कोतमा/आमीन वारसी-- मध्यप्रदेश में भले ही सरकार बदल गई है लेकिन हालात बिल्कुल भी नही बदले आज भी प्रशासनिक व्यवस्थाए जस की तस है बद से बदतर हालात कोतमा राजस्व अनुभाग क्षेत्र में आसानी से देखा जा सकता है की आम जनता किस तरह से कोतमा एस डी एम की कार्य प्रणाली से परेशान है।एक समय था जब कोतमा विधानसभा क्षेत्र की एक ही आवाज थी कि एस डी एम हो तो गजेन्द्र सिंह जैसा जिनके कार्य काल के दौरान दूर दराज से न्याय पाने आए पीड़ित गरीब किसानों को सिर्फ न्याय ही मिलता था साथ ही सिर्फ तत्कालीन एस डी एम गजेन्द्र सिंह का नाम सुनकर ही अवैध उत्खनन कारोबारियो की पतलूम गीली हो जाती थी और आज स्थितियां यह है कि भू माफिया खनन माफिया सहित तमाम अवैध कारोबारी खुलेआम अवैध कारोबार को अंजाम दे रहे है और पीड़ित किसानों को सिर्फ पेशी की तारीख पर तारीख मिलती है छोटे से छोटे मामले को एस डी एम साहब द्वारा सालों तक विचाराधीन रखा जा रहा है जिससे पीड़ित किसान हताश होकर न्याय की उम्मीद ही छोड़ दे देता है।
*आपसी बटनवारा में सालों चल रही पेशी* पीड़ित किसान शिवलाल केवट ने बताया कि कोतमा एस डी एम कार्यालय में लगभग 2 वर्ष से आपसी बटनवारा का मामला चल रहा है लेकिन आज दिनांक तक एस डी एम साहब द्वारा उक्त मामले में न तो उचित बटनवारे का आदेश दिया गया और न ही उक्त मामले को खारिज किया जा रहा जिससे मै उच्च न्यायालय जाकर न्याय की गुहार लगा सकूं मगर एस डी एम साहब द्वारा जानबूझकर उक्त बटनवारा मामले को लटकाया जा रहा है।
*हरिजन बेवा महिला भी परेशान* कोतमा तहसील अंतर्गत ग्राम बगैहा टोला निवासी हरिजन बेवा महिला केमली बाई भी कोतमा एस डी एम मिलिन्द नागदेवे द्वारा दिए जाने वाले न्याय से काफी परेशान है बेवा महिला ने बताया कि मुझे अब यह भी याद नही कि कितने वर्ष से मेरा आपसी घरेलू जमीनी विवाद एस डी एम कार्यालय में विचाराधीन है सिर्फ उसके वकील के माध्यम से पेशी की तारीख मिल जाती है और गरीब बेवा महिला अपनी मेहनत की कमाई का चढ़ावा चढ़ाकर चली जाती है लेकिन आज दिनांक तक एस डी एम साहब द्वारा उक्त मामले को न खारिज किया गया और न ही बेवा महिला को उचित न्याय मिल सका।
*अवैध कारोबारियो की बल्ले बल्ले* जब एस डी एम मिलिन्द नागदेवे ने कोतमा में पद ग्रहण किये थे तब खनन माफियाओ के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्यवाही कर रहे थे जिससे माफियाओ के हौसले पस्त हो गए थे फिर अचानक कुछ दिन बाद ही सब कुछ शांत हो गया माफिया पहले की तरह अपने अवैध कारोबार को खुलेआम अंजाम दे रहे है और कार्यवाही पूरी तरह शून्य हो गई यह देख कर यही प्रतीत होता है कि एस डी एम साहब के मौन धारण रवैये से माफियाओ की बल्ले बल्ले है।
इनका कहना: मेरे द्वारा जमीन संबंधित प्रकरण जल्द से जल्द निपटाने का निर्देश दिया जा चुका है अगर किसी भी व्यक्ति का काम नही किया जा रहा है तो मुझे बताए जल्द ही किसानों को न्याय मिलेगा।
सुनील सराफ
विधायक कोतमा
*आपसी बटनवारा में सालों चल रही पेशी* पीड़ित किसान शिवलाल केवट ने बताया कि कोतमा एस डी एम कार्यालय में लगभग 2 वर्ष से आपसी बटनवारा का मामला चल रहा है लेकिन आज दिनांक तक एस डी एम साहब द्वारा उक्त मामले में न तो उचित बटनवारे का आदेश दिया गया और न ही उक्त मामले को खारिज किया जा रहा जिससे मै उच्च न्यायालय जाकर न्याय की गुहार लगा सकूं मगर एस डी एम साहब द्वारा जानबूझकर उक्त बटनवारा मामले को लटकाया जा रहा है।
*हरिजन बेवा महिला भी परेशान* कोतमा तहसील अंतर्गत ग्राम बगैहा टोला निवासी हरिजन बेवा महिला केमली बाई भी कोतमा एस डी एम मिलिन्द नागदेवे द्वारा दिए जाने वाले न्याय से काफी परेशान है बेवा महिला ने बताया कि मुझे अब यह भी याद नही कि कितने वर्ष से मेरा आपसी घरेलू जमीनी विवाद एस डी एम कार्यालय में विचाराधीन है सिर्फ उसके वकील के माध्यम से पेशी की तारीख मिल जाती है और गरीब बेवा महिला अपनी मेहनत की कमाई का चढ़ावा चढ़ाकर चली जाती है लेकिन आज दिनांक तक एस डी एम साहब द्वारा उक्त मामले को न खारिज किया गया और न ही बेवा महिला को उचित न्याय मिल सका।
*अवैध कारोबारियो की बल्ले बल्ले* जब एस डी एम मिलिन्द नागदेवे ने कोतमा में पद ग्रहण किये थे तब खनन माफियाओ के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्यवाही कर रहे थे जिससे माफियाओ के हौसले पस्त हो गए थे फिर अचानक कुछ दिन बाद ही सब कुछ शांत हो गया माफिया पहले की तरह अपने अवैध कारोबार को खुलेआम अंजाम दे रहे है और कार्यवाही पूरी तरह शून्य हो गई यह देख कर यही प्रतीत होता है कि एस डी एम साहब के मौन धारण रवैये से माफियाओ की बल्ले बल्ले है।
इनका कहना: मेरे द्वारा जमीन संबंधित प्रकरण जल्द से जल्द निपटाने का निर्देश दिया जा चुका है अगर किसी भी व्यक्ति का काम नही किया जा रहा है तो मुझे बताए जल्द ही किसानों को न्याय मिलेगा।
सुनील सराफ
विधायक कोतमा
No comments:
Post a Comment