कोतमा- आमीन वारसी- 24 फरवरी को राजस्व एवं नगर पालिका प्रशासन अपने दलबल सहित सारे संसाधन लेकर अतिक्रमण हटाने पहोचा जहाँ उपस्थित कोतमा प्रभारी एस डी एम कमलेश पुरी नवागत कोतमा तहसीलदार ईश्वर प्रधान आर आई पटवारी उपस्थित प्रशासनिक अमले ने गरीबों का आशियाना उजाड़ने से ही शुरूआत की!
गरीबों ने ख़ुद अतिक्रमण तोड़ने का जताया भरोसा -
वार्ड नं 7 बनिया टोला निवासी गरीब अतिक्रमण कारियों ने प्रशासन को भरोसा दिलाया कि आप केरहा नाला मुखर्जी चौक बस स्टैंड स्थित हुए धन्ना सेठों के अतिक्रमण को पहले हटाएं हम सभी अपने छोटे छोटे अतिक्रमण खुद अपने हाथों से हटा लेगें! लेकिन प्रशासन ने एक नही सुनी और अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही जारी रखते हुए गरीबों के छोटे छोटे अतिक्रमण को हटाना शुरू कर दिया जिससे लोगों का गुस्सा बढ़ गया और विरोध करने लगे तो मजबूर होकर प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही कुछ दिनों के लिए रोक दी गई!
धन्ना सेठों के लिए राहत की खबर -
अतिक्रमण हटाने के दौरान प्रभारी एस डी एम कमलेशपुरी से जब मीडिया ने सवाल किया कि जो अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जा रही!क्या इस तरह की कार्यवाही केरहा नाला मुखर्जी चौक बस स्टैंड स्थित हुए अतिक्रमण भी हटाएं जाएगें!क्या अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही सभी के साथ एक समान होगी साथ ही नगर में जन चर्चा है कि सड़क निर्माण 30 फिट की जगह अब 25 फिट पर होगा तो एस डी एम साहब ने बताया कि जनहित को देखते हुए आपसी सामंजस्य से पक्के मकान दुकान को ना तोड़ते 25 फिट का सड़क निर्माण किया जाएगा! मतलब एस डी एम ने यह साफ कर दिया है कि धन्ना सेठों राजनैतिक संरक्षण प्राप्त लोगों के मकान दुकान नही तोड़े जाएगें सिर्फ गरीब आम आदमी पर ही अतिक्रमण की गाज गिरेगी!और पक्के मकान दुकान वाले अतिक्रमण कारियों पर कोई कार्यवाही नही होगी!
आखिर साहब धन्ना सेठों पर क्यों है महेरबान-
जब माडल रोड निर्माण कार्य का टेंडर 30 फिट चौड़ाई से बनाएं जाने का हुआ है तो फिर एस डी एम साहब अतिक्रमण हटाने की बजाय धन्ना सेठ अतिक्रमण कारियों का पक्ष लेते हुए 25 फिट का सड़क निर्माण क्यो कराना चाहते है!दाल में जरूर काला है! जब सड़क निर्माण कार्य के टेंडर में ही चौड़ाई 30 फिट है तो फिर साहब नगर विकास के नाम पर सामंजस्य की बात क्यू कर रहें है! क्या सिर्फ अमीरों के लिए सामंजस्य की बात लागू होती है और गरीबों के झोपड़े पर बुलडोजर चलेगा!