कोतमा/आमीन वारसी- विधानसभा क्षेत्र में यह चर्चा आम हो रही है कि जिस तरह पूरे प्रदेश में कांग्रेस की लहर चली है और 28 नवम्बर को हुए विधानसभा चुनाव के बाद से लगातार यह सामने आ रहा है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस का वनवास खत्म होता दिखाई पड़ रहा है और कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है। बहरहाल 11दिसम्बर को मतगणना के बाद सब कुछ साफ हो जाएगा कि कौन सरकार बनाएगा और कौन नहीं लेकिन यह चर्चा राजनैतिक दलों व्यापारी किसान एवं आम मतदाताओं में आम हो रही है कि अगर भारतीय जनता पार्टी कोतमा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीती तो यह जीत सिर्फ भाजपा और शिवराज की जीत होगी और अगर भाजपा चुनाव हारती है तो यह हार भाजपा की नही बल्कि दिलीप जायसवाल की होगी क्योकि भाजपा प्रत्याशी दिलीप जायसवाल का भितरघातियो ने तो खेल बिगाड़ा ही है साथ ही माई का लालों ने भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ा है और भी बहोत सा विरोध कोतमा विधानसभा क्षेत्र में देखने को मिला है वो इसलिए कि हाल ही में भाजपा से नाराज सवर्ण समाज ने भाजपा प्रत्याशी के विरोध में अपना प्रत्याशी मैदान में उतार दिया दूसरा यह कि दिलीप जायसवाल 2008 में कोतमा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके है और विधानसभा क्षेत्र के लिए कुछ कर नहीं पाए एवं उनके भाईयों द्वारा विधानसभा क्षेत्र के गरीब आदिवासी किसानों की जमीन पर अवैध कब्जा कर लेने का मामला चुनाव में सर चढ़कर बोल रहा था साथ ही कई मामले को लेकर भाजपा प्रत्याशी दिलीप जायसवाल चारों ओर से घिरे हुए नजर आए। ऐसे में अगर कोतमा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा चुनाव जीत गई तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी क्योकि भाजपा प्रत्याशी को मिलने वाला वोट सिर्फ और सिर्फ शिवराज सिंह चौहान द्वारा 15 वर्ष से पूरे प्रदेश में की गई मेहनत का फल ही कहा जाएगा लोग शिवराज को वोट किए होंगे अन्यथा भाजपा प्रत्याशी की व्यक्तिगत छवि पर जमकर चोट किया गया है।आप यह कह सकते हैं कि कोतमा विधानसभा क्षेत्र में शिवराज एवं सुनील के बीच चुनावी मुकाबला है इसीलिए चुनाव में जीत शिवराज की होगी और हार दिलीप जायसवाल की होगी।
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