Monday, April 22, 2019

तो क्या विधानसभा चुनाव मे भाजपा अलर्ट नही थी


कोतमा/आमीन वारसी- इन दिनों पूरे देश में लोकसभा चुनाव हो रहें है और 29 अप्रैल को मध्यप्रदेश में भी कई संसदीय सीट पर चुनाव होने है जिसमें शहडोल संसदीय क्षेत्र भी शामिल है लोक सभा चुनाव को लेकर प्रचार प्रसार में दोनों ही प्रमुख दल जमकर एक दूसरे पर निशाना साधे हुए है बयानबाज़ी जारी है लेकिन विकास के मुद्दे गायब है कोई मोदी के नाम पर वोट मांग रहा तो कोई राहुल के नाम पर सत्ता धारी पार्टी और  कार्यकर्ता तो 2014 में देश की आम जनता से किए गए वादों पर बिल्कुल भी बात नही करना चाहते सिर्फ जनता को बरगलाकर वोट मांग रहे हैं इस तरह प्रत्याशी और कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है शोसल मीडिया में तरह तरह के कमेन्टस देखने को मिल रहे है कि लोक सभा चुनाव को लेकर भाजपा अलर्ट है।मगर सवाल यह है कि क्या 5 माह पूर्व हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और कार्यकर्ता अलर्ट नही थे क्या यह मान लिया जाए कि अनूपपुर जिले की तीनों विधानसभा सीट पुष्पराजगढ़ अनूपपुर कोतमा में भाजपा अलर्ट नही थी शायद इसलिए तीनों विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा अगर ऐसा नही है तो फिर भाजपा चुनाव क्यो हारी और 5 माह में ऐसा क्या खास हो गया कि भारतीय जनता पार्टी लोक सभा चुनाव जीत जाएगी क्योकि जिले के मतदाता तो वही है जो कुछ माह पूर्व ही बदलाव के लिए मतदान किए थे।

यह रहा विधानसभा चुनाव परिणाम- अनूपपुर जिले की तीनों विधानसभा सीट पुष्पराज गढ़ से भाजपा प्रत्याशी नरेन्द्र मरावी कांग्रेस प्रत्याशी फुदेलाल सिंह से लगभग 22 हजार मत से पराजित हुए थे वही अनूपपुर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी रामलाल रौतेल से कांग्रेस प्रत्याशी बिसाहूलाल सिंह लगभग 11 हजार मत से जीत दर्ज की है यही हाल कोतमा विधानसभा क्षेत्र का भी रहा है जहां भाजपा प्रत्याशी दिलीप जायसवाल से कांग्रेस प्रत्याशी सुनील सराफ 11 हजार मत से जीत हासिल की कटनी के बडवारा विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी विजय भागवेन्द्र सिंह ने भाजपा प्रत्याशी से लगभग 22 हजार वोटों से शानदार जीत दर्ज किए है इस तरह संभाग की चार विधानसभा में कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन रहा है जिससे भारतीय जनता पार्टी लगभग 60 हजार से ज्यादा वोटों   चारों खाने चित हुई है शहडोल संभाग की कुल 8 विधानसभा सीट में कोतमा अनूपपुर पुष्पराज गढ़ एवं बड़वारा मिलाकर कांग्रेस के पास 4 सीट है और जैतपुर जयसिंह नगर उमरिया के मानपुर एवं बांधवगढ़ सीट मिलाकर 4   भाजपा के पास है विधानसभा चुनाव परिणाम के हिसाब से तो मुकाबला भाजपा कांग्रेस दोनों में बराबर का है।

सूखे पत्तों की तरह टूट कर बिखर रहे दिग्गज- अनुशासन का पाठ पढ़ाने वाली पार्टी इन दिनों अपने लोगों से जूझती हुई दिखाई पड़ रही है बीते वर्ष भारतीय जनता पार्टी को जिला पंचायत अध्यक्ष नरेन्द्र मरावी झटका दिया था सिलसिला यही नही थमा विधानसभा चुनाव में टिकट नही मिलने के कारण जयसिंह नगर क्षेत्र की पूर्व विधायक प्रमिला सिंह ने भाजपा को दूसरा झटका दे दिया और कांग्रेस में शामिल हो गई लोक सभा चुनाव आते आते तीन बड़े झटके भाजपा को और लग गए जिसमें जिला पंचायत के पूर्व  उपाध्यक्ष किशोरी लाल चतुर्वेदी भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए फिर जिला पंचायत की वर्तमान उपाध्यक्ष श्रीमती पूर्णिमा तिवारी ने भाजपा से किनारा कर लिया शहडोल की राजनीति में भाजपा की बड़ी ताकत कहे जाने वाले पूर्व विधायक छोटे लाल सरावगी के इस्तीफा देने से मानों शहडोल की राजनीति में भूचाल आ गया हो सासंद ज्ञान सिंह ने भले ही पार्टी नही बदली लेकिन अपनी नाराजगी खुलेआम जाहिर कर चुके है साथ ही निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान भी कर चुके थे प्रदेश स्तर के नेताओं के कहने पर  चुनाव तो नही लड़ रहे है लेकिन पार्टी से अब भी नाराज है अब तक उन्होंने प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार प्रसार करने नही निकले और न ही पार्टी के किसी कार्यक्रम में अब तक हिस्सा लिया मतलब साफ है ज्ञान सिंह अलर्ट नही है और एक के बाद एक बड़े भाजपा नेताओं का कांग्रेस पार्टी में शामिल होना यह संकेत देता है कि शहडोल की राजनीति में कुछ न कुछ बदलाव होना है।

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