर्गत विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन वितरण नही किए जाने कि जानकारी मिल रही थी आज जब विद्यालय पहुंचकर जमीनी हकीकत पता करने का प्रयास किया गया तब शासकीय माध्यमिक शाला बालक कोतमा, शासकीय माध्यमिक बेसिक विद्यालय कोतमा, शासकीय प्राथमिक पाठशाला बेसिक कोतमा की भोजनशाला में ताला लगा हुआ मिला शिक्षकों से बात की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि वर्तमान समय में मध्यान्ह भोजन बंद है चावल ना मिलने की वजह से मध्यान्ह भोजन नहीं मिल रहा है विद्यालय में अध्यरत नौनिहालों से बात की गई तो बच्चों ने बताया हमें पिछले 1 माह से मध्यान भोजन नहीं मिल रहा है !
नौनिहालों को भोजन परोसने के लिए शिवराज सरकार के पास पैसा और चावल नहीं है और विकास यात्रा में लाखों रुपए बर्बाद किया जा रहा !
लाडली बहना योजना चुनावी हथकंडा
प्रदेश की जनता भारतीय जनता पार्टी शिवराज सरकार के चुनावी हथकंडे को समझने की कोशिश करें शिवराज सरकार लाडली बहना योजना की शुरुआत जो कर रही है वो सिर्फ और सिर्फ माताओं बहनों से आगामी विधानसभा चुनाव में वोट लेने के लिए है ! मध्यप्रदेश में चल रही अन्य जनकल्याण कारी योजनाओं को शिवराज सरकार शुचारु रूप से नही चला पा रही और चुनावी मौसम आतें ही एक और नई योजना का डंका बजा ने लगें !
सवाल यह है कि आखिर शिवराज सरकार को विकास यात्रा निकालने की क्या आवश्यकता पड़ी अगर आप ने विकास किया है तो यात्रा निकालने की कोई जरूरत नही है इसका फैसला जनता आगामी विधानसभा चुनाव में खुद कर देगी कि आप ने विकास किया है या नही अगर आप ने विकास किया है तो निश्चित ही चुनाव जीतेंगे और अगर नही किया है तो वर्ष 2018 की तरह एक बार फिर सत्ता से बाहर कर दिए जाएगें !
समय-समय पर खाद्यान्न घोटाले की खबरें सामने आती रहती हैं इसमें चावल घोटाला प्रमुख रहा है मध्यान्ह भोजन योजना शिक्षा मंत्रालय के तहत एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसकी शुरुआत वर्ष 1995 में की गई थी यह प्राथमिक शिक्षा के सार्वभौमीकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विश्व का सबसे बड़ा विद्यालय भोजन कार्यक्रम है जिसके तहत प्राथमिक और माध्यमिक कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों को मध्यान भोजन दिया जाता रहा है लेकिन वर्तमान समय में अनूपपुर जिले के कई विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन नहीं दिया जा रहा है जिसमें यह बताया जा रहा है कि खाद्यान्न की आपूर्ति न होने के कारण बच्चों को भोजन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा !
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