कोतमा- आमीन वारसी- नगर पालिका चुनावी बिगुल बजते ही अपने आपको नगर का सबसे बड़ा समाज सेवी नेता बताने वालें जनता के सुख दुःख में खड़े रहने वालें आमजनता को हमेशा मूर्ख समझने वालें तथाकथित जनप्रतिनिधि नेता अपना अपना नामांकन दाखिल कर चुनावी मैदान पर उतर चुके है ! कहतें है जनता चुनाव के माध्यम से अपना प्रतिनिधि चुनती है! जो जनप्रतिनिधि बनकर आमजनता का प्रतिनिधित्व करता है! जनता के सुख दुःख का साथी होता है! हर विषम परिस्थितियों में जनता के साथ होता है जल जंगल जमीन का रक्षक होता है !
लेकिन ये जनप्रतिनिधि कोरोना काल जैसी भयंकर आपदा दुख की घड़ी में अपनें अपनें घरों में छुपकर बैठे रहें है !
लेकिन आज वही जनप्रतिनिधि नेता चुनाव की इस घड़ी में अपनें आपको जनता का सबसे बड़ा सेवक मसीहा हितैषी बता रहें है ! लेकिन नगर की जनता ने भी मन बना लिया है कि जो जनप्रतिनिधि कोरोना काल जैसी विषम परिस्थितियों में अपने वार्ड के गरीब मध्यमवर्गीय परिवार की सहायता किया होगा उनका ख्याल रखा होगा वार्ड की जनता उसे ही अपना पार्षद चुनेगी ! क्योंकि कोरोना काल के दौरान पूर्व परिषद की उदासीनता से नगर की जनता बहोत नाराज है लोगों का कहना है कि सत्ता धारी पार्टी एवं नगर पालिका परिषद द्वारा कोरोना काल में जब नगर के गरीब मध्यमवर्गीय परिवार जनता भूख मर रही थी! आज जो नेता अपनें आपको नगर की जनता का मसीहा हितैषी बता रहें! उस वक्त ये नेता अपनें अपनें घरों में सुरक्षित होकर अपनें परिवार के साथ सूकुन की नींद ले रहें थें! और नगर की जनता मर रहीं थी! कुछ दिनों तक कुछ नेताओं द्वारा वाहवाही लूटने के लिए सिर्फ एक टाइम एक घर में एक पैकेट खाना भेजा जाता था ! फिर चंद दिनों बाद सब भूल गए और गरीब मध्यमवर्गीय परिवार को भूखा मरने के लिए छोड़ दिया गया ! जबकि नगर की जनता हितैषी जनप्रतिनिधि नगर पालिका परिषद चाहती तो किसी भी मद किसी भी योजना का उपयोग कोरोना काल में करकें गरीब व मध्यमवर्गीय परिवार के घरों में भोजन की व्यवस्था कर सकतें थें! लेकिन किसी भी नेता ने नगर की जनता के बारे में नही सोचा इसलिए जनता भी इन जनप्रतिनिधियों के बारे में क्यू सोचे! अब देखना यह है कि 27 सितम्बर को वार्ड की नाराज जनता किसे अपना पार्षद चुनती है !
No comments:
Post a Comment