Thursday, December 9, 2021

कर चलें हम फिदा जानों तन साथियों अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों

 कोतमा- आमीन वारसी- ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आँख में भर लो पानी जो शहीद हुए है उनकी जरा याद करों कुर्बानी- 

बड़ी दुखद खबर कल 8 दिसंबर को देश के रक्षा प्रमुख बिपिन रावत उनकी धर्मपत्नी सहित वीर जवानों का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें सवार सभी का निधन हो गया।जिस पर 9 दिसंबर 2021 को नगर के ह्रदय स्थल गाँधी चौक में नगर के युवाओं समाज सेवी पत्रकार एवं व्यापारियों की उपस्थिति में रक्षा प्रमुख बिपिन रावत के छाया चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गई और शोक सभा आयोजित की गई। बता दे कि चीफ आफ द डिफेंस विपिन रावत हमारे विन्ध्य के दामाद थे। उनका ससुराल सोहागपुर शहडोल में है।कुँवर मृगेन्द्र सिंह की बेटी मधूलिका सिंह उनकी पत्नी थीं।कुँवर मृगेन्द्र सिंह शहडोल के लोकप्रिय व्यक्तित्व के साथ ही कई बार विधायक भी चुने गए थे।रावत जी एवं उनकी धर्मपत्नी सहित कई जवान उस हैलीकॉप्टर में सवार थे जो तामिलनाडु के कुन्नूर में क्रैश हो गया। जनरल बिपिन रावत भारत के पहले और वर्तमान रक्षा प्रमुख  चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ थे; उन्होंने ने 1 जनवरी 2020 को रक्षा प्रमुख के पद का भार ग्रहण किया। इससे पूर्व वो भारतीय थलसेना के प्रमुख थे। रावत 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक थल सेनाध्यक्ष के पद पर रहे।श्रीमती मधूलिका सिंह सैनिकों के परिवार के लिए कल्याणकारी कार्य करने वाली संस्था की अध्यक्ष थीं।भारतीय वायुसेना ने आधिकारिक तौर से 8 दिसंबर 2021 शाम 6 बजे ट्वीट कर पुष्टि की चीफ आफ द डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत अब हमारे बीच नहीं रहे।वायुसेना के हैलीकॉप्टर में सवार सभी असमय ही कालकलवित हो गए। यह घटना देश पर वज्रपात जैसी है घटना की खबर से सभी देश वासियों में मानों दुख का पहाड़ टूट पड़ा हो बिपिन रावत जी का हमारे बीच से चला जाना हमारे देश के लिए बहुत बड़ी छती है जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती है उन्होंने सीमा के हर मोर्चे पर अपनी तैनाती के दौरान मोर्चा संभाला और देश की रक्षा के साथ देशवासियों के जीवन को सुरक्षित किया ,निडर और निर्भीक देश के वीरों को आज हमने खो दिया है जिन की कमी सदैव खलती रहेगी ,दुश्मन के लिए उनकी गोली ही नहीं बोली ही पर्याप्त थी जिससे पड़ोसी देश के पसीने छूट जाते थे आज ऐसे महान सपूतों को हमने खो दिया है सभी लोगों ने रक्षा प्रमुख को नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित कर ईश्वर से उन्हें अपने चरणों में स्थान देने की प्रार्थना की।

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