कोतमा - आमीन वारसी- अन्त्योदय के जनक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्म जंयती कोतमा नगर पालिका अंतर्गत वार्ड नं 8 एवं 9 ह्रदय स्थल टैक्सी स्टेड में बड़े ही उत्साह के साथ कोतमा भाजपा मंडल द्वारा मनाया गया जिसमें वरिष्ठ भाजपा नेता अवधेश ताम्रकार कैलाश जैन नगर पालिका उपाध्यक्ष प्रभात मिश्रा मंडल उपाध्यक्ष आशुतोष सराफ अभिषेक त्रिपाठी क्षितिज निगम पूर्व पार्षद नसीरुद्दीन चंदू भाजपा नेता शैलेश ताम्रकार सहित अन्य भाजपा नेता कार्यकर्ता उपस्थित रहे। बता दे कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का जन्म 1916 में उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के फराह शहर के पास नगला चंद्रभान गाँव, जिसे अब दीनदयाल धाम कहा जाता है में हुआ था. उनके पिता,भगवती प्रसाद उपाध्याय, एक ज्योतिषी थे, जबकि उनकी माँ एक गृहिणी थीं.पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने कम उम्र में ही अपने माता-पिता को खो दिया था और उनका पालन-पोषण उनके मामा ने किया था.उन्होंने सीकर में हाई स्कूल में पढ़ाई की.एक मेधावी छात्र माने जाने के कारण, सीकर के महाराजा ने उपाध्याय को एक स्वर्ण पदक, पुस्तकों के लिए 250 और 10 रूपये की मासिक छात्रवृत्ति प्रदान की.पिलानी में अपनी इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, उपाध्याय कला स्नातक (BA) करने के लिए कानपुर चले गए और सनातन धर्म कॉलेज में शामिल हो गए और 1939 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की. फिर उन्होंने अंग्रेजी में मास्टर कोर्स करने के लिए आगरा में सेंट जॉन्स कॉलेज में प्रवेश लिया लेकिन अपने परिवार में मुद्दों के कारण परीक्षा के लिए उपस्थित नहीं हो सका।वे पहली बार 1937 में सनातन धर्म कॉलेज में पढ़ते हुए RSS से जुड़े.दीनदयाल उपाध्याय डॉट ओआरजी के अनुसार, उन्होंने नागपुर में 40 दिनों की गर्मी की छुट्टी में RSS शिविर में भाग लिया,जहां उन्होंने संघ शिक्षा का प्रशिक्षण लिया.1942 से उन्होंने आरएसएस के लिए पूर्णकालिक रूप से काम करना शुरू कर दिया। वह 1967-68 तक BJS के अध्यक्ष थे.उन्होंने 1963 में जौनपुर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार गए।1940 के दशक में पंडित उपाध्याय ने हिंदुत्व विचारधारा के प्रसार के लिए लखनऊ से मासिक राष्ट्र धर्म प्रकाशन शुरू किया. उन्होंने लखनऊ से ही एक साप्ताहिक पत्रिका पांचजन्य और एक दैनिक स्वदेश भी शुरू किया. वह ‘एकात्म मानववाद’ के साथ आए, जिसे 1965 में जनसंघ के आधिकारिक सिद्धांत के रूप में अपनाया गया था।पंडित उपाध्याय की फरवरी 1968 में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी।उनका शव उत्तर प्रदेश के मुगलसराय जंक्शन रेलवे स्टेशन के पास मिला था।पिछले साल प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी-चंदौली सीमा पर पडाव में पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मारक केंद्र का उद्घाटन करते हुए पंडित उपाध्याय की 63 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया था ‘पंच लोहा’ की प्रतिमा भारत में भाजपा विचारक की सबसे ऊंची प्रतिमा है.अंत्योदय दिवस वहीं भारत में हर साल 25 सितंबर को अंत्योदय दिवस मनाया जाता है.अंत्योदय दिवस पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्म जयंती के रूप में मनाया जाता है.आज के दिन देश में गरीबों के उत्थान में तमाम अंत्योदय योजनाएं चल रही हैं. भारत सरकार द्वारा 25 सितंबर, 2014 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 98 वीं जयंती के अवसर पर अंत्योदय दिवस’ की घोषणा की गई थी.पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने ही अंत्योदय का नारा दिया था. अंत्योदय का अर्थ है समाज के अंतिम छोर तक आर्थिक रूप से कमजोर और पिछड़े वर्ग के लोगों का उदय या विकास करना होता है।
No comments:
Post a Comment