15 अगस्त आजादी के दिन किसान बैठेंगे धरने पर-
कोतमा- आमीन वारसी- अगर ऐसा नही है तो फिर कोतमा तहसील अंतर्गत पीड़ित किसानों की कृषि भूमि पर नेशनल हाइवे सड़क निर्माण करने के बाद भी अब तक क्यू नही दी गई मुआवजा राशि आखिर अनूपपुर कलेक्टर व कोतमा एस डी एम किसानों से क्या छिपा रहें कलेक्टर एस डी एम आखिर क्यो नही वितरण कर रहें मुआवजा राशि आखिर नेशनल हाइवे पर अधिग्रहित भूमि की मुआवजा राशि वितरण मामले में हीला हवाली का क्या मतलब है अगर शासन प्रशासन ने किसानों की कृषि भूमि पर सड़क निर्माण किया है तो अब तक क्यू नही दी गई मुआवजा राशि जबकि सड़क निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद से ही मध्यप्रदेश सरकार एमपी आर डी सी द्वारा शहडोल एवं मेन टोला में टूल नाका लगाकर आम जनता से उक्त नेशनल हाइवे सड़क निर्माण के एवज में प्रतिदिन लाखों रुपये वसूल कर रही है।ऐसा नही है कि मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश की आम जनता पर नेशनल हाइवे सड़क निर्माण कर कोई एहसान नही कर रही आखिर पीड़ित किसानों ने अपनी कृषि भूमि देकर उसके बदले अपना अधिकार मांग रही वर्ष 2017-18 से कोतमा तहसील अंतर्गत पटवारी हल्का कोतमा कल्याणपुर बुढ़ानपुर बेलिया छोट रेऊदा डोला के पीड़ित किसान मुआवजा राशि पाने के लिए दर्जनो बार कोतमा एस डी एम सहित अनूपपुर कलेक्टर कमिश्नर शहडोल व सांसद विधायक मंत्री को पत्राचार कर चुके लेकिन अब तक किसी ने भी पीड़ित किसानों की नही सुनी।
कलेक्टर महोदया को मामले की है पूरी जानकारी-
बीते दिनों पीड़ित किसानों की मुआवजा राशि वितरण मामले को लेकर नवागत कलेक्टर महोदया सोनिया मीना से मीडिया द्वारा चर्चा की गई तो कलेक्टर महोदया ने कहा कि मुझे उक्त मामले की जानकारी है मै जांच कराकर मुआवजा राशि वितरण करने की बात कही गई।अब सवाल यह है कि इसमें जांच कराने का क्या मतलब है तत्कालीन कलेक्टर चंद्र मोहन ठाकुर ने भी कुछ इसी तरह की जांच कराने की बात कही थी लेकिन गाँधी जी ने उक्त जांच को प्रभावित कर दिया था और साहब चल दिए।सीधी सी बात है एमपी आर डी सी शहडोल एवं कोतमा एस डी एम ने मिलकर उक्त किसानों की भूमि अधिग्रहित कर राष्ट्रीय राजमार्ग का बोर्ड व पत्थर लगा दिया है अब अगर उक्त भूमि पर किसान कृषि कार्य या अन्य निर्माण कार्य करना चाहता है तो एमपी आर डी सी एवं राजस्व विभाग किसानों द्वारा किए जा रहे कार्यों को बंद करा दिया जाता है।यहा पर यह कहावत बिल्कुल फिट बैठती है कि उल्टा चोर कोतवाल को डांटे आखिर कौन से कानून व संविधान के तहत एमपी आर डी सी शहडोल एवं राजस्व विभाग किसानों को अपनी भूमि पर कृषि कार्य सहित अन्य कार्य करने से रोकती है इसका जवाब अनूपपुर कलेक्टर व कोतमा एस डी एम को आम जनता को देना चाहिए।
जानकारों कहना है कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा समस्त किसानों की अधिग्रहित भूमि का मुआवजा एमपी आर डी सी शहडोल एवं कलेक्टर अनूपपुर को वर्ष 2017-18 में ही दे दिया गया है तत्कालीन एस डी एम मिलिन्द नागदेवे द्वारा ले देकर सिर्फ दो किसान को मुआवजा वितरण किया गया बाकी शेष किसान आज भी कार्यालय के चक्कर लगा रहें।उसके बाद एमपी आर डी सी अधिकारी व कोतमा एस डी एम द्वारा पीड़ित किसानों को मुआवजा वितरण नही किया गया इसका मतलब साफ है कि एमपी आर डी सी अधिकारी व कलेक्टर अनूपपुर कोतमा एस डी एम ने मिलकर किसानों की भूमि को अधिग्रहित कर नेशनल हाइवे सड़क निर्माण करा दिया और किसानों को मिलने वाली मुआवजा राशि खुद डकार गए।ऐसे में पीड़ित किसान मजबूर होकर आंदोलन धरना-प्रदर्शन करने की तैयारी में जुट गया है पीड़ित किसान जीवन लाल चर्मकार ज्ञान सिंह मान सिंह ध्यान सिंह हिमांशु अग्रवाल अब्दुल सकूर रऊफ सहित समस्त प्रभावित किसानों ने बताया कि अगर अनूपपुर कलेक्टर द्वारा एक सप्ताह में हमें मुआवजा राशि नही दी गई तो 15 अगस्त आजादी के दिन नेशनल हाईवे पर धरना देंगे जिसकी समस्त जवाबदारी शासन प्रशासन की होंगी।
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