बता दे कि मॉडल सड़क निर्माण भूमिपूजन में कैबिनेट मंत्री बिसाहूलाल सिंह और कांग्रेस विधायक सुनील सराफ श्रेय लेने की होड़ से शुरू हुए निर्माण कार्य मे जहां सत्ता पक्ष विपक्ष द्वारा सड़क निर्माण में हो रहे हैं अनियमितता और मनमाने कार्य को लेकर कोई भी विरोध नही किया जा रहा यहाँ तक वोट बैंक खिसकने के डर से कोई भी जनप्रतिनिधि सामने आने को तैयार नही है! वही मौके का फायदा उठाते हुए ठेकेदार की मर्जी से सड़क निर्माण कार्य में कहीं सड़क 5 मीटर तो कहीं 6 मीटर तो कहीं 7 मीटर की चौड़ाई लेकर बनाई जा रही है। जबकि स्टीमेट में निर्धारित चौड़ीकरण को सांठगांठ कर विभागीय मिलीभगत से अनदेखी किया जा रहा है। वही मॉडल सड़क निर्माण में सड़क के मध्य बनने वाले डिवाइडर पूर्व से जहां 3 मीटर बनती आ रही थी वही ज्योति पेंट्रोल पंम्प के पास 1 मीटर से ज्यादा चौड़ाई की बनाई जानी थी उसे मनमाने तरीके से चौड़ाई को सिकोड़ दिया गया है।
25/25 फिट का बंट चुका था मुआवजा 30 फिट की बंटी है नोटिस-
पूर्व में नगर के मध्य बनी नेशनल हाइवे 78 के समय सड़क के बीच से 25/25 फिट दोनों तरफ का मुआवजा बांटा जा चुका है। वही बढ़ती आबादी और यातायात की समस्या को देखते हुए सरकार ने नगर को सुंदर रूप देने मॉडल सड़क की तर्ज पर चौड़ी सड़क डिवाइडर,साइड पेवर ब्लाक युक्त फुटपाथ बनाने स्टीमेट तय किया और 7/7 मीटर की दोनों तरफ सड़क और बीच मे डेढ़ मीटर का डिवाइडर जो अब घटकर 80 सेंटीमीटर हो गया वही डेढ़ मीटर के फुटपाथ को 1 मीटर कर दिया गया जो बनेगा भी की नही कह नही सकते।
नगर में बन रही मॉडल सड़क 7 मीटर से घटकर सड़क कहीं 5 मीटर तो कहीं 6 मीटर तक सिमट गई है जिससे कोतमा को मिलने वाली एकमात्र मौजूद सड़क कोतमा की आकर्षण का नहीं विफलता का प्रतीक होता जा रहा है।
गुपचुप हुई अतिक्रमण कारियो की बैठक जनप्रतिनिधि व प्रशासन हुआ मैनेज-
कुछ दलाल प्रवत्ति के सफेदपोश नेता और अतिक्रमणकारियों की गुपचुप तरीके से बैठक कर प्रशासन को मैनेज करने की नगर में चर्चा चल रही है जिससे गुपचुप तरीके से अतिक्रमणकारियों पीडब्ल्यूडी विभाग और ठेकेदार एजेंसी के बैठक करने के बाद से नोटिस में चयनित किए गए घर और स्थान को छोड़कर लगभग 2 फुट बाद से अनिल बिल्डकॉन का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। वहीं नोटिस बांटकर निशान लगाकर लापता राजस्व अमला कहीं भी अतिक्रमण की कार्यवाही करता नजर नही आ रहा जिससे सब कुछ मैनेज हो गया है ऐसी नगर में चर्चा चल रही है।
तो कैसे मिल रही है अतिक्रमणकारियों को छूट-
गुप्त तरीके से बैठक करने के बाद नगर भर में चर्चा का विषय है कि आखिर क्या कारण है कि ठेकेदार कंपनी द्वारा अतिक्रमणकारियों के घर को छोड़कर अन्य जगह निर्माण कार्य किया जा रहा है। वही मिली सूचना के अनुसार बैठक में लिए गए निर्णय और सांठगांठ में 2 फुट जगह निर्धारित मापदंड के विपरीत छोड़ने की बात कही जा रही है जिसके लिए नेता निर्माणाधीन विभाग और निर्माणाधीन ठेकेदार द्वारा लंबी रकम लेकर व्यापारियों के द्वारा किए गए अवैध अतिक्रमण संरक्षण देने का कार्य कर रहे हैं। देखना यह है कि क्या सचमुच विभागों की मिलीभगत और सफेदपोश नेताओं के दलाली वाले दिमाग से कोतमा नगर विकास को ग्रहण लगेगा!
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