Saturday, August 31, 2019

दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी गजेन्द्र शुक्ला ने मचा रखी है लूट


कोतमा/आमीन वारसी- तहसील कार्यालय  फर्जी वाड़ा हेराफेरी करने के मामले में हमेशा से सुर्खियों में रहा है जैसे फर्जी तरीके से नक्शा तरमीम एवं श्रीमाकंन करना फर्जी पट्टा बनाकर फर्जी  नामातरण कर देना और तो और कोतमा तहसील अंतर्गत कुछ अधिकारी कर्मचारियों की मिली भगत से सैकड़ों एकड़ शासकीय भूमि को भू माफियाओ के साथ मिलकर क्रय विक्रय करना एवं कब्जा करा देना यह तो कोतमा तहसील कार्यालय की परम्परा चली आ रही है।जिसकी लिखित शिकायत भी कई बार की जा चुकी है लेकिन कोतमा तहसील कार्यालय में चल रहे फर्जी वाड़ा मामले पर रोक लगाने में सभी अधिकारी नाकाम साबित हुए। जो भी अधिकारी आए अपनी कार्य अवधि पूरी किए और चल दिए लेकिन किसी ने जिम्मेदारी से भ्रष्ट कर्मचारियों पर कार्यवाही करना उचित नही समझा। जिसका खामियाजा आज तक  कोतमा तहसील अंतर्गत क्षेत्र की आम जनता को भुगतना पड़ा रहा।

तहसील कार्यालय बना लूट का अड्डा-

मध्यप्रदेश की सरकार भले ही प्रदेश के आम जन गरीब आदिवासी किसानों के लिए तरह तरह की सुविधा मुहैया कराने के लिए प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारियों को तैनात किया है मगर कोतमा तहसील कार्यालय में 15 वर्ष से पदस्थ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी  कम्प्यूटर ऑपरेटर गजेन्द्र शुक्ला शासन के आदेश को दर किनार करते हुए आम जन गरीब आदिवासी किसानों पंक्षकार से बगैर पैसा लिए नकल नही देता आपत्ति करने पर अभद्रता पर उतारू हो जाता है कुल मिलाकर गजेन्द्र शुक्ला तहसील कार्यालय को लूट का अड्डा बना चुका है।

किस अधिकारी की शह पर  मचा रखी है लूट-

आखिर एक अदना सा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी गजेन्द्र शुक्ला किस अधिकारी के शह पर खुलेआम खसरा नक्शा नकल ऋण पुस्तिका के नाम अवैध रूप से राशि वसूल कर रहा ऐसा नहीं है कि गजेन्द्र शुक्ला के उक्त कृत्य की जानकारी अधिकारियों को नही होगी जानतें सब होंगे लेकिन  कार्यवाही करने से बचते है क्योकि एक अदना सा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी गजेन्द्र शुक्ला सिर्फ अपने लिए ही अवैध वसूली नही करता होगा कुछ तो बाटना पड़ता होगा।वरना एक छोटे कर्मचारी की इतनी हिम्मत कहा जरूर किसी न किसी अधिकारी या फिर किसी राजनैतिक दलाल का लूटपाट करने वाले तहसील कार्यालय में पदस्थ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी गजेन्द्र शुक्ला को  सरंक्षण प्राप्त है। अन्यथा अब तक ऐसे भ्रष्ट कर्मचारी को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया होता लेकिन अब तक गजेन्द्र शुक्ला के खिलाफ कार्यवाही न होने से यह साबित होता है कि गजेन्द्र शुक्ला के कृत्य से अधिकारी वाकिफ़ है। तभी तो खुलेआम आम जन गरीब आदिवासी किसानों पंक्षकार से पैसा वसूली कर रहा और जिम्मेदार मौन धारण किये हुए है।

अभिभाषक संघ ने सौंपा ज्ञापन-

कोतमा अभिभाषक संघ द्वारा दिनांक 30-8-19 कोतमा तहसीलदार पंकज नयन तिवारी को एक ज्ञापन सौंपते हुए तहसील कार्यालय में पदस्थ दैनिक वेतन भोगी भ्रष्ट कर्मचारी गजेन्द्र शुक्ला को हटाए जाने की मांग कि है अब देखना यह है कि गजेन्द्र शुक्ला के खिलाफ  कार्यवाही होती है या फिर तहसील कार्यालय में लूटपाट करने के लिए अधिकारियों द्वारा अभयदान दे दिया जाएगा।
जब इस सम्बंध में कोतमा तहसील के नवागत तहसीलदार पंकज नयन तिवारी से फोन पर जानकारी चाही गई तो साहब ने फोन उठाना मुनासिब नही समझा ।
इनका कहना: हम लोगों के द्वारा तहसीलदार को ज्ञापन दे दिया गया है अगर गजेन्द्र शुक्ला को
 तत्काल तहसील कार्यालय से नही हटाया गया तो विरोध प्रदर्शन धरना प्रदर्शन करेंगे।

राजेश सोनी एडवोकेट
अभिभाषक संघ अध्यक्ष,कोतमा

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