Sunday, April 11, 2021

आखिर दमोह में क्यो नही है लाक डाउन क्या दमोह में नही फैल रहा कोरोना

  
अनूपपुर- आमीन वारसी-कहते है एक राजा राजगद्दी पर बैठने से पहले अपने राज्य की प्रजा की जान माल की रंक्षा करने की शपथ लेता है लेकिन राजा द्वारा लिए गए शपथ के मायने ही बदलते जा रहें।मध्यप्रदेश की जनता को याद होगा पिछले वर्ष 2020 फरवरी के महीने में पूरा देश कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा था और मध्यप्रदेश उन दिनों कोरोना महामारी से मुक्त था लेकिन राजनैतिक दल अपने निजी स्वार्थ के लिए उठा पटक करते रहें कांग्रेस पार्टी अपनी सत्ता बचाने में लगीं थी वही भाजपा सत्ता पर काबिज होने में लगीं थी आखिर मध्यप्रदेश की आम जनता द्वारा चुनी गई कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को गिराने में भारतीय जनता पार्टी कामयाब हो गई और जब तक शिवराज सिंह चौहान शपथ नही लिए थे तब तक सब कुछ ठीक रहा जैसे ही शिवराज सिंह चौहान ने 22-23 मार्च को मुख्यमंत्री की शपथ ली वैसे ही देश के यशस्वी प्रधान मंत्री जी दो दिन का जनता कर्फ्यू और फिर बिना सोचे समझे पूरे देश में ताला बंदी कर दिए जिससे देश की आम जनता दबाह व बर्बाद हो गई सैकड़ों लोग भूख प्यास से पैदल चलकर अपनी जान गवां चुके कई लोगों की सड़क दुर्घटना रेल दुर्घटनाओं में जान चली गई लाखों मजदूर घर से बेघर हो गए लेकिन देश के महाराजा को अपने देश की प्रजा पर ज़रा भी दया नही आई।देश प्रदेश की आम जनता को केंद्र व भाजपा शासित राज्यों की सरकारों द्वारा लिए गए लाक डाउन के निर्णय को अच्छी तरह समझना होंगा क्योकि जहाँ चुनाव कराना है वहां जनता कर्फ्यू लाक डाउन नही लगाया जाता क्योकि केन्द्र की मोदी सरकार व चुनाव आयोग के अनुसार चुनावी राज्यो में कोविड 19 कोरोना संक्रमण नही फैलता इसीलिए  एक वर्ष बाद वही इतिहास को दोहराते हुए चुनावी राज्यो व ज़िले को छोड़ कर बाकी राज्यो में ताला बंदी करने की तैयारी कर रहे हैं।जिसका उदाहरण 5 राज्य के विधानसभा चुनाव सहित दमोह उपचुनाव में देखा जा सकता है।एक ओर दिनों दिन मध्यप्रदेश में कोरोना के आकड़े तेजी से बढ़ते जा रहें कई जिलों में 19 अप्रैल तक लंबा लाकडाउन लगाया गया है।वही दूसरी ओर 17 अप्रैल को दमोह उपचुनाव होने वाले है जहाँ  राजनैतिक पार्टियों द्वारा एक से बढ़कर एक बड़ी बड़ी सभाएं व रैलियां की जा रही है।चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश के मुखिया दमोह की जनता को घर से बाहर निकलकर चुनाव जीताने की अपील कर रहे हैं साथ ही यह भी कह रहे कि जिस बूथ से ज्यादा वोट मिलेंगे मै पहले वही आऊंगा और दूसरी ओर  दमोह को छोड़कर पूरे मध्यप्रदेश में लाक डाउन कर दिया साथ ही कोविड 19 कोरोना संक्रमण को दृष्टि को ध्यान में रखते हुए आम जनता से यह अपील कर रहें है कि घरों से बाहर न निकले अपने घरों में सुरक्षित रहें।प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान द्वारा मध्यप्रदेश की आम जनता के साथ इस तरह का भंदा मजाक किया जा रहा है।एक तरफ दमोह की आम जनता को चुनावी सभा व रैलियों में शामिल कर कोरोना से मार रहें है दूसरी तरफ लाक डाउन करके पूरे मध्यप्रदेश की आम जनता का रोजगार बंद करवाकर घरों में बंद करके मार रहें है।हालाकि विपक्ष द्वारा दमोह उपचुनाव को लेकर मध्यप्रदेश सरकार एवं चुनाव आयोग को उपचुनाव स्थगित करने की मांग कि गई है।लेकिन आचार संहिता के चलते शिवराज सरकार ने यह फैसला चुनाव आयोग पर छोड़ दिया है अब सवाल यह उठता है कि क्या कोरोना के बीच ही दमोह  उपचुनाव करवाया जाएंगा।जबकि दमोह उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी राहुल लोधी के चुनाव प्रचार में शामिल हुए पूर्व मंत्री   जयंत मलैया पत्नी सुधा मलैया कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत सहित दमोह के कई नेता कोरोना संक्रमित हो चुके है।पिछले 9 दिनों में 7 लोगों की मौत हो चुकी है और 235 नए संक्रमित पाएं गए है। ऐसे में 17 अप्रैल को उपचुनाव कराना क्या सही है विपक्ष लगातार चुनाव आयोग व मध्यप्रदेश सरकार से चुनाव की तारीख आगें बढ़ाने की मांग कर रही है।अब देखना यह है कि चुनाव आयोग निकाय चुनाव की तरह दमोह उपचुनाव की तारीख आगें बढ़ाएगी या फिर 17 अप्रैल को वोटिंग होंगी।

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